(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीताराम येचुरी को एम्स डॉक्टरों ने दी श्रद्धांजलि? नहीं, यह तस्वीर चीन की है
सीताराम येचुरी का सितंबर 12, 2024 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था. उनकी मृत्यु के बाद, जन कल्याण के प्रति उनकी आजीवन प्रतिबद्धता को देखते हुए, येचुरी के परिवार ने उनके शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए एम्स को दान कर दिया था.
फैक्ट चेक
[असत्य]चीन के अनहुई प्रांत के एक अस्पताल की 2016 की यह तस्वीर डॉक्टरों को अपने एक मृत साथी को श्रद्धांजलि देते हुए दिखाती है, जिसने अपना शरीर दान कर दिया था. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें कई डॉक्टर एक मृत व्यक्ति के सामने सिर झुकाए खड़े हैं. इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी)-सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के शव को सिर झुकाकर श्रद्धांजलि दी.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर की, जिसपर लिखा है - "एम्स के डॉक्टरों द्वारा अंगदाता (सीताराम येचुरी) को अंतिम सलामी." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. वहीं, एक फ़ेसबुक यूज़र ने तस्वीर पोस्ट कर लिखा, "दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने देह दान दाता को अंतिम सम्मान दिया अंग दाता का नाम सीताराम येचुरी है. कॉमरेड सीताराम येचुरी ने मृत्युपरांत शरीर दान कर दिया एम्स नई दिल्ली को...जीवन के बाद भी एक मिसाल तो कायम एक कम्युनिस्ट हीं कर सकता है." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
गौरतलब है कि सीताराम येचुरी का सितंबर 12, 2024 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था. उनकी मृत्यु के बाद, जन कल्याण के प्रति उनकी आजीवन प्रतिबद्धता को देखते हुए, येचुरी के परिवार ने उनके शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए एम्स को दान कर दिया था.
हालांकि, वायरल हो रही तस्वीर चीन के अनहुई प्रांत की राजधानी हेफ़ेई शहर के एक अस्पताल की है और इसमें डॉक्टरों को एक मृतक साथी डॉक्टर के पार्थिव शरीर का सम्मान करते हुए दिखाया गया है, जिसने 2016 में अपने अंग दान किए थे.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें यह चीन के सरकारी मीडिया संगठन, चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क (सीजीटीएन) द्वारा सितंबर 30, 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली, जिसका शीर्षक था "तिब्बत में वालंटियर करते हुए चीनी डॉक्टर की मृत्यु,अंग दान किए."
रिपोर्ट के मुताबिक़, पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत के 41 वर्षीय डॉक्टर झाओ जू की तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शन्नान में डॉक्टरों के एक समूह के साथ काम करते समय मृत्यु हो गई. झाओ चाहते थे कि उनकी मृत्यु के बाद उनके अंगों को दान कर दिया जाए, जिसके बाद उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी किडनी, लीवर और कॉर्निया दान कर दिए.
सितंबर 30, 2016 को प्रकाशित सीजीटीएन रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: सीजीटीएन/स्क्रीनशॉट)
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि झाओ जू के साथी डॉक्टरों ने अनहुई प्रांत की राजधानी हेफ़ेई शहर के एक अस्पताल में झुककर झाओ को श्रद्धांजलि दी, जिसकी तस्वीरें भी वायरल हुईं.
रिपोर्ट में झाओ के पिता का एक बयान भी है, जिसमें उन्हें यह कहते हुए कोट किया गया है, "मेरा बेटा एक डॉक्टर था, वह घायलों को ठीक करता था और मरने वालों को बचाता था और वह हमेशा दूसरों के कल्याण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देता था."
यह तस्वीर 'सिक्स्थ टोन' वेबसाइट पर 2018 के एक आर्टिकल में भी मौजूद थी, जिसमें चीन में अंगदान के बढ़ते चलन पर चर्चा की गई थी. आर्टिकल के मुताबिक़, तस्वीर में सितंबर 29, 2016 को अनहुई प्रांत के हेफ़ेई के एक अस्पताल में मरीज़ के उपयोगी अंगों को निकालने के लिए सर्जरी के बाद डॉक्टरों और नर्सों को एक अंग दाता को सम्मान देते दिखाया गया है.
इसके अलावा, यह तस्वीर चीनी वेबसाइट ईसीएनएस डॉट सीएन के फ़ोटो सेक्शन की सितंबर 30, 2016 की रिपोर्ट में भी प्रकाशित हुई थी, जिसमें डॉ. झाओ जू के अंगदान की जानकारी दी गई थी.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल तस्वीर दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों द्वारा सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि देने की नहीं है, बल्कि यह चीन के अनहुई प्रांत की राजधानी हेफ़ेई शहर के एक अस्पताल की 2016 की तस्वीर है.