बांग्लादेश में हिंसा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं का ये वीडियो नहीं है, जिसे किया जा रहा वायरल
हैशटैग #HinduLivesMatter वाले इस पोस्ट को 3,000 से ज़्यादा बार शेयर किया गया और क़रीब 118,000 बार देखा गया है.
फैक्ट चेक
निर्णय भ्रामकयह वीडियो बांग्लादेश में हिंदुओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का नहीं, बल्कि अवामी लीग की छात्र शाखा छात्र लीग द्वारा आयोजित 2023 की रैली का है. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें भगवा कपड़े पहने लोग रैली निकालते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि इसमें बांग्लादेश में मौजूदा अशांति और सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ़ ढाका में बड़ी संख्या में हिंदुओं द्वारा विरोध प्रदर्शन दिखाया गया है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया, "ढाका की सड़कों पर भगवा सैलाब. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में बांग्लादेश के हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं." हैशटैग #HinduLivesMatter वाले इस पोस्ट को 3,000 से ज़्यादा बार शेयर किया गया और क़रीब 118,000 बार देखा गया है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे हो दावों वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो 2023 का है और इसमें बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) द्वारा आयोजित एक रैली दिखाई गई है, जो अवामी लीग की छात्र इकाई है, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के कार्यकाल के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने पाया कि रैली के वीडियो में दिख रहे पोस्टर पर बंगाली भाषा में नारा लिखा हुआ है जिसका हिंदी अनुवाद है “छात्र रैली सफल हो.”
इस जानकारी और वीडियो के कीफ़्रेम की रिवर्स इमेज सर्च से हमें सितंबर 1, 2023 को बांग्लादेशी न्यूज़ पोर्टल चैनल 24 द्वारा अपलोड किया गया एक वीडियो मिला (आर्काइव यहां). “एक विशाल जुलूस के साथ बीसीएल रैली में नेता और कार्यकर्ता” शीर्षक वाला यह वीडियो वायरल फुटेज से मेल खाता है.
रैली के वीडियो का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: चैनल24)
इसके बाद, संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये गूगल सर्च करने पर हम बांग्लादेश छात्र लीग के फ़ेसबुक पेज पर पहुंचे, जहां हमें एक पोस्ट (आर्काइव यहां) मिला, जिसमें वायरल वीडियो जैसी ही तस्वीरें थीं. पोस्ट का बांग्ला कैप्शन है: “बांग्लादेश छात्र लीग द्वारा ‘राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और बंगमाता शेख फाजिलतुन नेचा मुजीब’ की याद में गफरगांव उपज़िला छात्र लीग और नगर छात्र लीग का आयोजन…”
फ़हमी गुलंदाज बाबेल द्वारा सितंबर 2023 में की गई एक और फ़ेसबुक पोस्ट (आर्काइव यहां) में वही तस्वीरें और कैप्शन हैं. बाबेल की प्रोफ़ाइल से पता चलता है कि वह बांग्लादेश में संसद सदस्य हैं.
सितंबर 1, 2023 को प्रकाशित ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ढाका के सुहरावर्दी उद्यान में छात्र लीग द्वारा आयोजित रैली को पूर्व प्रधानमंत्री हसीना ने संबोधित किया था. यह रैली ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और बंगमाता शेख फजीलतुन्नसा मुजीब के सम्मान में आयोजित की गई थी.
रैली को फाइनेंशियल एक्सप्रेस, न्यूएज और न्यूज़ एजेंसी बीएसएस सहित कई न्यूज़ आउटलेट्स ने कवर किया था.
गूगल स्ट्रीट व्यू के ज़रिये, हमने पुष्टि की कि रैली के मार्ग में काजी नज़रुल इस्लाम एवेन्यू शामिल था. स्ट्रीट व्यू पर दिखाई देने वाली इमारतें वायरल वीडियो में दिखाई देने वाली इमारतों से मेल खाती हैं.
गूगल स्ट्रीट व्यू और वायरल वीडियो में दिखाई गई इमारतों की तुलना. (स्रोत: एक्स/गूगल स्ट्रीट व्यू)
बांग्लादेश में मौजूदा अशांति
कई दिनों की हिंसा के बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अगस्त 8 2024 को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली.
पूर्व प्रधानमंत्री हसीना सार्वजनिक सेवा में कोटा प्रणाली को लेकर जून 2024 में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच अगस्त 5 को बांग्लादेश से भाग गईं. विरोध प्रदर्शन सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, जिसके परिणामस्वरूप अगस्त 6 तक कम से कम 440 लोगों की मौत हो हो चुकी है.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स बांग्लादेश हिंसा के बारे में ग़लत सूचनाओं का सक्रिय रूप से खंडन कर रहा है. आप हमारे फ़ैक्ट-चेक यहां पढ़ सकते हैं.
निर्णय
यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो सितंबर 2023 से ऑनलाइन मौजूद है और इसका बांग्लादेश में चल रही अशांति से कोई संबंध नहीं है. इसमें शेख़ मुजीबुर रहमान और बंगमाता शेख़ फाजिलतुन नेचा मुजीब की याद में छात्र लीग द्वारा आयोजित एक छात्र रैली को दिखाया गया है.