निर्णय- असत्य




    2022 की इस तस्वीर में कांग्रेस नेताओं को महंगाई और GST वृद्धि को लेकर प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है. इसका राम जन्मभूमि के शिलान्यास से संबंध नहीं.


दावा क्या है? 


सोशल मीडिया पर काले कपड़ों में विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य नेताओं की तस्वीर को अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि 5 अगस्त 2022 को जब श्री राम जन्मभूमि का शिलान्यास हो रहा था तो विरोध स्वरूप कांग्रेस सांसद काले कपड़े पहनकर संसद भवन पहुंचे थे.


एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर इस तस्वीर को ख़ूब शेयर किया जा रहा है. इसी दावे के साथ शेयर किये गए एक एक पोस्ट को अब तक 11 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है. ऐसे ही अन्य पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहांयहांयहां और यहां देखें. 



वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)


हालांकि, सच्चाई यह है कि 5 अगस्त, 2022 की इस तस्वीर में कांग्रेस नेताओं को महंगाई, बेरोज़गारी और जीएसटी में वृद्धि को लेकर प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है और इसका श्रीराम जन्मभूमि के शिलान्यास से कोई संबंध नहीं है. 


सच्चाई क्या है? 


जब हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये तस्वीर के असल सोर्स की खोज की, तो हमें यह 5 अगस्त, 2022 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स में मिली. हालांकि, ये रिपोर्ट्स राम जन्मभूमि शिलान्यास से नहीं बल्कि महंगाई, बेरोज़गारी और जीएसटी के मुद्दे पर संसद भवन के बाहर कांग्रेस के प्रदर्शन से जुड़ी थीं.


यह तस्वीर 5 अगस्त 2022 को प्रकाशित टेलीग्राफ़ इंडिया की रिपोर्ट में मौजूद है, जिसका क्रेडिट न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि राहुल गांधी सहित कांग्रेस सांसदों ने काले कपड़े पहनकर संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और महंगाई, आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी वृद्धि और और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ पार्टी के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च निकाला. 



टेलीग्राफ़ इंडिया रिपोर्ट में मौजूद तस्वीर का स्क्रीनशॉट (सोर्स: टेलीग्राफ़/स्क्रीनशॉट)


हमें यह तस्वीर न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के फ़ोटो आर्काइव पर भी मिली, जहां तस्वीर के विवरण में बताया गया है कि यह 5 अगस्त 2022 को ली गई थी.



पीटीआई आर्काइव में मौजूद तस्वीर के विवरण का स्क्रीनशॉट (सोर्स: पीटीआई)


वायरल तस्वीर में प्रदर्शन में मौजूद नेताओं के हाथों में महंगाई और जीएसटी वृद्धि से जुड़े पोस्टर्स देखे जा सकते हैं.



तस्वीर में जीएसटी वापस लेने, गैस के दाम करने और महंगाई से जुड़े कई पोस्टर देखे जा सकते हैं. (सोर्स: एक्स/ स्क्रीनशॉट)


क्यों हुआ था प्रदर्शन?


न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक़, विपक्षी दल के प्रदर्शनकारी सांसदों ने आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग करते हुए सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी की थी. इस बीच राहुल गांधी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई सहित 64 सांसदों को पुलिस ने हिरासत में लिया. 


इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द हिंदू बिज़नेस लाइन, एनडीटीवी समेत कई मीडिया रिपोर्ट्स में महंगाई और जीएसटी में बढ़ोतरी को लेकर 5 अगस्त 2022 को संसद के बाहर काले कपड़े पहने कांग्रेस नेताओं के विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें मौजूद हैं. 


टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस ने अपने नेताओं को निशाना बनाने के लिए सरकार द्वारा जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का भी विरोध किया. प्रदर्शनकारी विपक्षी दलों के नेताओं को दिल्ली पुलिस ने विजय चौक पर ही रोक दिया और राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी.


इनमें से किसी भी रिपोर्ट में कांग्रेस नेताओं के श्रीराम जन्मभूमि के शिलान्यास का सांकेतिक विरोध करने का कहीं भी ज़िक्र नहीं है. 


गौरतलब है कि 5 अगस्त 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी. हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें कहा गया हो कि कांग्रेस ने उस समय इसका विरोध किया था.


हमने पाया कि राम मंदिर की आधारशिला रखने के अवसर पर कांग्रेस ने एक्स पोस्ट के ज़रिये लोगों को बधाई दी थी. इस मौक़े पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पोस्ट करते हुए भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप बताया था. 



 


कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करती है और राम मंदिर निर्माण के पक्ष में है.


निर्णय 


वायरल तस्वीर के साथ यह दावा कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस सांसदों ने 5 अगस्त 2022 को श्रीराम जन्मभूमि के शिलान्यास के दिन विरोध स्वरूप काले कपड़ों में संसद पहुंचे थे, ग़लत है. क्योंकि, यह तस्वीर महंगाई, बेरोज़गारी और जीएसटी के मुद्दे पर संसद के बाहर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान ली गई थी. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ  इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.