CLAIM

वीडियो में देखा जा सकता है कि बांग्लादेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्क्रीनिंग की जा रही है.

FACT CHECK

बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. यह वीडियो बांग्लादेश का नहीं बल्कि महाराष्ट्र का है. बीते 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस से जुड़ी यह फिल्म ठाणे स्थित मुंब्रा में दिखाई गई थी.

सोशल मीडिया पर बाबरी विध्वंस से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश का है, जहां बड़ी-बड़ी स्क्रीनों पर बाबरी विध्वंस दिखाया जा रहा है.

बूम ने पड़ताल में पाया कि वीडियो बांग्लादेश का नहीं बल्कि महाराष्ट्र का है. ठाणे के मुंब्रा में 6 दिसंबर 2024 को 'सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)' ने यह स्क्रीनिंग आयोजित की थी. SDPI मुंब्रा के जनरल सेक्रेटरी सरफराज शेख ने बूम से की गई बातचीत में इसकी पुष्टि की कि ठाणे के मुंब्रा इलाके में इस डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई थी.

लगभग चार मिनट के इस वायरल वीडियो में एक सड़क किनारे बड़ी-सी स्क्रीन पर बाबरी मस्जिद से जुड़ी एक फिल्म चल रही है. सड़क किनारे जुटी भीड़ से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कोई मुस्लिम बहुल इलाका है. इस डॉक्युमेंट्री में पूरी टाइमलाइन के साथ बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद की शुरुआत से लेकर अंत तक का एक संक्षिप्त इतिहास बताया गया है.

एक्स पर एक वेरिफाइड यूजर तुषार राय ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'बांग्लादेश में बड़ी- बड़ी स्क्रीन लगा बाबरी मस्जिद का विध्वंस दिखाने का मकसद क्या है! हिन्दुओं के प्रति मुस्लिम समुदाय को उकसाना कष्टकारी है. बताइए हमारे देश ने बनाया वो आंख दिखा रहा?' 

वीडियो महाराष्ट्र का है

वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि स्क्रीन पर नीचे की तरफ 'Social Democratic Party of India' लिखा हुआ था. बता दें कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी भारत का एक राजनीतिक दल है. वीडियो में इस दल का झंडा भी देखा जा सकता है. इससे हमें अंदेशा हुआ कि वीडियो बांग्लादेश का नहीं है.

वायरल वीडियो के कीफ्रेम जरिए बुलंद आवाज नाम के यूट्यूब चैनल पर हमें यह वीडियो मिला. इसके टाइटल में बताया गया कि बाबरी मस्जिद की याद में मुंब्रा में 6 दिसंबर को यह डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई. संबंधित कीवर्ड्स से हमें SDPI मुंब्रा के एक्स और इंस्टाग्राम हैंडल पर इस स्क्रीनिंग का मिलता-जुलता वीडियो मिला.

इसमें स्पष्ट तौर पर बताया गया था कि 6 दिसंबर को SDPI मुंब्रा ने दारुल फलाह मस्जिद के पास बाबरी मस्जिद की टाइमलाइन पर एक प्रदर्शनी आयोजित की, जिसमें स्क्रीनिंग के माध्यम से बाबरी विध्वंस के इतिहास को उजागर किया गया.

SDPI मुंब्रा के यूट्यूब चैनल पर मूल वीडियो भी देखा जा सकता है, जिसे बांग्लादेश का बताकर शेयर किया जा रहा है. हमें इनके इंस्टाग्राम पर इस कार्यक्रम से संबंधित एक अन्य वीडियो भी मिला. इसमें SDPI मुंब्रा के जरनल सेक्रेटरी सरफराज शेख लोगों से आयोजन में शिरकत करने की अपील करते नजर आ रहे हैं.

पुष्टि के लिए हमने जनरल सेक्रेटरी सरफराज शेख से भी संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया, "वीडियो के साथ किया जा रहा बांग्लादेश का दावा अफवाह मात्र है. SDPI हर साल 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की याद में विरोध प्रदर्शन करती है. इसी कड़ी में हमने यह प्रदर्शनी रखी थी."

सरफराज ने आगे बताया, "हमने इसके जरिए बाबरी की पूरी टाइमलाइन दिखाने की कोशिश की थी. यह आयोजन मुंब्रा इलाके के अकॉर्ड नाके के पास स्थित दारुल फलाह मस्जिद के पास किया गया था."

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट Shakti Collective के पार्ट के तहत पहले BOOM पर छपी थी. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]