दलित लड़के की पिटाई का वीडियो! अयोध्या का बताकर हो रहा वायरल, जानें क्या है इसकी सच्चाई
वीडियो में भगवा कपड़े पहने लोग कुछ वाद्ययंत्र बजाते नज़र आ रहे हैं, जबकि महिला नर्तकियों का एक समूह चल रहा है. अचानक, हाथापाई शुरू हो जाती है, दो लोग वर्दी पहने लड़के को मारना शुरू कर देते हैं.
निर्णय असत्य
- लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने पुलिस और लड़के के माता-पिता से बात की जिन्होंने पुष्टि की कि यह घटना हरियाणा में हुई थी, अयोध्या में नहीं.
दावा क्या है?
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है और मंदिर प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी चल रही है जिसमें कई गणमान्य लोग शामिल होंगे. इस कार्यक्रम से पहले, एक लड़के की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर 'समारोह' के दौरान फूल फेंकने पर लोगों ने उसकी पिटाई कर दी.
वीडियो में भगवा कपड़े पहने लोग कुछ वाद्ययंत्र बजाते नज़र आ रहे हैं, जबकि महिला नर्तकियों का एक समूह चल रहा है. अचानक, हाथापाई शुरू हो जाती है, जहां दो लोग वर्दी पहने लाल स्वेटर पहने एक लड़के को मारना शुरू कर देते हैं और वह ज़मीन पर गिर जाता है. वीडियो के बैकग्राउंड में महिला की आवाज़ सुनी जा सकती है, "आप उसे क्यों पीट रहे हैं?"
एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) यूज़र ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया, “अयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर एक दलित लड़के विष्णु को आयोजकों ने पीटा..!!” इस लेख को लिखे जाने तक पोस्ट को लगभग 29,600 बार देखा जा चुका था. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखा जा सकता है. फ़ेसबुक पर इसी दावे वाले अन्य पोस्ट यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, यह वीडियो अयोध्या का नहीं, बल्कि हरियाणा के फ़रीदाबाद का है. इस असंबंधित घटना को आगामी राम मंदिर समारोह से ग़लत तरीके से जोड़कर शेयर किया गया है.
सच्चाई क्या है?
वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये सर्च करने पर हमें ईटीवी भारत हरियाणा की 24 दिसंबर, 2023 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक़, हरियाणा के फ़रीदाबाद में दो दिवसीय गीता जयंती समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें कई स्कूली बच्चों ने भाग लिया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक लड़के को दो लोग पीट रहे थे. लड़के को पीटते हए दिखने वाले दोनों व्यक्ति शिक्षक थे. इस रिपोर्ट के साथ शेयर किए गए वीडियो में वही दृश्य हैं जो वायरल वीडियो में हैं.
ईटीवी भारत हरियाणा की रिपोर्ट से हिंट लेते हुए, हमने आगे जांच की तो हमें हिंदुस्तान टाइम्स की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक था, "फरीदाबाद के दो शिक्षकों पर 15-वर्षीय बच्चे के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया" इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़के के पिता द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद 22 दिसंबर, 2023 को आयोजित एक स्कूल कार्यक्रम के दौरान 15 वर्षीय छात्र पर हमला करने के आरोप में हरियाणा के फरीदाबाद के दो शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया था. दोनों पर "किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 और 75, और भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (हमला) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था."
अधिक जानकारी के लिए, हमने फ़रीदाबाद सेंट्रल पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर रणबीर सिंह से संपर्क किया. लॉजिकली फ़ैक्ट्स से बात करते हुए, रणबीर सिंह ने कहा कि वायरल वीडियो के दृश्य गीता महोत्सव कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के फरीदाबाद में हुई एक घटना के थे. उन्होंने हमें यह भी बताया कि हमले की पीड़ित दलित समुदाय से नहीं था.
हमने लड़के के माता-पिता से भी संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि यह घटना फरीदाबाद सेक्टर 12 में हुई थी और शिक्षकों ने एक कार्यक्रम के दौरान उनके बेटे की पिटाई की थी. लड़के के बारे में आगे बोलते हुए, परिवार ने कहा कि उनका बेटा अभी भी दवा ले रहा है और वह अभी भी घटना के कारण हुए सदमे से उबर रहा है.
हमने अयोध्या के एक ग्राउंड रिपोर्टर, एबीपी लाइव के ऋषि गुप्ता से भी संपर्क किया है. गुप्ता ने हमें बताया कि अयोध्या में ऐसी कोई घटना नहीं हुई. उन्होंने यह भी कहा, "राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए अयोध्या के दृश्य वायरल वीडियो में दिख रहे दृश्यों से अलग हैं."
अयोध्या पुलिस ने एक्स पर लिखित स्पष्टीकरण भी दिया है कि वीडियो अयोध्या का नहीं है और अयोध्या में दलित लड़के की पिटाई का दावा फ़र्ज़ी है.
निर्णय
हरियाणा के फ़रीदाबाद में दो शिक्षकों द्वारा एक 15 वर्षीय लड़के की पिटाई का वीडियो इस ग़लत दावे से शेयर किया गया कि अयोध्या में एक दलित लड़के के साथ मारपीट की गई थी. इसलिए, हम इस दावे को ग़लत मानते हैं.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.