डिप्टी सीएम पद को लेकर महाराष्ट्र में मुस्लिम संगठनों की मांग का फ़ेक वीडियो वायरल
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "महाराष्ट्र के सनातनी व देश प्रेमी मुसलमानों की शर्तें जो महा विकास आघाड़ी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार मान चुके हैं, जिस बात की हिंदुओं को भनक तक नहीं पड़ने दी.
फैक्ट चेक
निर्णय [फ़ेक]'आज तक' के नाम से वायरल हो रही न्यूज़ क्लिप फ़ेक है. मुस्लिम संगठनों ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स से पुष्टि की कि ऐसी कोई मांग एमवीए से नहीं की गई है. |
दावा क्या है?
हिंदी न्यूज़ चैनल आज तक की एक कथित न्यूज़ क्लिप सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर शेयर की जा रही है जिसमें दावा किया गया है कि जमीयत-ए-इस्लामी और रज़ा एकेडमी जैसे मुस्लिम संगठनों ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए फ़तवा जारी करने के बदले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के सामने पांच प्रमुख शर्तें रखी हैं.
वायरल वीडियो के मुताबिक़, इन शर्तों में कथित तौर पर एक मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाना, यह सुनिश्चित करना कि कैबिनेट मंत्रियों में 25% मुस्लिम हों, वक्फ़ बोर्ड पर स्पष्ट रुख अपनाना, मदरसों और उर्दू स्कूलों को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करना और मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण देना शामिल है.
वीडियो में बताया गया है कि एमवीए नेताओं उद्धव ठाकरे और शरद पवार इन मांगों को पूरा करने के लिए सहमत हो गए हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "महाराष्ट्र के सनातनी व देश प्रेमी मुसलमानों की शर्तें जो महा विकास आघाड़ी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार मान चुके हैं, जिस बात की हिंदुओं को भनक तक नहीं पड़ने दी. अगर ये जीत गए तो हिंदू द्वितीय दर्जे के नागरिक हो जाएंगे यह बात जानकर भी क्या किसी हिंदू को इन्हें वोट देना चाहिए." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
इसी दावे के साथ यह वीडियो फ़ेसबुक पर भी बड़ी तादाद में शेयर किया जा रहा है. इन पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, वायरल आज तक न्यूज़ क्लिप फ़ेक है; चैनल ने ऐसी कोई ख़बर नहीं चलाई है. मुस्लिम संगठनों ने भी महाविकास अघाड़ी से ऐसी किसी मांग के किए जाने से इनकार किया है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर नीचे दिए गए टिकर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी एक ख़बर दिखाई दी. यह ख़बर उनके वाराणसी दौरे के दौरान बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में एक अस्पताल के उद्घाटन और वाराणसी-उज्जैन-ओंकारेश्वर के बीच महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने से संबंधित है.
इस बारे में खोज करने पर, हमें फ़रवरी 16 2020 को 'आज तक' के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो (आर्काइव यहां) मिला, जिसमें वायरल वीडियो में दिखाए गए टिकर की ख़बर हूबहू दिखाई देती है. हालांकि, यह वीडियो दिल्ली में आम आदमी पार्टी की तीसरी बार सरकार बनने पर केंद्रित है.
वीडियो के टिकर में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ़रवरी 16 को वाराणसी में 30 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. अपने दौरे के दौरान वे बीएचयू में 430 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन, महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी और दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इस ख़बर की पुष्टि 'इंडियन एक्सप्रेस' और की 'आज तक' (आर्काइव यहां) फ़रवरी 17 की रिपोर्ट से भी होती है.
इसके अलावा वीडियो में मुस्लिम संगठनों की मांगे लिखते हुए जिस फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया है, वह आज तक के सामान्य फॉन्ट से अलग है. आज तक के वीडियो में आमतौर पर मोटे या बोल्ड फॉन्ट का इस्तेमाल होता है.
हमने आज तक की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, और सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच की लेकिन ऐसी कोई ख़बर या वीडियो नहीं मिला जिसमें बताया गया हो कि मुस्लिम संगठनों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट दिलाने के लिए महाविकास अघाड़ी के नेताओं से मुस्लिम उपमुख्यमंत्री पद की मांग की है.
इसके बाद, हमने वीडियो में जिन संगठनों, जमीयत-ए-इस्लामी और रज़ा एकेडमी, का ज़िक्र किया गया था, उनके पदाधिकारियों से संपर्क किया.
जमीयत-ए-इस्लामी हिन्द के महाराष्ट्र के अध्यक्ष इलयास फलाही ने वायरल दावे को ख़ारिज करते हुए स्पष्ट किया, "हमने महाविकास अघाड़ी के नेताओं से कभी ऐसी कोई मांग नहीं की है. हमारे चार्टर ऑफ डिमांड में भी ऐसी कोई बात नहीं है." उन्होंने यह भी बताया कि उनका रज़ा एकेडमी से भी कोई समझौता नहीं है.
रज़ा अकादमी के अध्यक्ष सईद नूरी ने भी लॉजिकली फैक्ट्स से महा विकास अघाड़ी नेताओं से ऐसी कोई मांग करने से इनकार किया, जैसा कि वीडियो में दावा किया गया है.
हमने महा विकास अघाड़ी का प्रमुख दल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी से भी संपर्क किया है, जैसे ही उनका जवाब मिलेगा, स्टोरी अपडेट कर दी जाएगी.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल आज तक न्यूज़ क्लिप फ़ेक है. चैनल ने ऐसी कोई भी ख़बर प्रकाशित नहीं की है, और मुस्लिम संगठनों ने भी महाविकास अघाड़ी के सामने ऐसी किसी मांग के रखने से इंकार किया है.
[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]