फैक्ट चैक

निर्णय [असत्य]

'इंडिया' गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में भारतीय संविधान के लाल कवर वाले कोट पॉकेट वर्ज़न के साथ विरोध प्रदर्शन किया था, न कि चीनी संविधान के साथ.

दावा क्या है?

जून 24, 2024 को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ. इस दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर भारतीय संविधान की प्रतियां लहराईं और ‘संविधान बचाओ’ के नारे लगाए. विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति का भी विरोध किया.

इस विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, और राहुल गांधी सहित अन्य विपक्षी सांसद हाथों में लाल किताब लहराते और संविधान की रक्षा के नारे लगाते नज़र आ रहे हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में 'इंडिया' गठबंधन के नेताओं के हाथ में दिख रही लाल किताब चीन के संविधान की कॉपी है. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "वे चीनी लाल किताब क्यों पकड़े हुए हैं? यह भारतीय संविधान नहीं है. यह लाल रंग में नहीं है.” पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी तरह एक अन्य यूज़र ने कैप्शन दिया, "चीनी संविधान के साथ विरोध प्रदर्शन." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां देखें.

वायरल पोस्ट्स का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, वायरल दावा ग़लत है. वीडियो में 'इंडिया' गठबंधन के नेता संसद परिसर में  ईस्टर्न बुक कंपनी (ईबीसी) द्वारा प्रकाशित भारतीय संविधान के लाल-कवर वाले कोट पॉकेट वर्ज़न को लहराते हुए दिखाई दे रहे हैं, न कि चीनी संविधान, जैसा कि दावा किया गया है. 

हमने सच का पता कैसे लगाया?

हमने पाया कि यह वीडियो (आर्काइव यहां) न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने जून 24, 2024 को शेयर किया था. इस वीडियो के साथ जानकारी दी गई थी कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.