निर्णय [असत्य]
- वायरल वीडियो में स्वयंभू हिन्दू अधिकार कार्यकर्ता काजल सिंगला हैं जिनका उत्तेजक और सांप्रदायिक भाषण देने का अतीत रहा है.
संदर्भ
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में दावा किया गया कि भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी लड़कियों को ‘लव जिहाद’ से सावधान कर रही है. दो मिनट लंबे इस वीडियो में महिला मुसलमानों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कर रही है. साथ ही महिला अंतरजातीय विवाह और धर्म परिवर्तन के खिलाफ बोल रही है. वीडियो में 0:34 मिनट पर महिला को ये कहते सुना जा सकता है, “शादी के लिए वे मदरसा से रकम लेते हैं. धर्म गुरू और मौलाना उन्हें ब्राह्मण लड़की से शादी करने के लिए 5-6 लाख रुपये, सिख लड़की के लिए 7 लाख, जैन लड़की के लिए 8 लाख और राजपूत लड़की से शादी करने के लिए 6 लाख रुपये देते हैं.” वीडियो में महिला आगे दावा करती है कि मुसलमान हिन्दू लड़कियों से जबरदस्ती शादी करते हैं और बाद में उन्हें छोड़ देते हैं.
कई यूजर्स ने इस वीडियो को ट्विटर पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया, “यह काजल सिंगला है, गुजरात से एक आईपीएस महिला अफसर, जो लड़कियों को लव जिहाद के लिए चेता रही हैं. मैं हिन्दू धर्म के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे सावधान रहें. कृपया शहर में पढ़ने या काम करने वाली अपने परिवार की लड़कियों के बीच इस वीडियो को शेयर करें.”
बहरहाल दावा गलत है. वायरल वीडियो में दिख रही महिला एक स्वयंभू हिन्दू अधिकार कार्यकर्ता है, कोई IPS अधिकारी नहीं.
सच्चाई
वीडियो में महिला की पहचान काजल सिंगला के रूप में विभिन्न यूजरों ने की है. हमने इस नाम के ट्विटर अकाउंट की जांच की. यहां काजल खुद की पहचान “एक उद्यमी, अनुसंधान विश्लेषक, डिबेटर, सामाजिक कार्यकर्ता, राष्ट्रवादी और गरिमामय हिन्दुस्तानी” के रूप में बताती हैं.
सिंगला की उसके नाम पर बनी वेबसाइट है, जहां वह खुद का परिचय “हिन्दू अधिकारों की वकालत करने वाली मजबूत और न थकने वाली” महिला के तौर पर देती हैं. हमने काजल की वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनल को परखा और महसूस किया कि उसके कई वीडियो मुसलमानों के विरोध में हैं. काजल को अक्सर ‘हिन्दू अधिकारों’ के लिए बोलते हुए भी देखा जा सकता है. हमें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे साबित होता हो कि काजल सिंगला IPS अफसर हैं.
हमने 15 फरवरी 2023 तक के गुजरात के IPS अफसरों की सूची देखी. इस सूची में हमें कहीं भी गुजरात में पदस्थ महिला IPS अफसरों में काजल सिंगला का नाम नहीं मिला.
ऑल इंडिया सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स 1968 के अनुसार, IPS अफसरों से अपेक्षा की जाती है कि वे राजनीतिक तटस्थता बनाए रखें और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी से दूर रहें. IPS अफसरों को किसी भी रूप में राजनीतिक संबद्धता, अभियान या राजनीतिक मामलों में विचारों की सार्वजनिक अभिव्यक्ति करने की मनाही होती है. यह भी इस बात का सबूत है कि सिंगला IPS अफसर नहीं हो सकतीं, क्योंकि वह खुलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट करती हैं.
इसके अलावा हमें 10 अप्रैल को छपी एक निजी मीडिया संस्थान की रिपोर्ट भी मिली, जिसमें उल्लेख था कि सिंगला गुजरात के जामनगर की निवासी हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उन्होंने बीजेपी के लिए प्रचार किया था. वह खुद की पहचान ‘राष्ट्रवादी’ और ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ के तौर पर बताती हैं.
सिंगला को 9 अप्रैल को रामनवमी उत्सव के दौरान ऊना में हेट स्पीच के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 195ए (धार्मिक भावनाएं भड़काने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान देना) के तहत मामले दर्ज किए गए थे. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी के पांच दिन बाद सेशन कोर्ट ने सिंगला को जमानत दे दी. इनमें से किसी भी रिपोर्ट में सिंगला की पहचान IPS अफसर के तौर पर नहीं बताई गई है.
फैसला
ये भ्रम फैलाया गया कि वीडियो में भड़काऊ बातें कहती दिख रही महिला गुजरात में पदस्थ IPS अफसर है. सिंगला का सांप्रदायिक बयान देते हुए और ‘लव जिहाद’ के बारे में बोलते हुए जो वीडियो शेयर हुआ, वह गलत संदेश के साथ था. इसलिए हमने दावे को गलत के रूप में चिन्हित किया है.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन, कंटेंट और फोटो में बदलाव करके रिपोर्ट को रिपब्लिश किया है.