फैक्ट चैक
निर्णय [ असत्य ]एचएमपीवी कोई नोवेल वायरस नहीं है, और भारत सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा नहीं की है. वायरल वीडियो कोरोना महामारी के हैं. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है. एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा करते हुए दिखाया गया है, जबकि दूसरे वीडियो में कर्नाटक में 15 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा करने वाला न्यूज़ बुलेटिन दिखाया गया है. इन पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: फ़ेसबुक/इंस्टाग्राम/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, इन वीडियो को ग़लत संदर्भ में पेश किया गया है. पहला वीडियो प्रधानमंत्री को मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन की घोषणा करते हुए दिखाता है, और दूसरा वीडियो 2021 का है, जब कर्नाटक राज्य सरकार ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के कारण 15 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी.
सच्चाई क्या है?
भारत सरकार, वायरोलॉजिस्ट और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने यह स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नोवेल वायरस नहीं है. लॉकडाउन की घोषणा की कोई सूचना नहीं है, और विशेषज्ञों के मुताबिक़, इसका प्रकोप सामान्य है. इसको ध्यान में रखते हुए, हमने दोनों वीडियो की सत्यता की जांच की.
पहला वीडियो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा वाला वीडियो मार्च 24, 2020 का है, जब उन्होंने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. यह वीडियो मार्च 24, 2020 को पीएमओ इंडिया के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम (आर्काइव यहां) किया गया था. इसमें वायरल क्लिप वाले हिस्से को लगभग 9:28 मिनट पर सुना जा सकता है.
यह वीडियो कई न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा भी प्रकाशित किया गया था.
दूसरा वीडियो
कर्नाटक में जनवरी 8, 2025 से 15 दिनों के लॉकडाउन के दावे के साथ शेयर किया गया वीडियो असल में टीवी9 कन्नड़ के अप्रैल 26, 2021 के यूट्यूब वीडियो (आर्काइव यहां) से लिया गया है. वायरल क्लिप को वीडियो की शुरुआत से देखा जा सकता है. कर्नाटक में कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार ने 14 दिनों के लिए राज्यव्यापी लॉकडाउन लगाने का फ़ैसला किया था.
ये दोनों वीडियो पुराने हैं और ग़लत दावे के साथ शेयर किए गए हैं कि भारत में एचएमपीवी के मामलों के कारण सरकार ने फिर से लॉकडाउन की घोषणा की है.
एचएमपीवी क्या है?
एचएमपीवी एक संक्रामक वायरस है जो खांसी और छींक के दौरान निकलने वाले थूक के कणों से फैलता है और दूसरों को संक्रमित करता है. यह फेफड़ों को प्रभावित करता है और सामान्य सर्दी जैसे लक्षण देता है. यह वायरस आमतौर पर मौसमी होते हैं, और इसके मामलों में बढ़ोत्तरी सर्दियों के आखिरी हिस्से और वसंत के शुरुआती महीनों में देखी जाती है.
एचएमपीवी की तुलना कोरोना वायरस से करने वाली ऑनलाइन अटकलों ने 'एक और महामारी' का डर पैदा किया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे अनुचित बताते हैं. लॉजिकली फ़ैक्ट्स से बात करते हुए भारतीय वायरोलॉजिस्ट डॉ. जैकब जॉन ने कहा कि एचएमपीवी एक आम वायरस है जो नाक बंद होना, गले में खराश और थकान जैसे सामान्य सर्दी के लक्षण पैदा करता है. उन्होंने कहा कि यह "कोई असामान्य बात नहीं है और केवल एक साल से कम उम्र के बच्चों और बुज़ुर्गों को सावधान रहने की ज़रूरत है, क्योंकि कोई भी श्वसन संक्रमण उनके लिए ज़्यादा जोखिम पैदा कर सकता है."
निर्णय
दोनों वीडियो पुराने हैं और भारत में एचएमपीवी मामलों को लेकर कोई लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई है.
[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले Logically Facts पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]