Lok Sabha Elections 2024लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पांच अप्रैल, 2024 को कांग्रेस का घोषणा-पत्र जारी किया गया था. 'न्याय पत्र' नाम के पार्टी मैनिफेस्टो के आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई अकाउंट्स (वेरिफाइड हैंडल्स भी शामिल) से दावा किया गया था कि कांग्रेस ने घोषणा-पत्र के तहत एक खास स्कीम का ऐलान किया है.  


वायरल हुए दावे में योजना का नाम जवाहरलाल नेहरू नेशनल वेल्थ री-डिस्ट्रिब्यूशन स्कीम बताया गया था और आशंका जताते हुए कहा गया था कि इसके तहत कांग्रेस वेतनभोगी वर्ग, पेशेवरों और कारोबारियों की दो-तिहाई संपत्तियों को जब्त कर लेगी. वह स्कीम के तहत इन संपत्तियों को गरीबों में बांटने का काम करेगी. 


X पर अंग्रेजी अखबार की कटिंग के साथ शेयर हुआ दावा


एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर इस दावे के समर्थन में एक अखबार की कटिंग भी शेयर की गई थी, जिसमें 'क्वेस्चंस टू दि कांग्रेस ऑन वेल्थ री-डिस्ट्रीब्यूशन' नाम का लेख था. न्यूज पेपर की यह कटिंग शेयर करते हुए लोग बोले- आप लोग इसे जरूर पढ़ें. कांग्रेस के मैनिफेस्टो के तहत वे लोग नई स्कीम लाएंगे, जिसके जरिए वे आपकी दो तिहाई संपत्ति हड़प कर गरीबों को दे देंगे. यह कोई मजाक या फिर व्यंग्य नहीं है. 






कांग्रेस के न्याय पत्र में ऐसी किसी योजना का जिक्र नहीं


फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'न्यूजचेकर' ने बाद में जब इस दावे की पड़ताल की तो कहानी कुछ और ही निकली. पता चला कि आग की तरह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैलने वाला यह दावा फर्जी है. कांग्रेस के घोषणापत्र में इस तरह की किसी स्कीम का कोई जिक्र नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पर दावे के समर्थन में पर्सनल फिनांस राइटर मोनिका हलन के जिस लेख की कटिंग शेयर की गई थी, उसमें कांग्रेस के देश की धन-दौलत और संपत्ति फिर से बांटने को लेकर बात की गई थी.


राहुल गांधी ने कौन से अधिकार दिलाने का किया था वादा? 


दरअसल, छह अप्रैल 2024 को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हैदराबाद में कहा था- हम जातिगण जनगणना कराएंगे ताकि पिछड़ों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग के गरीबों और अल्पसंख्यकों को पता चले कि उनका देश में कितना योगदान है. हम इसके बाद यह पता लगाने के लिए आर्थिक और संस्थागत सर्वे कराएंगे कि किसके पास असल में देश की संपत्ति है, कौन सा वर्ग उसे रखता है और हम इसके बाद क्रांतिकारी काम करेंगे. आपको जो भी अधिकार है, हम आपको वही देने का काम करेंगे. चाहे मीडिया हो, नौकरशाही हो या सभी संस्थान हों...हम वहां आपके लिए जगह बनाएंगे और आपको आपका अधिकार देंगे.


न्यूज चेकर की पड़ताल के दौरान FAKE पाया गया दावा   


लेखिका मोनिका हलन ने राहुल गांधी के इसी वादे से जुड़े कई सवाल आर्टिकल के जरिए उठाए थे. हालांकि, उनके लेख को कुछ लोगों ने गलत संदर्भ में ले लिया, जबकि उनके लेख में भी इस स्कीम से जुड़ा कोई जिक्र नहीं था. ऐसे में साफ होता है कि सोशल मीडिया पर हुआ यह दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है


Disclaimer: This story was originally published by News Checker and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.


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