निर्णय- भ्रामक




    यह वीडियो 2017 का है, जब दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा से निष्कासित तमांग के समर्थकों ने बीजेपी नेता दिलीप घोष और उनके साथियों पर हमला किया था.


दावा क्या है?
भारत में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो गया है. सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोग 'गो बैक' का नारा लगाते हुए बीजेपी का भगवा गमछा पहने लोगों का पीछा करते और उन पर हमला करते नज़र आ रहे हैं.


सोशल मीडिया यूज़र्स इस वीडियो को ताजा घटना बताकर शेयर कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में '400 पार' का लक्ष्य रखा है लेकिन प्रचार करने निकले नेताओं की जनता पिटाई कर रही है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ऐसा ही दावा करने वाले एक पोस्ट को अब तक 482,000 से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. इस पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां और अन्य पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहांयहां और यहां देखे जा सकते हैं.


हालांकि, यह वीडियो किसी हालिया घटना का नहीं है, बल्कि 2017 में दार्जिलिंग में हुई घटना का है, जब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा से निष्कासित तमांग के समर्थकों ने तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल पर हमला किया था.


सच्चाई क्या है?
जब हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजबीन की, तो हमें यूट्यूब वीडियो मिले, जिनमें कहा गया था कि इसे 2017 में दार्जिलिंग में कैप्चर किया गया था. इसी तरह का एक वीडियो 6 अक्टूबर, 2017 को एनएमएफ़ न्यूज़ नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था, जिसका शीर्षक था, “ दार्जिलिंग में बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष से धक्का मुक्की, बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीटा .” हमने दोनों वीडियो की तुलना की और पाया कि वे एक ही घटना दिखाते हैं. यूट्यूब वीडियो के विवरण के अनुसार, बीजेपी के पूर्व बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ दार्जिलिंग में कथित तौर पर मारपीट की गई.


6 अक्टूबर, 2017 को एबीपी न्यूज़ ने भी इस घटना का वीडियो शेयर किया था, जिसे एक अलग एंगल से लिया गया था. रिपोर्ट में बताया था कि दार्जिलिंग में प्रदर्शनकारियों द्वारा घोष के साथ धक्कामुक्की की गई और उनका पीछा किया गया. प्रदर्शनकारी निष्कासित गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता बिनय तमांग के समर्थक थे. 


दरअसल बिनय तमांग को पार्टी लाइन का उल्लंघन करने और कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सितंबर 2017 में जीजेएम से निष्कासित कर दिया गया था.जीजेएम 2020 तक बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा था.


6 अक्टूबर, 2017 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में भी पुष्टि की गई कि तमांग समर्थकों ने दार्जिलिंग में दिलीप घोष के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की की और उनका पीछा किया.


निर्णय
बीजेपी नेता दिलीप घोष पर हमले का एक पुराना वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोट मांगने आ रहे बीजेपी नेताओं को लोग पीट रहे हैं, जबकि हमारी जांच से साफ़ है कि ये वीडियो अक्टूबर 2017 का है. इसलिए, हम वायरल दावे को भ्रामक मानते हैं.


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ  इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.