दावा क्या है?


लेबनान में इज़राइल की बमबारी और ज़मीनी कार्रवाई के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि लेबनान में लोग इज़राइली झंडे लेकर सड़कों पर इज़राइली सेना का स्वागत कर रहे हैं. दावा है कि लेबनान की जनता इज़राइली सैनिकों को पानी की बोतलें और खाने-पीने की चीजें दे रहे हैं और उनसे हिज़्बुल्लाह से उन्हें आज़ाद का अनुरोध कर रहे हैं.


एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "लेबनॉन की सड़कों पर लेबनॉन के लोगो ने इजराइल डिफेंस फोर्स का किया जमकर किया स्वागत इजरायल के झंडे लहराए सैनिकों को पानी की बोतल और ब्रेकफास्ट दिया और कहा कि हिजबुल्लाह से आजाद कराओ हमें लेकिन दुसरीं तरफ भारत मे ना जाने क्यों कुछ लोग हिजबुल्लाह को अब्बू मान बैठे है?" इस पोस्ट को अब तक 225,000 व्यूज़, 3700 रीपोस्ट और 10,000 से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहांयहां और यहां देखे जा सकते हैं. 


 


वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

 


हालांकि, वायरल वीडियो लेबनान का नहीं, बल्कि इज़राइल का है और करीब एक साल पुराना है, जिसमें इज़राइली लोग अक्टूबर 7, 2023 को हमास के हमले के बाद युद्ध पर जाने वाली इज़राइली सेना को अलविदा कहते और खाने-पीने का सामान देते नज़र आ रहे हैं.


 


हमने सच का पता कैसे लगाया? 


वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें यह अक्टूबर 2023 के कई इज़राइली सोशल मीडिया पोस्ट में मिला, जिसमें बताया गया था कि इज़राइली नागरिकों ने युद्ध में जाने वाले इज़राइल डिफेंस फ़ोर्सेस (आईडीएफ) सैनिकों को भोजन और पेय वितरित किए.


इज़राइल बेस्ड न्यूज़ चैनल i24 न्यूज़ की पत्रकार इंडिया नफ़्ताली ने अक्टूबर 9, 2023 को एक्स (आर्काइव यहां) पर यह वीडियो पोस्ट किया और लिखा कि उनके पति हनान्या जैसे सैनिक जब फ्रंट लाइन पर गए, तो तमाम साथी इज़राइलियों ने भोजन और पानी वितरित करके अपना समर्थन दिखाया. इंडिया ने यह वीडियो फ़ेसबुक (आर्काइव यहां) पर भी पोस्ट किया था.



हमने इंडिया नफ़्ताली के पति हनान्या के बारे में थोड़ी रिसर्च की तो पता चला कि वह एक यूट्यूबर हैं और सैन्यकर्मी रह चुके हैं. उन्होंने सैन्य अभियान पर जाने से पहले अपनी पत्नी को अलविदा कहते हुए एक तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट (आर्काइव यहां) पर शेयर की थी. 


गौरतलब है कि अक्टूबर 7, 2023 को फ़िलिस्तीनी संगठन हमास ने इज़राइल पर हमला किया था, जिसके बाद इज़राइल ने अपने सैनिकों को गाज़ा सीमा की ओर युद्ध के लिए भेजा था.


हमने पाया कि इस वीडियो का एक हिस्सा अक्टूबर 9, 2023 को इज़राइल के आधिकारिक एक्स अकाउंट (आर्काइव यहां) पर भी शेयर किया गया था. 



इसके अलावा, हमने वीडियो में सेना के काफ़िले से गुज़रने वाली एक कार की नंबर प्लेट देखी, जिस पर पीले रंग की प्लेट,काले रंग के नंबर और नीले रंग की आकृति है. हमने पाया कि इस फ़ॉर्मेट का इस्तेमाल इज़राइल में किया जाता है. जबकि लेबनान में इस्तेमाल किए जाने वाले फ़ॉर्मेट में अंग्रेजी नंबरों के साथ अरबी नंबर भी होते हैं.



वीडियो में नज़र आने वाले वाहन और इज़राइली वाहन के नंबर प्लेट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/वर्ल्ड लाइसेंस प्लेट)


इसके अलावा, अक्टूबर 10, 2023 की एक न्यूज रिपोर्ट में भी इसी वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया है, जिसमें बताया गया है कि इज़राइली एआई स्टार्टअप तब भी काम करते रहे, जब कर्मचारी युद्ध के लिए लामबंद हो गए और वे शेल्टर की ओर भागते नज़र आए. न्यूज एजेंसी एएनआई (आर्काइव यहां) ने भी एक वीडियो रिपोर्ट के ज़रिये बताया कि इज़राइली नागरिकों ने सेना को खाद्य सामग्री आदि मुहैया कराने के लिए देश में अलग-अलग जगहों पर कैंप लगाए थे.


हमारी अब तक की जांच से यह पुष्टि होती है कि वायरल वीडियो इज़राइल का है और अक्टूबर 2023 का है और इसका लेबनान में इज़राइली सेना के वर्तमान ज़मीनी अभियानों से कोई संबंध नहीं है. हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से यह पता नहीं लगा सके कि वीडियो इज़राइल के किस शहर का है.


लेबनान में इज़राइली सैन्य अभियान


इज़राइल ने दक्षिणी बेरूत में अपने हमले तेज कर दिए हैं, जिनमें अब तक दो हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं. लेबनान में हजारों लोग, जिनमें फिलिस्तीनी शरणार्थी भी शामिल हैं, बढ़ते संघर्ष के कारण दूसरी जगहों पर पलायन कर रहे हैं. इस बीच, इज़राइली सेना ने दक्षिणी लेबनान में ज़मीनी हमला शुरू करने के बाद 250 से अधिक हिजबुल्लाह लड़ाकों को मारने का दावा किया है.


निर्णय


सोशल मीडिया यूज़र्स का यह दावा कि वीडियो में लेबनान के लोग इज़राइली सेना का स्वागत करते हुए और उन्हें खाना-पानी देते हुए दिख रहे हैं, ग़लत है. दरअसल, यह वीडियो अक्टूबर 2023 का इज़राइल का है. इसका लेबनान में इज़रायली सेना के मौजूदा ज़मीनी ऑपरेशन से कोई संबंध नहीं है.