फैक्ट चैक
निर्णय [असत्य]यह वीडियो 2021 हरिद्वार कुंभ मेले का है और इसमें नागा साधुओं को शाही स्नान के लिए जाते हुए दिखाया गया है. |
दावा क्या है?
नागा साधुओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा के लिए नागा साधु सड़कों पर उतर आए हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, "बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा में उतरे हमारे नागा साधु.. बांग्लादेश कुच करने की दी चेतावनी." इस पोस्ट को अब तक 95,000 से ज़्यादा बार देखा गया है. 2200 से ज़्यादा रीपोस्ट और 7500 से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. यह वीडियो फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया गया है.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/इंस्टाग्राम/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो 2021 हरिद्वार कुंभ मेले का है और इसका बांग्लादेश में हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ?
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें यह वीडियो मार्च 13, 2021 को 'नवीन बिंजोला' नाम के यूट्यूब चैनल (आर्काइव यहां) पर अपलोड हुआ मिला. वीडियो के शीर्षक में बताया गया है कि इसमें नागा साधुओं को 2021 हरिद्वार महाकुंभ के पहले शाही स्नान के लिए जाते हुए दिखाया गया है. स्पष्ट है कि वीडियो तीन साल से ज़्यादा पुराना है.
वायरल वीडियो और 2021 के यूट्यूब वीडियो के बीच तुलना. (सोर्स: एक्स/यूट्यूब/स्क्रीनशॉट)
इसके बाद, हमने वीडियो में नज़र आने वाली दुकानों 'ईश्वर खादी कंबल भंडार' और 'श्री नीलकंठ खादी भंडार' को गूगल मैप्स पर सर्च किया, तो पाया कि ये दुकानें हरिद्वार के अपर रोड पर मौजूद हैं.
गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू का स्क्रीनशॉट, जिसमें दुकानें देखी जा सकती हैं. (सोर्स: गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 2021 के हरिद्वार कुंभ का पहला शाही स्नान मार्च 11, 2021 को हुआ था. शाही स्नान का मतलब है कि इस दिन साधुओं के अखाड़े स्नान करते हैं, जिसमें नागा साधु भी शामिल होते हैं.
इसके अलावा हमें फ़ेसबुक और यूट्यूब पर मार्च 2021 में अपलोड किए गए वायरल वीडियो जैसे कई वीडियो मिले, जिनमें बताया गया था कि नागा साधु हरिद्वार में महाकुंभ 2021 का पहला शाही स्नान करने के लिए हर की पौड़ी की ओर जा रहे हैं. ये पोस्ट्स यहां (आर्काइव यहां), यहां (आर्काइव यहां), यहां (आर्काइव यहां) देखे जा सकते हैं.
हालांकि, बांग्लादेश में हिन्दुओं के ख़िलाफ़ हिंसा की ख़बरों के बीच उनकी सुरक्षा को लेकर साधू-संतों ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने केंद्र सरकार से इस संबंध में ठोस कदम उठाने की मांग की है. साथ ही कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर संत समाज बांग्लादेश जाने के लिए भी तैयार है.
बांग्लादेश में मौजूदा हालात क्या हैं?
बांग्लादेश में शेख़ हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद से अशांति और हिंसा का माहौल रहा है. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद अब हालात बदलने की उम्मीद जताई जा रही है. अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा के बीच मोहम्मद यूनुस ने ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और भविष्य को बेहतर बनाने का वादा किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, बांग्लादेश में बदलते राजनीतिक परिदृश्य के कारण हिंदू समुदाय पर बार-बार तोड़फोड़, लूटपाट, आगजनी, ज़मीन पर कब्ज़ा और देश छोड़ने की धमकियों की घटनाएं हो रही हैं.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स बांग्लादेश हिंसा के बारे में ग़लत सूचनाओं का सक्रिय रूप से खंडन कर रहा है. आप हमारे फ़ैक्ट-चेक यहां पढ़ सकते हैं.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि 2021 के हरिद्वार कुंभ मेले के नागा साधुओं के एक पुराने वीडियो को ग़लत तरीके से बांग्लादेशी हिंदुओं को समर्थन देने से जोड़ा जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.