गिलास में थूकने का पुराना वीडियो अलीगढ़ में फ़र्ज़ी सांप्रदायिक एंगल से वायरल
यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर पुलिस के उस विवादास्पद दिशानिर्देश की पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है, जिसके तहत कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करना होगा.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख़्स गिलास में पानी भरकर उस पर थूकता नजर आ रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की एक अदालत का वीडियो है और पानी में थूकने वाला शख़्स मुस्लिम है, जो पहले थूकता था और फिर जज को पानी पिलाता था. इस वीडियो के ज़रिये मुस्लिमों पर "थूक जिहाद" का आरोप लगाया जा रहा है.
'थूक जिहाद' दक्षिणपंथी समूहों का एक षड्यंत्र सिद्धांत है, जिसमें मुस्लिम समुदाय पर खाद्य पदार्थों में “थूकने” का इल्ज़ाम लगाया जाता है.
यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर पुलिस के उस विवादास्पद दिशानिर्देश की पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है, जिसके तहत कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करना होगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, "अलीगढ़ कोर्ट से थूक जिहाद का एक बिल्कुल नया वीडियो (जुलाई 2024 का). यहाँ तक कि न्यायालय के न्यायाधीश भी थूक जिहाद के शिकार हो गये. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि मुसलमान अंतरराष्ट्रीय मानकों को कायम रखते हैं. " पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल वीडियो 2018 का है और मामला अलीगढ़ कोर्ट में आया था. आरोपी मुस्लिम नहीं, बल्कि विकास गुप्ता नाम का एक चपरासी था और उसे सस्पेंड कर दिया गया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने रिवर्स इमेज सर्च और संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये सर्च किया, तो हमें मई 29, 2018 को प्रकाशित जनसत्ता की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को कवर इमेज के रूप में इस्तेमाल किया गया था.
जनसत्ता की 2018 की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट.(सोर्स: जनसत्ता/स्क्रीनशॉट)
रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में न्यायिक अधिकारी को गिलास में थूककर पानी देने वाले चपरासी को निलंबित कर दिया गया है. दरअसल, ज़िले में तैनात न्यायिक अधिकारी पीने के लिए अपनी पानी की बोतल खुद लाती थी. चपरासी उसी बोतल से गिलास में पानी डालकर उन्हें देता था. महिला जज को जब चपरासी की हरकतों पर शक हुआ तो उन्होंने अपने दफ्तर में टेबल पर फाइलों के बीच फोन छिपा दिया, जिसमें पूरा वीडियो रिकॉर्ड हो गया.
मई 29, 2018 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में आरोपी चपरासी की पहचान विकास गुप्ता के रूप में की गई है. उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. रिपोर्ट में लिखा है कि घटना की पुष्टि करते हुए ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश पीके सिंह ने कहा कि मामले की जांच वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को सौंपी गई है.
अमर उजाला और प्रभासाक्षी समेत कई अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी इस घटना को कवर किया था, जिसमें आरोपी चपरासी का नाम विकास गुप्ता बताया गया था.
इस मामले को लेकर लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने अलीगढ़ एसपी से संपर्क किया, जिसमें एसपी पीआरओ ने पुष्टि की कि घटना 2018 की है और पानी में थूकने का आरोपी विकास गुप्ता था.
इसके अलावा, अलीगढ़ पुलिस (आर्काइव यहां) ने जुलाई 26, 2024 को वायरल पोस्ट में से एक पर कमेंट करते हुए यूज़र से ग़लत जानकारी शेयर न करने का आग्रह किया. पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह घटना 2018 की है और आरोपी व्यक्ति के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की गई है.
अलीगढ़ पुलिस के एक्स कमेंट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 2018 में हुई इस घटना में कथित 'थूक जिहाद' या सांप्रदायिक का कोई मामला नहीं है. आरोपी चपरासी की पहचान विकास गुप्ता के रूप में हुई थी और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था.