निर्णय- असत्य
- वायरल वीडियो 2018 का है, और राजस्थान में कांग्रेस रैली में देखा गया हरा रंग का झंडा पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज नहीं है.
दावा क्या है?
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को संपन्न हुआ और परिणाम की घोषणा 3 दिसंबर को की जाएगी. इस बीच सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया गया है कि राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी की रैली में पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था.
वीडियो में लोगों को रैली में कांग्रेस पार्टी के कई झंडे लहराते हुए दिखाया गया है. भीड़ में एक हरे रंग का झंडा भी देखा जा सकता है - और वीडियो में पीछे से एक व्यक्ति को कहते हुए सुना जा सकता है कि यह "पाकिस्तान का झंडा लहराया जा रहा है " और "हिन्दू भाईयों को शर्म आनी चाहिए, तुमने ही वोट दिया था इनको."
फ़ेसबुक पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया, “राजस्थान में पाकिस्तानी झंडों के साथ कांग्रेस के प्रचार को देखें. कांग्रेस राजस्थान को पाकिस्तान बनाना चाहती है. कांग्रेस मुक्त भारत." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इस वीडियो को समान दावे के साथ एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी शेयर किया गया है. पोस्ट के अन्य आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वीडियो पुराना है और वायरल वीडियो में हरे रंग का झंडा पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज नहीं है.
सच्चाई क्या है?
वीडियो को देखकर हम अंदाजा लगा सकते हैं कि वायरल वीडियो में दिख रहा हरा झंडा पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज नहीं है. पाकिस्तान के झंडे में बायीं ओर एक सफेद पट्टी के साथ एक अर्धचंद्र और सितारा है, जबकि वायरल वीडियो में झंडे के दोनों तरफ सफेद पट्टियाँ और नीले रंग में कुछ लिखा हुआ दिखाई दे रहा है.
वायरल वीडियो में दिख रहे झंडे और पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे के बीच तुलना. (सोर्स: फ़ेसबुक, गेट्टी इमेजेज़/स्क्रीनशॉट)
वीडियो के एक कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजने पर, हमें इस रैली का एक लाइवस्ट्रीम वीडियो मिला, जिसे 11 दिसंबर, 2018 को फ़ेसबुक पर अपलोड किया गया था. इससे स्पष्ट होता है कि वीडियो हाल का नहीं है, बल्कि सालों पुराना है. फ़ेसबुक वीडियो में ठीक उसी वाहन को दिखाया गया है जिसके बैकग्राउंड में कुछ पोस्टर और वैसा ही संगीत बज रहा है. लाइव वीडियो में, 0:13 सेकंड पर, हम वाहन पर "ॐ" चिन्ह और वाहन पर कुछ मोबाइल नंबर लिखे हुए देख सकते हैं.
वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले वाहन और 2018 की रैली के लाइव वीडियो के बीच तुलना. (सोर्स: फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
हमने वीडियो में दिखाई देने वाले वाहन पर लिखे एक नंबर पर कॉल किया और हनुमान प्रसाद से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि वीडियो में दिख रहा वाहनउनके पास है, जिस पर 'न्यू निर्मल डीजे साउंड' लिखा हुआ है. हनुमान प्रसाद ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया, “रैली में पाकिस्तान का झंडा नहीं था; किसी ने इसे मस्जिद फ़ातिमा नामक पास की मस्जिद से उठाया था, और उन्होंने इसे पकड़ रखा था." उन्होंने कहा, "केवल यह हरा रंग का झंडा ही नहीं, बल्कि हिंदू संगठनों के अन्य झंडे भी रैली में थे"
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने मस्जिद फ़ातिमा से भी संपर्क किया है और प्रतिक्रिया मिलने पर हम स्टोरी को अपडेट कर देंगे.
गौरतलब है कि ये वीडियो दिसंबर 2018 में भी इसी दावे के साथ वायरल हुआ था. इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया ने वीडियो पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि यह 2018 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद राजस्थान में कांग्रेस की रैली में कैप्चर किया गया था. रिपोर्ट्स में इस पर राजस्थान पुलिस का स्पष्टीकरण भी प्रकाशित हुआ था.
राजस्थान पुलिस ने दिसंबर 2018 में अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर इस दावे को ख़ारिज कर दिया था. एक पोस्ट में, पुलिस ने लिखा, “#सोशलमीडिया पर प्रसारित इस वीडियो में दावा किया गया है कि @INCIndia के विजय जुलूस में पाकिस्तान का झंडा लहराया जा रहा है. यह झूठ है और हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे इसके झांसे में न आएं. हम शरारती तत्व का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.”
राजस्थान पुलिस के स्पष्टीकरण वाले एक्स पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो 2018 का है और इसमें कांग्रेस की रैली में पाकिस्तान का झंडा नहीं दिखाया गया है.
निर्णय
पांच साल पुराने एक वीडियो को इस फ़र्ज़ी दावे के साथ फैलाया गया है कि राजस्थान में कांग्रेस की रैली में पाकिस्तान का झंडा फहराया गया था. वीडियो में दिख रहा झंडा पाकिस्तान का झंडा नहीं है. इसका 2023 के राज्य चुनावों से भी कोई संबंध नहीं है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.