फैक्ट चेक
निर्णय भ्रामकयह वीडियो उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर का नहीं, बल्कि बांग्लादेश का है, जहां एक पाकिस्तानी मौलाना ने ढाका में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बयान दिया था. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर हिंदुओं के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयान देते हुए एक मौलाना का वीडियो बड़े पैमाने पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह बयान उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में दिया गया है. सोशल मीडिया यूजर्स गाज़ीपुर पुलिस से उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, “"याद रखना पंडित और हिन्दुओं, एक तरफ़ पाकिस्तान है और दूसरी तरफ़ बांग्लादेश, तुम्हारे मुल्क में घुसकर तुम्हारी गर्दन काट के कुत्तों को खिला देंगे…” ये भाषण ग़ाज़ीपुर में दिया जा रहा है." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.
हालांकि, यह वीडियो उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है, जहां हबीबुल्लाह अरमानी नाम के एक पाकिस्तानी मौलाना ने ढाका में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बयान दिया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने पाया कि वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कई यूज़र्स ने गाज़ीपुर पुलिस की एक एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) शेयर की है, जिसमें वायरल दावे का खंडन किया गया है और बताया गया है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले का नहीं बल्कि बांग्लादेश के ढाका के गाजीपुर का है. साथ ही, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान पाकिस्तान के मौलाना हबीबुल्लाह अरमानी के रूप में की गई है.
इस जानकारी के आधार पर, हमने मौलाना हबीबुल्लाह अरमानी के फ़ेसबुक पेज की जांच की, जहां हमें अक्तूबर 2, 2024 को अपलोड किया गया वही वीडियो (आर्काइव यहां) मिला. वीडियो के साथ बताया गया था कि मौलाना ने यह बयान बांग्लादेश के ढाका में दिया था. इसके अलावा, इसी वीडियो का एक लंबा वर्ज़न सितंबर 28 को भी पोस्ट (आर्काइव यहां) किया था. उन्होंने सितंबर 27 के एक वीडियो में भी ऐसा बयान दिया था, जिसके कैप्शन में इसे ढाका का बताया गया था.
हालांकि, हमें गाज़ीपुर का वो वीडियो नहीं मिला, जिसका ज़िक्र मौलाना ने वायरल वीडियो में किया था. बता दें कि गाज़ीपुर बांग्लादेश की राजधानी ढाका से क़रीब 23 किलोमीटर दूर एक ज़िला है. मौलाना के फ़ेसबुक पेज पर सितंबर माह के दौरान बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में आयोजित कार्यक्रमों में उनके शामिल होने के वीडियो पोस्ट किए गए हैं. इससे यह आशंका भी दूर हो जाती है कि वीडियो में गाज़ीपुर का जिज़िक्र भारत के उत्तर प्रदेश के ज़िले के रूप में है.
जांच के दौरान हमें Rose TV10 नाम के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो का एक लंबा वर्ज़न (आर्काइव यहां) मिला, जिसका शीर्षक था - "बांग्लादेश में अज़मत सहाबा सीरत सेमिनार में पाकिस्तान के हबीबुल्लाह अरमानी का 9 मिनट का बयान." इस वीडियो में 6:32 मिनट पर वही हिस्सा देखा जा सकता है जो वायरल वीडियो में दिखाया गया है.
हमने पाया कि मौलाना ने यह बयान भारत में हिंदुओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के संदर्भ में दिया था.
मौलाना का यही बयान सितंबर 29 को तदरिब एटीवी के यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए वीडियो (आर्काइव यहां) में भी मौजूद है, जिसे अलग एंगल से रिकॉर्ड किया गया है. वीडियो में मंच पर लगे बैनर से पता चलता है कि यह कार्यक्रम अज़मत सहाबा बांग्लादेश ढाका मेट्रोपोलिस की पहल पर सीरत सेमिनार 2024 के तौर पर आयोजित किया गया था.
हमने बांग्ला कीवर्ड से सर्च किया तो हमें अज़मत सहाबा बांग्लादेश के फ़ेसबुक पेज पर इस कार्यक्रम की कई तस्वीरें और वीडियो मिले. इसी पेज पर हमें कार्यक्रम का एक पोस्टर भी मिला, जिसके मुताबिक़ सीरत सेमिनार सितंबर 28 को ढाका के कैल्वर्ट रोड स्थित इकोनॉमिक रिपोर्टर्स फोरम में आयोजित किया गया था.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर का बताकर वायरल हो रहा वीडियो असल में बांग्लादेश का है, और इसमें पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वाले हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसक बयान देने वाले मौलाना पाकिस्तान के हबीबुल्लाह अरमानी हैं.
[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]