फैक्ट चैक

निर्णय [असत्य]

यह तस्वीर केरल के किसी कॉलेज ड्रेस काम्पटिशन की नहीं, बल्कि मॉर्फी रिचर्ड्स कंपनी के एपिलेटर प्रोडक्ट के लिए 2011 में बनाए गए विज्ञापन की है.

दावा क्या है? 

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक लड़की राजस्थानी पारंपरिक परिधान में नज़र आ रही है. तस्वीर में लड़की ऊपर से पूरे कपड़े पहने हुए है लेकिन नीचे के कपड़े छोटे हैं और ज़मीन पर पड़ी कैंची देखकर ऐसा दिख रहा है जैसे ड्रेस को नीचे से आधा काटा गया है. 

यह तस्वीर केरल की बताई जा रही है और दावा किया जा रहा है कि कॉलेज फंक्शन के ड्रेस कॉम्पिटिशन में इसे टॉप 3 में चुना गया है. सोशल मीडिया यूजर्स लड़की के कपड़ों पर आपत्ति जता रहे हैं और भारतीय परंपराओं का मजाक उड़ाने के लिए केरल के कॉलेजों की आलोचना कर रहे हैं. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने तस्वीर के साथ कैप्शन दिया, "केरल में एक कॉलेज फंक्शन के ड्रेस कंपटीशन में इसे टॉप 3 में चुना गया...केरल से निकल के यह रोग हर यूनिवर्सिटी कॉलेज होते हुए हर शहर तक आएगा क्योंकि वामपंथ हावी है हिन्दुज्म पर, परंतु हिन्दू समझने को तैयार नहीं." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें. 

वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, यह तस्वीर मॉर्फी रिचर्ड्स कंपनी के एपिलेटर प्रोडक्ट के लिए 2011 में बनाए गए विज्ञापन की है. इसे मुंबई में शूट किया गया था और इसका केरल के किसी कॉलेज के ड्रेस काम्पटिशन से कोई संबंध नहीं है. 

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये वायरल तस्वीर को खोजा, तो ये हमें विज्ञापनों से संबंधित कई वेबसाइट पर मिली. 'ऐड्स ऑफ़ द वर्ल्ड' वेबसाइट पर बताया गया है कि यह तस्वीर इलेक्ट्रिकल और होम अप्लायंसेस बनाने वाली कंपनी मॉर्फी रिचर्ड्स के प्रिंट विज्ञापन के लिए ली गई थी. वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि 'साड़ी में लड़की, राजस्थान की लड़की' ('Girl in a saree, Girl from Rajasthan') शीर्षक वाला यह पेशेवर अभियान भारत में अप्रैल, 2011 में प्रकाशित हुआ था. इसे मॉर्फी रिचर्ड्स के लिए विज्ञापन एजेंसी: कॉन्ट्रैक्ट द्वारा बनाया गया था. इस तस्वीर को फ़ोटोग्राफर अमोल जाधव ने खींचा था. 

वायरल तस्वीर के अलावा इस वेबसाइट पर एक और तस्वीर भी देखी जा सकती है, जिसमें एक महिला साड़ी पहने हुए नज़र आ रही है लेकिन उसके भी पैर ढके नहीं हैं, नीचे के कपड़े के हिस्से कटे हुए दिखाए गए हैं. दोनों तस्वीरों में ऊपर दाईं ओर मॉर्फी रिचर्ड्स एपिलेटर की ब्रांडिंग भी देखी जा सकती है.

‘ऐड्स ऑफ़ द वर्ल्ड’ वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: ऐड्स ऑफ़ द वर्ल्ड/स्क्रीनशॉट)

इसके अलावा ऐडस्पॉट देसीक्रिएटिव जैसी अन्य विज्ञापन संबंधी वेबसाइट में भी इस तस्वीर के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि यह मॉर्फी रिचर्ड्स एपिलेटर के विज्ञापन की तस्वीर है. साथ ही, तस्वीर क्लिक करने वाले फ़ोटोग्राफर का नाम अमोल जाधव बताया गया है.

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने फ़ोटोग्राफर अमोल जाधव से संपर्क किया, तो हमारी बात उनके असिस्टेंट राज छेड़ा से हुई. वायरल तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया, "यह तस्वीर मॉर्फी रिचर्ड्स के हेयर रिमूविंग प्रोडक्ट के लिए थी. यह तस्वीर 2011 में अमोल जाधव ने  ली थी. इसका फ़ोटोशूट मुंबई में हुआ था. " उन्होंने आगे बताया कि हमने यह शूट एक ऐड एजेंसी के लिए किया था.

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो गया कि इलेक्ट्रिकल और घरेलू अप्लायंसेस कंपनी मॉर्फी रिचर्ड्स के एपिलेटर प्रोडक्ट के 2011 के विज्ञापन की एक तस्वीर को केरल के कॉलेज से जोड़कर ग़लत तरीके से शेयर किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.