निर्णय- असत्य




    इस तस्वीर के निर्माता ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स से पुष्टि की कि उन्होंने पीएम मोदी की तस्वीर बनाने के लिए AI टूल का उपयोग किया था.


दावा क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे से मिलते-जुलते पेड़ों के समूह की एक तस्वीर को एक्स और फ़ेसबुक पर वास्तविक तस्वीर बताकर शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट्स का दावा है कि यह तस्वीर कर्नाटक के गोकर्ण में एक फ्रांसीसी पर्यटक द्वारा ली गई थी. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ऐसे ही एक पोस्ट में लिखा था, “वाह! प्रकृति भी मोदीजी के साथ है.” यूज़र ने पोस्ट को कैप्शन के साथ दोबारा शेयर किया, "यह तस्वीर गोकर्ण (कर्नाटक) में एक फ्रांसीसी पर्यटक द्वारा क्लिक की गई थी." इस पोस्ट का आर्काइव यहां देखा सकता है. अन्य पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखें.




हालांकि, यह एक AI-जनरेटेड तस्वीर है नाकि वास्तविक तस्वीर, जैसा कि दावा किया गया है. 


सच्चाई क्या है?
हमने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजा तो ये हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स में मिली, जिसमें इसे AI-जनरेटेड बताया गया था.


23 सितंबर को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट का शीर्षक था, "क्या आपको इस AI-जनरेटेड तस्वीर में पीएम मोदी का चेहरा दिख रहा है?" इस रिपोर्ट के एक हिस्से में लिखा है, “कलाकार रचनात्मकता की सीमाओं को आगे बढ़ाने और विस्मयकारी तस्वीरें बनाने के लिए विभिन्न AI-संचालित उपकरणों का तेजी से उपयोग कर रहे हैं. माधव कोहली एक ऐसे कलाकार हैं जो अक्सर सोशल मीडिया पर मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य शेयर करते हैं. उनकी नवीनतम कृतियों में से एक में एक द्वीप की तस्वीर दिखाई गई है. हालाँकि, यह देखना दिलचस्प है कि उन्होंने अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति के साथ प्रौद्योगिकी को कैसे मिश्रित किया और तस्वीर को इस तरह बनाया कि यह पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे की रूपरेखा बन गई.


हमने इंस्टाग्राम पर कोहली से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि उन्होंने "स्टेबल डिफ्यूजन नामक AI इमेज जनरेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके" तस्वीर बनाई है. एप्लिकेशन स्टेबल डिफ्यूजन ख़ुद को "एक गुप्त टेक्स्ट-टू-इमेज डिफ्यूजन मॉडल के रूप में वर्णित करता है जो किसी भी टेक्स्ट इनपुट के बाद फ़ोटो-यथार्थवादी तस्वीरें बनाने में सक्षम है."




माधव कोहली ने अपने एक्स अकाउंट पर अन्य AI-जनरेटेड तस्वीरें भी शेयर की हैं.





निर्णय
सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के चेहरे की रूपरेखा वाले पेड़ों को दिखाने के दावे से शेयर की गई तस्वीर AI-जनरेटेड है. यह किसी फ्रांसीसी पर्यटक द्वारा ली गई वास्तविक तस्वीर नहीं है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन, कंटेंट और फोटो में बदलाव करके रिपोर्ट को रिपब्लिश किया है.