फ़ेक एआई-जनरेटेड राहुल गांधी और दीपेंद्र हुड्डा का वीडियो हुआ वायरल
वायरल क्लिप में कई विसंगतियां हैं, जो दर्शाती हैं कि इसे एआई की मदद से बनाया गया है. मूल तस्वीर और वीडियो में, दीपेंद्र हुड्डा केवल राहुल गांधी के साथ पोज़ देते हुए दिखाई देते हैं.
फैक्ट चेक
निर्णय फ़ेककांग्रेस नेता राहुल गांधी और दीपेंद्र हुड्डा का यह वीडियो फ़ेक है. वायरल क्लिप में कई विसंगतियां हैं, जो दर्शाती हैं कि इसे एआई की मदद से बनाया गया है. |
दावा क्या है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दीपेंद्र हुड्डा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है, जिसमें हुड्डा राहुल गांधी को खींचते और गले लगाते नज़र आ रहे हैं. वीडियो में ऊपर दीपेंद्र हुड्डा का एक्स हैंडल भी दिखाई दे रहा है, जिससे ऐसा लग रहा है कि उन्होंने ख़ुद ही यह वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो के ज़रिये सोशल मीडिया यूज़र्स दोनों नेताओं के रिश्तों पर सवाल उठा रहे हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, "यह क्या था भाई ? कभी प्रियंका गांधी तो कभी दीपेंद्र हुड्डा. कहीं इनका दूसरे वाला सिस्टम तो नहीं है ?" पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो फ़ेक है. वायरल क्लिप में कई विसंगतियां हैं, जो दर्शाती हैं कि इसे एआई की मदद से बनाया गया है. मूल तस्वीर और वीडियो में, दीपेंद्र हुड्डा केवल राहुल गांधी के साथ पोज़ देते हुए दिखाई देते हैं.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर कई विसंगतियां नज़र आती हैं, जैसे गले मिलने से पहले ही एक अदृश्य हाथ राहुल गांधी की ओर बढ़ता हुआ दिखाई देता है, जबकि दीपेंद्र हुड्डा का बायां हाथ अपनी जगह पर ही रहता है, और फिर हुड्डा का पूरा शरीर अचानक राहुल गांधी की ओर मुड़ जाता है. इसके अलावा, जब हुड्डा का चेहरा राहुल गांधी के करीब आता है, तो वह धुंधला हो जाता है. ऐसा आमतौर पर तब होता है जब किसी तस्वीर या वीडियो को एआई टूल का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है.
ये सभी विसंगतियां इस बात की ओर इशारा करती हैं कि वायरल वीडियो एआई के ज़रिये तैयार किया गया था.
वायरल वीडियो में नज़र आने वाली विसंगतियों का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
इंटरनेट पर कई 'एआई हग जेनरेटर' ऐप मौजूद हैं जो एक तस्वीर या दो तस्वीरों के कोलाज ऐसा दिखा सकते हैं जैसे कि तस्वीरों में लोग गले मिल रहे हैं या चूम रहे हैं. ये ऐप्स यूज़र्स से निर्देश (प्रांप्ट) लेकर लोगों के बीच की इस तरह की गतिविधियों का वास्तविक जैसा भ्रम पैदा कर देते हैं. हालाँकि, हम स्वतंत्र रूप से यह पता नहीं लगा सके कि इस वीडियो को बनाने के लिए किस एआई टूल का इस्तेमाल किया गया था.
हमने वीडियो पर दिख रहे इंस्टाग्राम वॉटरमार्क @Paltupaltann से संकेत लेकर हम उस अकाउंट पर पहुंचे. हालांकि, वीडियो अब डिलीट किया जा चुका है. इस अकाउंट (आर्काइव यहां) पर कई ऐसे वीडियो मौजूद थे, जिनमें राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं के एडिटेड और एआई निर्मित वीडियो शेयर किए गए थे. इस वीडियो पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए हमने उस यूज़र से संपर्क किया है. उसका जवाब मिलते ही स्टोरी अपडेट कर दी जाएगी.
असल तस्वीर कब की है?
हमने पाया कि कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अक्टूबर 1, 2024 को राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की हरियाणा विजय संकल्प यात्रा में शामिल हुए थे, जिसकी एक तस्वीर उन्होंने अपने एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) और फेसबुक पर (आर्काइव यहां) शेयर की थी. इसके साथ कैप्शन दिया गया था, “म्हारे नेता.” इस तस्वीर में राहुल गांधी और हुड्डा कार के दरवाजे पर खड़े नज़र आ रहे हैं, और राहुल पगड़ी संभाल रहे हैं, जबकि हुड्डा उनकी तरफ़ देख रहे हैं.
दीपेंद्र हुड्डा के एक्स-पोस्ट का स्क्रीनशॉट, जिसे वायरल वीडियो में दिखाया गया है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हमें कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर भी इसी यात्रा का एक वीडियो (आर्काइव यहां) मिला, जिसमें एक मिनट के अंतराल पर दीपेंद्र हुड्डा राहुल गांधी को पगड़ी पहनाते नजर आ रहे हैं, जिसे राहुल स्वीकार करते हैं और फिर उतार देते हैं। इस दौरान एक भी पल ऐसा नहीं आता जब दोनों नेता एक-दूसरे को गले लगाते नज़र आएं.
हमें पंजाब केसरी के पत्रकार अमनदीप पिलानिया की एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) में इसी मौके का सामने से रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो मिला, जिसमें हुड्डा राहुल को पगड़ी पहनाते नज़र आ रहे हैं. इसमें दोनों नेताओं के बीच एक दूरी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है. दीपेंद्र हुड्डा का हाथ कार के दरवाजे पर रखा हुआ दिखाई दे रहा है, जिसके बारे में हम पहले ही वायरल वीडियो में विसंगतियों को उजागर करते हुए बता चुके हैं.
पंजाब केसरी के पत्रकार अमनदीप पिलानिया के एक्स-पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल वीडियो असल में फ़ेक है, जिसे एआई टूल्स की मदद से बनाया गया है.