जनसभा का ये वीडियो कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नहीं है
पीएम मोदी का ये दावा कि राहुल गांधी ने अपने भाषणों में अंबानी-अडानी का नाम लेना बंद कर दिया है ग़लत है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक राहुल गांधी लगातार अडानी-अंबानी पर निशाना साधते रहे हैं.
फैक्ट चैक निर्णय [असत्य]वीडियो शूट करने वाले अभिजीत कलगे ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया कि यह वीडियो 5 मार्च को कर्नाटक के बेलगावी में बैलगाड़ी रेस के दौरान जमा हुई भीड़ का है. |
दावा क्या है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लंबे समय से इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं. हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा जारी होने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए सरकार पर निशाना साधा और इसे 'हफ़्ता वसूली' बताया. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें भारी भीड़ के बीच से एक काफ़िला गुज़रता दिख रहा है और लोग जमकर शोर कर रहे हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो इलेक्टोरल बॉन्ड के ख़ुलासे के बाद राहुल गांधी की जनसभा का है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की गई ऐसी ही एक पोस्ट (आर्काइव) को अब तक 199,000 से अधिक बार देखा जा चुका है. इसी दावे के साथ शेयर किए गए पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है क्योंकि यह वीडियो राहुल गांधी की जनसभा का नहीं बल्कि कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित बैलगाड़ी रेस देखने के लिए जुटी भीड़ का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
जब हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए वीडियो का मूल सोर्स खोजना शुरू किया, तो हमें अभिजीत कालगे नाम के इंस्टाग्राम यूज़र के अकाउंट पर हूबहू वीडियो मिला. हमने पाया कि यह वीडियो 5 मार्च, 2024 को शेयर किया गया था. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि चुनाव आयोग ने 14 मार्च को चुनावी बॉन्ड का डाटा जारी किया था, जबकि वीडियो उसके पहले से मौजूद है.
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वीडियो में देखा जा सकता है कि भारी भीड़ के बीच एक पुलिस गाड़ी और पिंक रंग से रेंज बैलों की बैलगाड़ी जाती हुई दिखाई देती है, जिसे देखकर लोग “कोल्हापूरचा ढाण्या वाघं…” कहकर शोर मचाते दिखाई देते हैं.
वीडियो के बारे में जानकारी लेने के लिए हमने इंस्टाग्राम यूज़र अभिजीत कालगे से संपर्क किया. अभिजीत ने बताया, "मैंने ही यह वीडियो शूट किया था. यह वीडियो राहुल गांधी की रैली का नहीं है, एक बैलगाड़ी रेस का वीडियो है. यह रेस महाराष्ट्र-कर्नाटक बॉर्डर के नज़दीक एकसम्बा चिकोड़ी में हुई थी. वीडियो में जो लोग दिख रहे हैं, वे सारे लोग रेस देखने गए थे. इसमें कोल्हापुर का 'हरण्या' नाम का बैल जीता था. यह रेस हर साल होती है."
उन्होंने आगे कहा, "पता नहीं क्यों लोग मेरे इंस्टाग्राम पोस्ट में राहुल गांधी लिखने लगे. शायद बड़े बैनर में जो फ़ोटो दिख रही है उन्हें वो राहुल गांधी की लगी हो, लेकिन वो राहुल गांधी की फ़ोटो नहीं है. यह रेस करवाने वाले (आयोजक) की फ़ोटो है."
इससे संकेत लेते हुए हमने मीडिया रिपोर्ट्स चेक की तो हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि एमएलसी प्रकाश हुक्केरी के 77वें जन्मदिन के अवसर पर कर्नाटक के एकसम्बा के चिकोड़ी तालुक में अंतर-राज्यीय बैलगाड़ी रेस का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर विधायक गणेश हुक्केरी भी उपस्थित थे. इसमें क़रीब तीन लाख से ज़्यादा लोग शामिल हुए और महाराष्ट्र-कर्नाटक से 34 जोड़ी बैलों ने दौड़ में हिस्सा लिया. इस रेस में महाराष्ट्र के कोल्हापुर के संदीप पाटिल के बैल ने कैटेगरी-ए में बाजी मारी और 17 लाख रुपये की इनामी राशि जीती.
इसके बाद, हमने गणेश हुक्केरी के सोशल मीडिया अकाउन्ट्स को चेक किया, जहां हमें उसी आयोजन के दृश्य दिखाने वाली कई तस्वीरें और वीडियो मिले. गणेश हुक्केरी कर्नाटक की चिकोडी-सदलगा सीट से कांग्रेस विधायक हैं.
वायरल वीडियो और विधायक गणेश हुक्केरी के इंस्टाग्राम वीडियो के दृश्यों की तुलना. (सोर्स: एक्स, इंस्टाग्राम/स्क्रीनशॉट)
हमें गणेश हुक्केरी के फ़ेसबुक अकाउंट पर इस बैलगाड़ी रेस का 5 मार्च, 2024 का लाइव वीडियो भी मिला, जिसमें उन दोनों पुलिस गाड़ियों को बैलगाड़ियों के आगे चलते हुए देखा जा सकता है. क़रीब 53 मिनट लंबे वीडियो में कई दृश्य दिखाए गए हैं जो वायरल वीडियो से मेल खाते हैं, जिनमें अलग-अलग समय पर समान बैनर और होर्डिंग्स भी शामिल हैं.
इसके अलावा हमें इसी आयोजन का एक और वीडियो मिला, जिसमें एक बैलगाड़ी बेकाबू हो जाती है और वहां मौजूद लोगों के ऊपर चढ़ जाती है. इसके ठीक सामने वही बड़ा होर्डिंग भी देखा जा सकता है, जो हमने ऊपर तुलनात्मक तस्वीर में दिखाया है.
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निर्णय
हमारी अब तक की जांच से ये साफ़ हो जाता है कि वायरल वीडियो 5 मार्च 2024 को कर्नाटक के बेलगावी ज़िले में हुई बैलगाड़ी रेस का है और इसका राहुल गांधी की जनसभा से कोई संबंध नहीं है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.