निर्णय [ असत्य ]




    वायरल पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर 10 जनवरी की है, जब राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में सांवरिया सेठ मंदिर की दान पेटी खोली गई थी.


दावा क्या है? 


अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच रोजाना नए दावे सोशल मीडिया सामने आ रहे हैं. इन दिनों राम मंदिर निर्माण के लिए दान से जुड़ी एक तस्वीर वायरल हो रही है. इसमें कुछ लोग नोटों के बंडल के सामने बैठे नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि सांवरिया सेठ मंदिर मंडफिया ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का दान दिया है.


एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फेसबुक पर तस्वीर के साथ इस दावे को खूब हवा दी जा रही है. इन पोस्ट्स के आर्काइव वर्जन यहांयहांयहां, और यहां देखा जा सकता है.



वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)


हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित सांवरिया सेठ मंदिर ने राम मंदिर निर्माण के लिए ₹50 करोड़ का दान नहीं दिया है. यह तस्वीर 10 जनवरी को तब ली गई थी जब सांवरिया सेठ मंदिर की दान पेटी खोली गई थी.


हमें सच्चाई कैसे पता चली?


हमने रिवर्स इमेज सर्च के जरिये तस्वीर की खोज की, तो यह हमें 10 जनवरी, 2024, को प्रकाशित एनडीटीवी राजस्थान की एक रिपोर्ट में बतौर कवर इमेज मिली. 


इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित श्री सांवरिया सेठ मंदिर की दान पेटी से हर महीने करोड़ों का दान निकलता है. इस महीने भी जब दान पेटी खोली गई तो करोड़ों रुपये निकले. इस महीने गिनती के पहले दिन में ₹6 करोड़ से ज्यादा नोट जारी किए गए हैं.



एनडीटीवी राजस्थान रिपोर्ट में मौजूद वायरल तस्वीर (सोर्स: एनडीटीवी/स्क्रीनशॉट)


14 जनवरी को एनडीटीवी राजस्थान की एक अन्य रिपोर्ट में यह रकम ₹10 करोड़ 63 लाख से ज्यादा बताई गई है. इसके अलावा, एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती एक तस्वीर मौजूद है.


इन रिपोर्ट्स में कहीं भी सांवरिया सेठ मंदिर द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दिए गए दान का जिक्र नहीं है.


क्या सांवरिया सेठ मंदिर ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिए 50 करोड़?


इसके बाद हमने सांवरिया सेठ मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी नंद किशोर टेलर से संपर्क किया और उनसे वायरल दावे के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “यह फेक न्यूज है. हमारे ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर को ऐसा कोई दान नहीं दिया गया है. किसी ने ये फेक न्यूज फैलाई है.” जब हमने उनसे वायरल तस्वीर के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मंदिर की दान पेटी हर महीने खोली जाती है. इसे अभी 10 जनवरी को खोला गया था. तभी ये तस्वीर ली गई.


इस मामले को लेकर हमने अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल से भी संपर्क किया. उन्होंने ऐसे किसी भी दान के बारे में स्वतंत्र जानकारी रखने में असमर्थता जताते हुए कहा, “ऑनलाइन और तीर्थ क्षेत्र जाकर दान दिया जा सकता है. किसने कितना दान दिया इसकी कोई सूची नहीं है. यह सारा काम ऑडिट के समय होता है, जो साल में और 6 महीने में होता है.”


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले तीन सालों में मंदिर ट्रस्ट को लगभग ₹5,000 करोड़ तक का दान मिल चुका है. ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं.


निर्णय


हमारी जांच से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित सांवरिया सेठ मंदिर ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ₹50 करोड़ दान देने का दावा गलत है. इसके साथ शेयर की गई नोटों के बंडल की तस्वीर तब क्लिक की गई थी जब सांवरिया सेठ की दान पेटी खोली गई थी. इसका राम मंदिर से कोई संबंध नहीं है. इसलिए हम वायरल दावे को गलत मानते हैं.


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ  इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.