क्या बाबरी मस्जिद से 3 किमी दूर बन रहा राम मंदिर? जानें दावे की सच्चाई
22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सारी तैयारियां की जा चुकी हैं. इस बीच दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर बाबरी मस्जिद की जगह से तीन किमी दूर बन रहा है.
निर्णय [असत्य]
- वायरल स्क्रीनशॉट में 'बाबर मस्जिद' वाली जगह असल में सीता-राम बिरला मंदिर है और राम मंदिर उसी स्थान पर बनाया जा रहा है, जहां बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी.
दावा क्या है?
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तारीख जैसे-जैसे क़रीब आती जा रही है, हर दिन इससे जुड़े नए-नए दावे सामने आ रहे हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर गूगल मैप का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर का निर्माण बाबरी मस्जिद की जगह नहीं बल्कि उससे तीन किलोमीटर दूर हो रहा है. इस दावे को आगे बढ़ाते हुए कहा जा रहा है कि जब विवादित स्थल से तीन किलोमीटर दूर राम मंदिर का निर्माण करना था, तो फिर बाबरी मस्जिद क्यों गिराई गई थी.
अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले के बाद ख़त्म हो गया, जब देश की शीर्ष अदालत ने नवंबर 2019 में केंद्र सरकार से एक ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर के निर्माण के लिए विवादित 2.77 एकड़ ज़मीन ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वायरल स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, “ गूगल मैप उन 2 विशिष्ट स्थलों को दिखाता है जहां कभी बाबरी मस्जिद थी और जहां राम मंदिर का निर्माण किया गया है. तो ऐसा लगता है कि आखिरकार मंदिर वहीं नहीं बनाया गया.” पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे दावे वाले अन्य पोस्ट यहां, और यहां देखें.
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने भी एक बयान में कहा, “जहां हम मंदिर बनाने की बात कर रहे थे, वहां मंदिर नहीं बना है. वह डिस्प्यूटेड प्लेस (विवादित स्थल) आज भी वैसा ही है. मंदिर वहां से तीन किलोमीटर दूर बना है.” संजय राउत के इस बयान को हरियाणा कांग्रेस नेता विकास बंसल ने एक्स पोस्ट के ज़रिये शेयर किया है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स:एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि गूगल मैप पर ‘बाबर मस्जिद’ के रूप में चिह्नित संरचना असल में सीता राम मंदिर है और अयोध्या में राम मंदिर उसी स्थान पर बनाया जा रहा है जहां बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने वायरल स्क्रीनशॉट के साथ किये जा रहे दावे का सच जानने के लिए सबसे पहले दोनों स्थानों को गूगल मैप पर खोजा, तो इसमें एक स्थान ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ के रूप में स्पष्ट दिखाई देता है, जबकि दूसरे स्थान पर सीता-राम बिरला मंदिर मौजूद है. इसी स्थान को ‘बाबर मस्जिद’ के तौर पर मार्क किया गया है.
वायरल स्क्रीनशॉट और गूगल मैप में दिखाई देने वाला सीता-राम मंदिर (सोर्स: एक्स, गूगल मैप/स्क्रीनशॉट)
यहां ध्यान देने वाली बात है कि मैप पर जो आकृति दिखाई देती है, वह सीता-राम बिरला मंदिर के बिल्कुल समान है. इसकी पुष्टि गूगल अर्थ मैप पर भी होती है.
गूगल मैप में दिखाई देने वाला सीता-राम बिरला मंदिर (सोर्स: गूगल मैप/स्क्रीनशॉट)
वहीं, 'बाबर मस्जिद' के निशान के बारे में सर्च करने पर हमें बाबरी मस्जिद की एक पुरानी तस्वीर मिलती है, जो उस स्थान की गूगल सैटेलाइट इमेज की वास्तविक तस्वीर से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती है. इससे पता चलता है कि सीता-राम मंदिर पर ही मस्जिद को मार्क किया गया है.
‘बाबर मस्जिद’ तस्वीर और गूगल सैटेलाइट इमेज की तस्वीर में अंतर. (सोर्स: गूगल मैप/स्क्रीनशॉट)
इसके बाद हमने गूगल अर्थ प्रो पर राम मंदिर सर्च किया तो हमें 2023 की सैटेलाइट इमेज दिखी जिसमें निर्माणाधीन राम मंदिर दिख रहा है. गूगल अर्थ प्रो ऐप के हिस्टोरिकल इमेजरी टूल की मदद से हमने उसी जगह की पुरानी सैटेलाइट तस्वीरें देखने की कोशिश की, तो हमारे सामने 2011 की सैटेलाइट इमेज आई जिसमें देखा जा सकता है कि उस समय वहां कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ था.
2011 और 2023 की राम मंदिर की सैटेलाइट इमेज (सोर्स: गूगल अर्थ प्रो/स्क्रीनशॉट)
जांच के अगले हिस्से में, हमने बाबरी मस्जिद की कुछ पुरानी तस्वीरों में से एक को गूगल अर्थ प्रो की 2011 की सैटेलाइट इमेज से मैच करने की कोशिश की. चूंकि तब तक वहां कोई निर्माण शुरू नहीं हुआ था. इससे हम दोनों के बीच समानता स्थापित करने में सफल रहे.
बाबरी मस्जिद के विध्वंस से पहले की तस्वीर और 2011 की राम मंदिर की सैटेलाइट इमेज (सोर्स: इंडिया लीगल,गूगल अर्थ प्रो/स्क्रीनशॉट)
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण ठीक उसी स्थान पर किया जा रहा है, जहां बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था. वायरल पोस्ट में गूगल मैप पर ‘बाबर मस्जिद’ नाम की जगह दरअसल सीता-राम बिरला मंदिर है. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.