फैक्ट चेक

निर्णय असत्य

रामपुर जीआरपी थाना एसएचओ मुकेश कुमार ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया कि मामले में आरोपी मुस्लिम नहीं, बल्कि हिंदू समुदाय के संदीप चौहान और विजेंद्र हैं.

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें रेलवे ट्रैक के बीच में एक लोहे का खंभा रखा हुआ दिखाई दे रहा है. इस तस्वीर को "रेल जिहाद" जैसे हैशटैग के साथ शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि यह खंभा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जानबूझकर ट्रेन को हादसे का शिकार बनाने के लिए रखा था. वायरल पोस्ट में इस घटना को उत्तर प्रदेश के रामपुर में घटित बताया गया है.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक ‘sonofbharat7’ नामक यूज़र, जो ग़लत सूचना फ़ैलाने के लिए जाना जाता है, ने तस्वीर पोस्ट कर कैप्शन दिया, "हज़ारों हिन्दुओं की जान जाते जाते बची...रामपुर के मुस्लिम कॉलोनी के पीछे से गुज़र रही रेलवे लाइन पर ट्रेन को पलटाने के उद्देश्य से लोहे का खम्बा रख दिया आतंकवादियों ने, लेकिन देहरादून एक्सप्रेस लोको पॉयलेट ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हज़ारों हिन्दुओं की जान बचा ली." इस पोस्ट को अब तक 167,000 बार देखा गया है, 2900 रीपोस्ट और 5,000 से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. कुछ पोस्ट्स में सीधे तौर पर इस घटना के लिए मुस्लिम समुदाय को ज़िम्मेदार ठहराया गया है. ऐसे पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहांयहां और यहां देखें. 

 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)

 

हालांकि, वायरल दावा ग़लत है और लोहे का खंभा किसी साजिश के तहत नहीं रखा गया था और न ही आरोपी मुस्लिम हैं. इस मामले में रामपुर जीआरपी ने संदीप चौहान और विजेंद्र नाम के दो लोगों को गिरफ़्तार किया है, जो हिन्दू हैं और नशे की हालत में खंभा चोरी कर ले जा रहे थे, लेकिन ट्रेन आती देख वे उसे वहीं छोड़कर भाग गए.

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

इस मामले पर संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये खोजबीन करने पर, हमें सितंबर 22, 2024 को प्रकाशित एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के रामपुर में जीआरपी ने रेलवे ट्रैक पर लोहे का खंभा रखने के आरोप में संदीप चौहान और विजेंद्र उर्फ टिंकू को गिरफ़्तार किया है. दोनों आरोपी ट्रैक के पास से लोहे का खंभा चुरा रहे थे और जब उन्होंने ट्रेन आती देखी तो खंभा पटरी पर ही छोड़कर भाग गए.

दरअसल, 18 सितंबर की रात देहरादून से काठगोदाम जा रही नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट ने रामपुर के बिलासपुर थाना क्षेत्र में ट्रैक पर लोहे का खंभा पड़ा देखा, जिसके बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को हादसे से बचा लिया गया. लोको पायलट द्वारा दी गई सूचना पर रेलवे और पुलिस प्रशासन हरकत में आया और रामपुर जीआरपी ने इस मामले में अज्ञात के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

रिपोर्ट में लिखा है कि संदीप चौहान पर क़रीब 16 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और विजेंद्र उर्फ टिंकू पर 2 आपराधिक मुकदमे पहले से दर्ज हैं. दोनों रामपुर ज़िले के बिलासपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. 

अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब जीआरपी ने जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो दो लोग खंभा हटाते नज़र आए. इसके बाद कई जगहों पर छापेमारी की गई और आखिरकार सितंबर 22 को दोनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया. 

हमने पाया कि किसी भी न्यूज़ रिपोर्ट में इस घटना में मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति की संलिप्तता का ज़िक्र नहीं किया गया है.

इसके बाद हमने रामपुर जीआरपी थाने के एसएचओ मुकेश कुमार से संपर्क किया, जिन्होंने घटना के लिए मुस्लिमों को ज़िम्मेदार ठहराने वाले दावों को ख़ारिज करते हुए कहा, "दोनों आरोपी संदीप और विजेंद्र हिंदू हैं. वे नशे के आदी और आदतन चोर हैं. वे दोनों नशे की हालत में खंभा चुराकर ले जा रहे थे, तभी ट्रैक पर मौजूद पत्थरों के कारण दोनों गिर गए. इसी बीच आती ट्रेन की लाइट देखकर दोनों खंभा वहीं छोड़कर भाग गए."

उन्होंने कहा, "दोनों के ख़िलाफ़ रेलवे अधिनियम की धारा 150 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसके तहत 10 साल या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा उन पर चोरी का भी मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है."

रामपुर जीआरपी थाने के एसएचओ मुकेश कुमार ने भी बताया कि संदीप और विजेंद्र “आपराधिक प्रवृत्ति” के हैं, और उनके ख़िलाफ़ पहले भी कई मामले दर्ज हैं. 

सितंबर 22, 2024 को एसपी जीआरपी मुरादाबाद के एक्स हैंडल (आर्काइव यहां) द्वारा एक पोस्ट में घटना का ब्योरा दिया गया, जिसमें दोनों आरोपियों, संदीप और विजेंद्र, की गिरफ़्त की तस्वीरें भी शामिल थीं.

 

एसपी जीआरपी मुरादाबाद के एक्स-पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि रामपुर में रेलवे ट्रैक पर लोहे का खंभा रखने की घटना के दोनों आरोपी हिंदू समुदाय से हैं और वे खंभा चुराकर ले जा रहे थे, लेकिन जब उन्होंने ट्रेन आती देखी तो उसे वहीं छोड़कर भाग गए.