संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान नहीं पाई गईं ये मूर्तियां, देखें यह Viral फोटो
सोशल मीडिया पर पुरानी पोस्ट्स में हिंदू देवी-देवताओं की चार मूर्तियों दिखाई गईं है, जिसे ग़लत दावे से सम्भल मस्जिद सर्वे के दौरान का बताया गया है.
फैक्ट चैकनिर्णय [असत्य]हमने पाया कि तीन तस्वीरें फ़रवरी 2024 में कर्नाटक के रायचूर में मिली मूर्तियों की हैं, जबकि एक तस्वीर एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से ली गई है. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर चार तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के संभल में मुग़लकालीन मस्जिद के सर्वे के दौरान 1,500 साल पुरानी मूर्तियां मिली हैं. कोलाज में शिवलिंग, हिंदू भगवान विष्णु की दो मूर्तियाँ और सुदर्शन चक्र (विष्णु द्वारा धारण किया जाने वाला एक चक्र) जैसी एक और वस्तु दिखाई गई है.
एक फ़ेसबुक यूजर ने कोलाज को तेलुगु में कैप्शन के साथ शेयर किया, जिसका अनुवाद है, “संभल मस्जिद के सर्वे के दौरान 1500 साल पुरानी विष्णु मूर्ति, सुदर्शन चक्र और हिंदू प्रतीक मिले. हर हिंदू को शेयर करना चाहिए और हिंदू धर्म को बचाना चाहिए.” इसी तरह की पोस्ट के आर्काइव यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
यह दावा उत्तर प्रदेश के संभल की मुग़लकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए एक अदालत के आदेश के बाद आया है, जिसके बाद हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें पांच लोग मारे गए थे. एक स्थानीय अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद विवादास्पद सर्वे का आदेश दिया, जिसमें यह कहा गया था कि जिस भूमि पर मस्जिद स्थित है, वहां कभी एक हिंदू मंदिर हुआ करता था.
हालांकि, यह दावा कि मूर्तियां संभल मस्जिद से बरामद की गई थीं, ग़लत है. तस्वीर में दिखाई दे रही तीन मूर्तियां फ़रवरी 2024 में कर्नाटक में पाई गई थीं, जब मस्जिद का सर्वे भी नहीं हुआ था.
सच्चाई कैसे पता चली?
वायरल कोलाज में मौजूद तस्वीरों पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एनडीटीवी (आर्काइव यहां) द्वारा फ़रवरी 7, 2024 को पोस्ट किया गया एक एक्स-पोस्ट मिला. कैप्शन में लिखा है, “कर्नाटक के नदी के किनारे सदियों पुरानी विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग मिला.” इसमें दिख रही तीन तस्वीरें वर्तमान में वायरल हो रही तस्वीरों से मेल खाती हैं.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि फ़रवरी 6, 2024 को कर्नाटक के रायचूर ज़िले के शक्ति नगर क्षेत्र में कृष्णा नदी के किनारे से 1,000 साल पुरानी विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग बरामद किया गया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मूर्तियों को पुल निर्माण के दौरान बरामद किया गया था और उन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों को सौंप दिया गया था.
ये तस्वीरें फ़रवरी 2024 में टाइम्स ऑफ इंडिया और स्थानीय न्यूज़ चैनल TV9 कन्नड़ की रिपोर्ट में भी प्रकाशित की गई थीं, जो ऊपर दी गई जानकारियों की पुष्टि करती हैं.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने रायचूर में कर्नाटक पुरातत्व विभाग के इंचार्ज से बात की, जिन्होंने पुष्टि की कि विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग रायचूर में पाए गए थे.
इसके अलावा, हमने कोलाज में चौथी तस्वीर का पता लगाया, जिसमें गोलाकार चक्र को सुदर्शन चक्र बताया गया है, जो इंडियामार्ट (आर्काइव यहां) नामक एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर उपलब्ध है. तस्वीर के नीचे कैप्शन में लिखा है, "मटेरियल: पीतल का सुदर्शन चक्र कलशम, मंदिर." वेबसाइट के अनुसार, यह मटेरियल हैदराबाद स्थित कोलचरम आर्ट क्रिएशन द्वारा निर्मित और बेची जाती है.
यह ध्यान देने की बात है कि संभल मस्जिद का पहला सर्वे नवंबर 19, 2024 को किया गया था, जबकि ये मूर्तियां कई महीने पहले मिल चुकी थीं.
निर्णय
कर्नाटक में मिली मूर्तियों की तीन तस्वीरें और एक शॉपिंग वेबसाइट की तस्वीर को ग़लत तरीके से यह दावा करते हुए शेयर किया गया कि ये मूर्तियां उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पाई गई थीं.
[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले LOGICALLY FACTS पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]