फैक्ट चैक

[फ़ेक]

अडानी समूह ने वायरल प्रेस रिलीज़ जारी करने से साफ़ इनकार करते हुए इसे "फ़ेक और धोखाधड़ी" बताया है.

दावा क्या है?

केन्या में गौतम अडानी और अडानी समूह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के बीच, सोशल मीडिया पर एक प्रेस रिलीज़ शेयर की जा रही है जिसमें दावा किया गया है कि अडानी समूह ने प्रदर्शनकारियों को "गंभीर परिणाम" भुगतने की धमकी दी है. कथित प्रेस रिलीज़ सितंबर 10, 2024 की है, और इसका शीर्षक है: "अडानी समूह निराधार आरोपों और धमकियों की निंदा करता है," जिसे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है. वायरल प्रेस नोट में यह भी धमकी दी गई है कि अगर विरोध प्रदर्शन जारी रहा तो "कंपनी के निवेश से लाभ उठाने वाले सरकारी शेयरधारकों के नाम" जारी किए जाएंगे.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने प्रेस नोट पोस्ट कर कैप्शन दिया, "और कुछ हो या न हो, मगर एक बात तो अडाणी ने खुद प्रूव कर दी कि वो रिश्वतें दे कर काम करवाता है, और दूसरी यह कि काम न होने पर रिश्वत लेने वालों के नाम जगजाहिर कर के ब्लैकमेल की धमकी देकर अपनी नंगाई भी दिखा देता है." अब तक इस पोस्ट को 38,600 बार देखा गया और 1,000 लाइक मिले हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहांयहां और यहां देखें.

 

वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

 

यह दावा केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन और केन्याई निवासियों द्वारा नैरोबी एयरपोर्ट को अडानी समूह को लीज़ पर देने के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के बीच सामने आया है. हालांकि, विरोध प्रदर्शनों के बाद केन्याई उच्च न्यायालय ने इस सौदे को रद्द कर दिया और न्यायिक समीक्षा की अनुमति दी है.

हालांकि, हमने पाया कि वायरल प्रेस नोट फ़ेक है.

सच्चाई क्या है?

वायरल प्रेस नोट पर बारीकी से नज़र डालने पर हमें कई विसंगतियां नज़र आईं - उदाहरण के लिए, अडानी समूह का लोगो सुपरइम्पोज़्ड प्रतीत होता है, और जबकि उनके आधिकारिक रिलीज़ में लोगो आमतौर पर दाईं ओर रखा जाता है, वायरल नोट में यह बाईं ओर, झुका हुआ, और एडिट किया हुआ प्रतीत होता है.

 

वायरल प्रेस रिलीज़ और अडानी समूह द्वारा आधिकारिक प्रेस स्टेटमेंट्स की तुलना. (सोर्स: एक्स/अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड)

हमने अडानी समूह की आधिकारिक वेबसाइट की जांच की जहां सभी आधिकारिक प्रेस रिलीज़ मौजूद हैं, लेकिन सितंबर 10 की ऐसी कोई प्रेस रिलीज़ नहीं मिली. हालांकि, हमने पाया कि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने सितंबर 16, 2024 को एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें वायरल फ़ेक नोट को 'धोखाधड़ी' और 'फ़ेक' कहा गया. स्पष्टीकरण में कंपनी ने आगे कहा कि "न तो अडानी समूह और न ही इसकी किसी भी कंपनी या सहायक कंपनी ने केन्या से संबंधित कोई प्रेस रिलीज़ जारी की है." कंपनी ने यह भी कहा कि वह वायरल नोट प्रसारित करने वालों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

अडानी समूह को केन्या में विरोध का सामना क्यों करना पड़ रहा है?

दरअसल, केन्या में विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब खबर आई कि केन्याई सरकार नैरोबी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेकेआईए) के लिए अडानी समूह के साथ एक लीज़ समझौते की योजना बना रही है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जेकेआईए के लीज़ से स्थानीय कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी और करदाताओं का पैसा जोखिम में पड़ जाएगा.

वर्तमान में, इस प्रस्ताव को उच्च न्यायालय ने निलंबित कर दिया है, जो अडानी के एयरपोर्ट के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ केन्या की लॉ सोसायटी और केन्या मानवाधिकार आयोग द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में कहा गया था कि यह "अफोर्डेबल" नहीं है और आरोप लगाया गया था कि केन्याई संविधान के तहत यह सौदा "तर्कहीन" है.

हालांकि, विरोध प्रदर्शनों के बीच, राष्ट्रपति विलियम रूटो के मुख्य आर्थिक सलाहकार डेविड एनडीआई के अनुसार, केन्याई सरकार ने हाल ही में पुष्टि की है कि अडानी समूह 1.3 बिलियन डॉलर कीमत की बिजली ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण करेगा.

निर्णय

अडानी समूह द्वारा केन्याई विरोध प्रदर्शनों को गंभीर परिणामों की चेतावनी देने वाला वायरल प्रेस नोट फ़ेक है.

डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.