फैक्ट चैक

निर्णय [असत्य]

वायरल दावा ग़लत है. वीडियो में बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी के आर्ट्स फैकल्टी के डीन अब्दुल बशीर को दिखाया गया है, न कि किसी हिंदू प्रोफेसर को.

दावा क्या है? 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक दाढ़ी वाला युवक एक अधेड़ उम्र के शख़्स के ऑफिस में क़ुरान का पाठ करता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि बाक़ी लोग इस प्रार्थना का वीडियो बना रहे हैं. इस वीडियो के ज़रिये दावा किया जा रहा है कि ढाका यूनिवर्सिटी में एक हिंदू प्रोफ़ेसर को जमात-ए-इस्लामी छात्र संगठन के सदस्यों द्वारा कुरान की आयतें सुनाकर इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जितेंद्र प्रताप सिंह नाम के एक यूज़र, जो फ़ेक न्यूज़ फैलाने के लिए जाना जाता है, ने इस वीडियो को इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया, "ढाका कॉलेज के एक हिंदू प्रोफेसर का इस्तीफा जमाते इस्लामी के छात्र संगठन ने बेहद अजीब तरीके से लिया. पहले हिंदू प्रोफेसर को कुरान की तिलावत सुनाई गई यानी कुरान की आयतें सुनाई गई और उसके बाद उनका इस्तीफा लिया गया." इस पोस्ट को #hindulifematters #HindusAreNotSafeInBangladesh जैसे हैशटैग के साथ शेयर किया गया है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहांयहां और यहां देखें. 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, वायरल वीडियो में किसी हिंदू प्रोफ़ेसर को नहीं बल्कि एक मुस्लिम प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बशीर को दिखाया गया है, जिन्हें छात्रों के भारी विरोध के बाद ढाका यूनिवर्सिटी के आर्ट्स फैकल्टी के डीन के पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

हमने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के जरिए खोजा, तो हमें ढाका पोस्ट की अगस्त 19, 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का दूसरे एंगल से लंबा वर्जन है, जिसमें उसी युवक को कुरान पढ़ते हुए देखा जा सकता है और उसी अधेड़ शख़्स को कुर्सी पर बैठे देखा जा सकता है. रिपोर्ट में उस शख़्स की पहचान अब्दुल बशीर के रूप में की गई है.

ढाका पोस्ट में मौजूद वीडियो का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: ढाका पोस्ट/स्क्रीनशॉट)

रिपोर्ट में बताया गया है कि ढाका यूनिवर्सिटी के आर्ट्स फैकल्टी के डीन अब्दुल बशीर ने छात्रों के विरोध में इस्तीफ़ा दे दिया है. डीन के इस्तीफ़े के बाद छात्रों ने रमज़ान के पवित्र महीने में कुरान पढ़ने वाले छात्रों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई के विरोध में कुछ देर तक कुरान का पाठ किया.

अगस्त 19, 2024 को प्रकाशित ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में भी एक तस्वीर मौजूद है, जो वायरल वीडियो में दिखाए फाये दृश्यों के विपरीत एंगल से ली गई है. रिपोर्ट में लिखा है कि प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बशीर ने ढाका यूनिवर्सिटी में आर्ट्स फैकल्टी के डीन के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने सोमवार को डीन के कार्यालय में अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया.

रिपोर्ट में बताया गया है कि तमाम छात्र सुबह 11:30 बजे आर्ट्स फैकल्टी के सामने एकत्र हुए और प्रोफ़ेसर बशीर के इस्तीफ़े की मांग की. उनके इस्तीफ़े के बाद, पवित्र कुरान का पाठ किया गया. द फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में भी अब्दुल बशीर के इस्तीफ़े देने का ज़िक्र है. 

हमने ढाका यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रोफ़ेसर बशीर के बारे में सर्च किया, जिससे पुष्टि हुई कि वे यूनिवर्सिटी में डीन थे. वेबसाइट पर उनकी एक तस्वीर भी है, जो वायरल वीडियो से मेल खाती है.

वायरल वीडियो और ढाका यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद प्रोफ़ेसर बशीर की तस्वीर की तुलना. (सोर्स: एक्स/ढाका यूनिवर्सिटी/स्क्रीनशॉट)

बांग्लादेश में मौजूदा हालात क्या है? 

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बाद बांग्लादेश में लंबे समय से चल रही अशांति थमने की उम्मीद है. अंतरिम सरकार द्वारा हिंसक दमन की जांच के कारण शेख़ हसीना को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने हसीना के शासन के दौरान कथित मानवाधिकार हनन की जांच की मांग की है. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बैंक खातों पर 17 साल बाद रोक हटाई जाएगी. 

यूनुस ने वादा किया कि उनकी सरकार द्वारा "महत्वपूर्ण सुधारों" को लागू करने के बाद एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव आयोजित किए जाएंगे, जिसे उन्होंने अंतरिम सरकार का "जनादेश" बताया. 

लॉजिकली फ़ैक्ट्स बांग्लादेश हिंसा के बारे में ग़लत सूचनाओं का सक्रिय रूप से खंडन कर रहा है. आप हमारे फ़ैक्ट-चेक यहां पढ़ सकते हैं.

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा कि एक हिंदू प्रोफ़ेसर का छात्रों द्वारा इस्तीफ़ा लिया जा रहा है, ग़लत है. दरअसल, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ढाका यूनिवर्सिटी के आर्ट्स फैकल्टी के डीन अब्दुल बशीर हैं.

डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.