सेना के जवानों के सामने घुटने टेकते उपद्रवियों का यह वीडियो नहीं है भारत का
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल वीडियो का संबंध भारत से नहीं और न ही इसमें भारतीय सेना के जवानों को दिखाया गया है. असल में, यह वीडियो बांग्लादेश के फ़रीदपुर ज़िले का है.
फैक्ट चैक
[असत्य]यह वीडियो बांग्लादेश का है, जहां अगस्त 14 को बांग्लादेश नेशनल पार्टी के एक गुट के कार्यकर्ताओं ने दूसरे गुट के कार्यकर्ता की दुकान पर हमला किया था. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो लोग एक दुकान पर कुल्हाड़ी से हमला करते नज़र आते हैं. इसी बीच वहां से गुज़र रहे सेना के दो जवान रुकते हैं और दोनों हमलावरों से हथियार छीनकर घुटनों के बल बैठा देते हैं. इस वीडियो को भारत का शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना के जवानों ने एक दुकान में लूटपाट करने गए चोरों को रंगे हाथों पकड़ लिया और उन्हें वहीं सबक सिखा दिया.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, ""इंडियन आर्मी पर हमें गर्व है. यहां दो लोग चोरी करने के मकसद से आए और तोड़फोड़ करने लगे लेकिन तभी इंडियन आर्मी वहां से गुजर रही थी और उसके बाद जो हुआ आप वीडियो में देखिए..." इस पोस्ट को अब तक 8,000 से ज़्यादा रीपोस्ट और 33,000 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वायरल दावा ग़लत है. यह वीडियो बांग्लादेश के फ़रीदपुर ज़िले का है, जहां अगस्त 14 को बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) के दो गुटों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद एक दुकान पर हमला किया गया था. आर्मी ने बीएनपी के युवा नेता मोहम्मद तुतुल हुसैन और दुखु मिया को गिरफ़्तार किया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा, तो पाया कि यह अगस्त 17, 2024 को बांग्लादेशी न्यूज़ चैनल्स जमुना टीवी (आर्काइव यहां) और ढाका पोस्ट (आर्काइव यहां) के यूट्यूब चैनलों पर अपलोड किया गया था, जिसमें बताया गया था कि इसमें सेना को दो युवा नेताओं को गिरफ़्तार करते हुए दिखाया गया है जो बांग्लादेश के फ़रीदपुर में एक दुकान में तोड़फोड़ कर रहे थे.
हमें इस घटना से जुड़ी एक रिपोर्ट अगस्त 17, 2024 को ढाका पोस्ट पर प्रकाशित हुई मिली, जिसमें बताया गया था कि फ़रीदपुर के बोआलमारी में बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) के दो गुटों के बीच झड़प के बाद सेना ने दो लोगों को उस समय गिरफ़्तार किया, जब एक पक्ष के कार्यकर्ता दूसरे पक्ष की दुकानों में तोड़फोड़ कर रहे थे. घटना अगस्त 14, 2024 की है. हालांकि, इसका वीडियो अगस्त 17 को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
रिपोर्ट के मुताबिक़, वीडियो में बांग्लादेशी सेना के जवानों द्वारा गिरफ़्तार किए गए दो युवकों की पहचान बोआलमारी युवा दल के कार्यकर्ता मोहम्मद तुतुल हुसैन और दुखु मिया के रूप में हुई है. युवा दल (जुबो दल) बांग्लादेश की बीएनपी की युवा शाखा है.
दरअसल, यह पूरा मामला फ़रीदपुर के बोलमारी में बीएनपी के दो गुटों के बीच झड़प के कारण पैदा हुआ है.
अगस्त 18 को प्रकाशित ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट में लिखा है कि फ़रीदपुर में बोआलमारी उपज़िला बीएनपी अध्यक्ष और जुबो दल उपज़िला शाखा संयोजक संजय साहा के व्यवसाय पर हमला और तोड़फोड़ के सिलसिले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. बोआलमारी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें मुख्य आरोपी के रूप में बोलामारी उपज़िला जुबो दल के पूर्व संयोजक बीएनपी नेता मोहम्मद अजीजुल शेख के साथ 8-10 अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है. सीसीटीवी फुटेज में बाइक सवार दो लोगों को संजय साहा के व्यवसाय पर हमला करते हुए दिखाया गया है. उस समय, सेना के दो गश्ती वाहन वहां से गुज़र रहे थे. सेना के जवानों ने हमलावरों के हथियार जब्त कर उन्हें हिरासत में ले लिया.
ढाका ट्रिब्यून रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: ढाका ट्रिब्यून/स्क्रीनशॉट)
इसके अलावा, हमने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में सेना के वाहन की नंबर प्लेट बांग्ला भाषा में है और इसमें ऊपर की ओर इशारा करने वाला तीर शामिल है. आगे की रिसर्च से पता चला कि इस फॉर्मेट का इस्तेमाल बांग्लादेशी सेना के वाहनों के लिए किया जाता है. भारतीय सेना के वाहनों की नंबर प्लेट में भी एक तीर होता है, लेकिन उसमें कुल दो अक्षर और आठ अंक होते हैं. इसके उलट, वायरल वीडियो में नंबर प्लेट पर कोई अक्षर नहीं है, छह अंक हैं और एक बॉक्स में अलग से तीन अतिरिक्त अंक लिखे हुए हैं.
वायरल वीडियो में दिख रहे सेना वाहन और भारतीय सेना के वाहन के नंबर प्लेट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/विकीमीडिया/स्क्रीनशॉट)
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल वीडियो का संबंध भारत से नहीं और न ही इसमें भारतीय सेना के जवानों को दिखाया गया है. असल में, यह वीडियो बांग्लादेश के फ़रीदपुर ज़िले का है.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.