हरियाणा CM नायब सिंह सैनी के कार्यक्रम में तोड़फोड़, इस दावे से 3 साल पुराना वीडियो किया जा रहा वायरल
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल वीडियो हालिया नहीं है और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के किसी भी हालिया कार्यक्रम से संबंधित नहीं है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
फैक्ट चैक
निर्णय [असत्य]यह वीडियो 2021 का है, जब हरियाणा के करनाल में किसानों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के 'किसान महापंचायत' कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की थी. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोगों को एक कार्यक्रम स्थल में तोड़फोड़ करते हुए दिखाया गया है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हरियाणा में किसानों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक कार्यक्रम के लिए बने पंडाल में तोड़फोड़ की.
वायरल वीडियो पर टेक्स्ट में लिखा है, "हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंग सैनी के पंडाल को किसानो ने घुसकर तहस नहस कर डाला, फोर्स भी भाग खड़ी हुई, बीजेपी में सन्नाटा."
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "हरियाणा में भाजपा को 400 सीट गिफ्ट में देते हुए किसान भाई." इस पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं. बता दें कि 400 सीटों का संदर्भ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं के उस दावे से निकला है कि नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) मौजूदा लोकसभा चुनावों में 400 सीटें हासिल करेगा.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स,फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो 2021 का है और इसका हरियाणा के मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के किसी भी कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है.
सच्चाई क्या है?
हमने वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजा, तो हमें जनवरी 11, 2021 को प्रकाशित द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें उसी घटना के दृश्य शामिल थे. "हरियाणा: प्रदर्शनकारी किसानों ने सीएम खट्टर की करनाल रैली स्थल पर तोड़फोड़ की; पुलिस ने पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले छोड़े" शीर्षक वाली रिपोर्ट से पता चलता है कि यह घटना 10 जनवरी को केंद्र सरकार के विवादास्पद कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी.
वायरल वीडियो और इकोनॉमिक टाइम्स के वीडियो के बीच तुलना. (सोर्स: एक्स, द इकोनॉमिक टाइम्स/स्क्रीनशॉट)
रिपोर्ट के मुताबिक़, हरियाणा के करनाल ज़िले के कैमला गांव में 'किसान महापंचायत' कार्यक्रम को प्रदर्शनकारी किसानों ने बाधित कर दिया. कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जनता को संबोधित करने और कानूनों के लाभों के बारे में बताने वाले थे, हालांक, इसे किसानों के प्रदर्शन के कारण रद्द करना पड़ा. घटनास्थल पर मौजूद टाइम्स नाउ के एक रिपोर्टर ने पुष्टि की कि खट्टर ने ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया था.
इंडिया टुडे ने जनवरी 11 , 2021 को घटना के फुटेज भी प्रसारित किए, जिसमें बताया गया कि हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गांव की ओर बढ़ने से रोकने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया.
वायरल वीडियो और इंडिया टुडे के वीडियो के बीच तुलना. (स्रोत: एक्स, इंडिया टुडे/स्क्रीनशॉट)
जनवरी 10, 2021 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में घटनास्थल की कई तस्वीरें शेयर की गई हैं, जिसमें वायरल वीडियो में नज़र आने वाले मंच, पंडाल और बैनर देखे जा सकते हैं. साथ ही जानकारी दी गई है कि कार्यक्रम स्थल पर किसानों के हमले के बाद खट्टर को कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खट्टर की लैंडिंग के लिए निर्धारित हेलीपैड क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे लैंडिंग स्थान में बदलाव करना पड़ा.
इन रिपोर्ट्स में मंच, बैरिकेड्स और अन्य छोटी-छोटी जानकारियों की तुलना वायरल वीडियो से करने पर, यह स्पष्ट हो जाता है कि वीडियो 2021 का है - जब किसान कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वीडियो का 2024 के आम चुनाव या हरियाणा के मौजूदा मुख्यमंत्री से कोई संबंध नहीं है.
नवंबर 2021 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी, जिनके कारण देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था. उसी साल दिसंबर में कानूनों को आधिकारिक तौर पर वापस ले लिया गया.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल वीडियो हालिया नहीं है और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के किसी भी हालिया कार्यक्रम से संबंधित नहीं है. असल में, यह 2021 का है, जब किसानों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा आयोजित 'किसान महापंचायत' के कार्यक्रम स्थल पर जाकर तोड़फोड़ की थी. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.