उद्धव ठाकरे ने कभी नहीं कहा कि वह गोमांस खाते हैं
गूगल सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर वायरल वीडियो का लंबा वर्ज़न मिला (आर्काइव यहां), जिसे अक्तूबर 12, 2024 को लोकसत्ता ने प्रकाशित किया था.
फैक्ट चेक
निर्णय [भ्रामक]वायरल वीडियो एडिट किया गया है; मूल वीडियो में उद्धव ठाकरे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के 2015 के बीफ़ खाने वाले बयान का ज़िक्र करते हुए नज़र आते हैं. |
दावा क्या है?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे का 43 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने गोमांस खाने की बात स्वीकार की है.
वायरल वीडियो में ठाकरे कहते हैं, “मैं गाय का मांस खाता हूं, मैं गोमांस खाता हूं, जो करना है करो.” इसके अलावा, क्लिप पर लिखा है, “मुस्लिम वोटों के लिए वह और क्या कहेगा…” ठाकरे की क्लिप के बाद ऑटो-रिक्शा चालकों का एक और वीडियो है जिसमें वे मराठी में बोलते हुए शिवसेना नेता की आलोचना कर रहे हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में वीडियो के साथ मराठी में कैप्शन दिया गया है, जिसका अनुवाद है, "हिंदू मतदाताओं, मैं गाय का मांस खाता हूं, मैं गोमांस खाता हूं, जो करना है करो-उद्धव ठाकरे. देखो, हिंदुओं, उसके लिए तुम्हारा क्या मूल्य है. उन्हें हमेशा के लिए घर पर बिठा दो."
इस पोस्ट को अब तक 69,800 बार देखा गया है और 1,800 से ज़यादा लाइक्स मिल चुके हैं. इसी तरह की पोस्ट के आर्काइव्ड वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
यह वीडियो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सामने आया है, जो अगले महीने 20 नवंबर को होने वाले हैं. चुनाव के नतीजे नवंबर 23 को घोषित किए जाएंगे.
हालांकि, हमने पाया कि वीडियो को एडिट करके ग़लत संदर्भ में पेश किया गया है. उद्धव ठाकरे असल में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का हवाला दे रहे थे, जिन्होंने गोमांस खाने के बारे में बयान दिया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
गूगल सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर वायरल वीडियो का लंबा वर्ज़न मिला (आर्काइव यहां), जिसे अक्तूबर 12, 2024 को लोकसत्ता ने प्रकाशित किया था. वीडियो में उद्धव ठाकरे दशहरा उत्सव के अवसर पर एक रैली को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
पूरा वीडियो सुनने पर, हमने पाया कि 1:15:00 मिनट पर, ठाकरे असल में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के 2015 के गोमांस सेवन पर दिए गए बयान के बारे में बात कर रहे थे. केंद्रीय मंत्री के हवाले से कहा गया, "मैं गोमांस खाता हूं, मैं अरुणाचल प्रदेश से हूं... क्या कोई मुझे रोक सकता है?" हालांकि, बाद में रिजिजू ने कहा कि मीडिया ने उनके बयान को 'ग़लत तरीके' से पेश किया.
ठाकरे 19 वर्षीय आर्यन मिश्रा की मौत के बारे में बात करते हुए रिजिजू के बयान का ज़िक्र कर रहे थे, जिसकी कथित तौर पर हरियाणा के फ़रीदाबाद में गोरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, इस संदेह में कि वह अगस्त 23, 2024 को गोमांस ले जा रहा था.
वीडियो में ठाकरे कहते हैं: "कुछ दिन पहले हरियाणा या किसी राज्य में 22 या 23 साल के एक युवा लड़के का पीछा किया गया और उसे गोली मार दी गई. क्यों? क्योंकि वह लड़का रात में अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था. गोरक्षकों ने उसका पीछा किया... उन्होंने [युवा लड़के] की गाड़ी रोकी और उसे गोली मार दी. कारण - गोरक्षकों को संदेह था कि लड़का अपनी गाड़ी में गोमांस ले जा रहा था और गोमांस की तस्करी कर रहा था. लेकिन पता चला कि वह लड़का आर्यन मिश्रा था. क्या आपने अगले दिन इस बारे में कोई ख़बर देखी? नहीं, क्योंकि एक हिंदू मारा गया था. लेकिन अगर यह युवा लड़का आर्यन खान या कोई आर्यन शेख होता, तो यह बड़ी ख़बर होती, जिसमें कहा जाता, 'हिंदुत्व ख़तरे में है, हिंदुत्व ख़तरे में है."
1:17:07 टाइमस्टैम्प पर, वह आगे कहते हैं, "तो, अगर आप आर्यन मिश्रा को गोमांस की तस्करी के संदेह में मार देते हैं, तो किरेन रिजिजू ने ख़ुद कहा था, 'मैं गाय का मांस खाता हूं, मैं गोमांस खाता हूं, जो करना है करो'... मैं उसे गोली मारने के लिए नहीं कह रहा हूं, लेकिन दोगला व्यवहार क्यों कर रहे हो?”
इससे पता चलता है कि ठाकरे के भाषण को एडिट करके उस हिस्से को हटा दिया गया है, जिसमें उन्होंने रिजिजू के 2015 के बयान का ज़िक्र किया था.
इस रैली का वीडियो शिवसेना यूबीटी के यूट्यूब चैनल (आर्काइव यहां) पर भी अपलोड किया गया था. जांच से पता चला कि 2:00:53 सेकंड के टाइमस्टैम्प से शुरू होने वाली क्लिप को एडिट करके संदर्भ से बाहर किया गया है, ताकि ऐसा लगे कि ठाकरे ने कहा कि वह गोमांस खाते हैं.
निर्णय
यह स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे किरेन रिजिजू के 2015 में गोमांस खाने संबंधी बयान का ज़िक्र कर रहे थे, न कि यह स्वीकार कर रहे थे कि वह गोमांस खाते हैं.
[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]