खाने में मूत्र मिलाने की आरोपी घरेलू सहायिका गाज़ियाबाद में मुस्लिम नहीं है
रिपोर्ट में लिखा है कि यह घटना तब सामने आई जब शिकायतकर्ता ने रीना का एक बर्तन में पेशाब करते हुए और फिर उसे आटे में मिलाते हुए वीडियो रिकॉर्ड किया.
फैक्ट चेक
निर्णय [असत्य]इस मामले में दर्ज एफ़आईआर और पुलिस ने पुष्टि की है कि आरोपी घरेलू सहायिका का नाम रीना है, उसके पति का नाम प्रमोद कुमार है और वह हिंदू है. |
दावा क्या है?
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में अक्टूबर 16 को एक घरेलू सहायिका द्वारा खाना और बर्तनों में मूत्र मिलाने की घटना सामने आने के बाद, सोशल मीडिया पर आरोपी 'रीना' के नाम और उसकी धार्मिक पहचान को लेकर दावे किए जा रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि उसका असली नाम 'रुबीना ख़ातून' है और वह मुस्लिम है.
प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख बीजेपी दिल्ली (युवा) क़ैम मेहदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "ग़ाज़ियाबाद में पेशाब से आटा गूँथने वाली नौकरानी "रीना" का असली नाम "रुबीना खातून" है!." इस पोस्ट को अब तक 377,000 व्यूज, 3,600 रीपोस्ट और 7,400 से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, वायरल दावा ग़लत है. गाज़ियाबाद के क्रासिंग रिपब्लिक सोसाइटी की इस घटना में मूत्र मिलाने की आरोपी घरेलू सहायिका न तो मुस्लिम है और न ही उसका नाम रुबीना ख़ातून है. असल में, उसका नाम रीना है और वह हिन्दू है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ?
हमने इस घटना से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स चेक की, तो हमें अक्तूबर 16 को प्रकाशित इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि गाज़ियाबाद में पुलिस ने 32 वर्षीय एक घरेलू सहायिका को अपने नियोक्ता के लिए रोटी बनाने के लिए आटे में मूत्र मिलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. आरोपी महिला का नाम रीना है.
रिपोर्ट में लिखा है कि यह घटना तब सामने आई जब शिकायतकर्ता ने रीना का एक बर्तन में पेशाब करते हुए और फिर उसे आटे में मिलाते हुए वीडियो रिकॉर्ड किया. पूछताछ के दौरान रीना ने घटना को स्वीकार करते हुए कहा कि उसका नियोक्ता उस पर कड़ी नज़र रखता था और अक्सर छोटी-छोटी ग़लतियों के लिए उसे डांटता था. इससे नाराज़ होकर उसने कई बार रोटियां बनाने के लिए आटे में मूत्र मिलाया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि रियल एस्टेट व्यवसायी और उनका परिवार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहा था. डॉक्टर ने उन्हें घर का बना खाना ही खाने की सलाह दी थी. लेकिन दिक्कतें कम नहीं हुईं. चूंकि उनके खाने को छूने वाली एकमात्र महिला उनकी घरेलू सहायिका रीना थी, तो उन्होंने किचन में एक कैमरा लगा दिया ताकि उस पर नज़र रखी जा सके, तब यह घटना सामने आई. इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया. व्यवसायी की पत्नी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे गिरफ़्तार कर लिया गया.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने गाज़ियाबाद के क्रासिंग रिपब्लिक की थाना प्रभारी प्रीति गर्ग से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि आरोपी का नाम रीना है और वह हिन्दू है. उन्होंने स्पष्ट किया कि गिरफ़्तार की गई घरेलू सहायिका का नाम “रुबीना ख़ातून” नहीं है.
हमने इस मामले में दर्ज एफ़आईआर भी देखी, जिसमें आरोपी का नाम ‘रीना’ और उसके पति का नाम ‘प्रमोद कुमार’ बताया गया है.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि गाज़ियाबाद में मूत्र मिलाकर खाना बनाने वाली गिरफ़्तार घरेलू सहायिका न तो मुस्लिम है और न ही उसका नाम “रुबीना ख़ातून” है, जैसा कि दावा किया गया है. असल में, उसका नाम रीना है और वह हिंदू है.