निर्णय- असत्य
- यह वीडियो देहरादून के क्लॉक टॉवर का है, जहां राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह से पहले हिंदू देवता राम की तस्वीर प्रदर्शित की गई है.
दावा क्या है
सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि अयोध्या के राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले श्रीनगर के मशहूर लाल चौक के क्लॉक टॉवर पर भगवान राम की एक तस्वीर प्रदर्शित की गई है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, 'श्रीनगर के जिस लाल चौक पर जहां कभी तिरंगा भी नहीं फहराता था, आज वहां हमारे पूज्य भगवान श्री राम जी...' पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इस वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी इसी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. ऐसे पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, यह वीडियो देहरादून के घंटाघर का है और इसका कश्मीर से कोई संबंध नहीं है.
सच्चाई क्या है?
जब हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजबीन शुरू की, तो हमें 15 जनवरी को 'व्हील्स ऑन एयर' नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. इस वीडियो में वायरल वीडियो में देखे गए उसी क्लॉक टॉवर को देखा जा सकता है, साथ ही उसपर हिंदू देवता राम की एक समान तस्वीर भी दिखाई गई है. वीडियो के वॉयसओवर में सुना जा सकता है कि लोग घंटाघर पर भगवान राम को देख सकते हैं.
यूट्यूब चैनल 'सुभाष चौधरी वीलॉग्स' द्वारा पोस्ट किये गए वीडियो में भी वही टॉवर और भगवान राम की वही तस्वीर दिखाई देती है. दूसरे वीडियो के शीर्षक और विवरण के अनुसार, वीडियो में दिख रहा टॉवर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का है. दो वीडियो में, हम यूके से शुरू होने वाली नंबर प्लेट वाली कारों को भी देख सकते हैं, जो उत्तराखंड के लिए रजिस्टर्ड कोड है.
हिंदुस्तान टाइम्स की 18 जनवरी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 17 जनवरी को देहरादून शहर के घंटाघर पर भगवान राम की तस्वीरें प्रदर्शित की गईं. रिपोर्ट में न्यूज़ एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किया गया एक वीडियो भी शामिल था जिसमें समान विवरण शेयर किया गया था.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने गूगल मैप्स पर देहरादून के घंटाघर क्षेत्र में स्थित क्लॉक टॉवर को भी जियोलोकेट किया है. टॉवर के 360° दृश्य से हमें यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि टॉवर की भौगोलिक स्थिति और संरचना वही है जो वायरल वीडियो में दिखाई दे रही है.
हमने गूगल मैप्स पर श्रीनगर के लाल चौक क्लॉक टॉवर को भी खोजा और पाया कि टॉवर की संरचना और उसके आसपास का क्षेत्र वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले टॉवर से काफी अलग है.
इसके अलावा, श्रीनगर में लाल चौक के आसपास भगवान राम की तस्वीरों को प्रदर्शित करने लेकर कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं है. आमतौर पर, लाल चौक के आसपास होने हर घटना या कार्यक्रम मीडिया में सुर्ख़ियां बटोरती है.
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो देहरादून के घंटाघर का है, न कि श्रीनगर के लाल चौक का.
निर्णय
देहरादून के एक घंटाघर के वीडियो को श्रीनगर के लाल चौक के घंटाघर के रूप में ग़लत दावे से शेयर किया गया है, जिस पर भगवान राम की तस्वीरें हैं. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.