निर्णय- असत्य




    वीडियो जनवरी 2024 का है और इसमें एनएसयूआई (NSUI) के पोस्टर हटाये जा रहे हैं. इसका चुनाव आयोग या 16 मार्च को लागू हुई आचार संहिता से कोई संबंध नहीं है.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ़्तारी के बाद से आम आदमी पार्टी के नेताओं समेत कार्यकर्ता सड़कों पर हैं. पार्टी नेताओं का आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यालय को सील कर दिया गया है. 


दावा क्या है?
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें पिकअप ट्रक पर खड़ा एक शख़्स स्ट्रीट लाइट के खंभों पर लगे पोस्टर फाड़ते हुए उतार रहा है, जबकि बीजेपी के झंडे वैसे ही छोड़ रहा है. 


इस वीडियो के ज़रिये दावा किया जा रहा है कि चुनाव आयोग आम आदमी पार्टी के साथ भेदभाव कर रहा है. आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट) के बीच आम आदमी पार्टी के पोस्टर्स को हटाया जा रहा है लेकिन बीजेपी के झंडों को नहीं उतारा जा रहा है. यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि इस तरह चुनाव आयोग चुनिंदा तरीके से आप के अभियान को कमज़ोर कर रहा है.


एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "आचार संहिता का पालन करता निष्पक्ष चुनाव आयोग? भाजपा का झंडा लहरा रहा है उसे नही उतारा जा रहा है और आम आदमी पार्टी का होर्डिंग उतारा जा रहा है. क्या चुनाव आयोग भी भाजपा के हाथों बिक गया है??" इस पोस्ट को अब तक 72,000 से ज़्यादा बार देखा गया है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावे वाले अन्य पोस्ट यहांयहां और यहां देखे जा सकते हैं.


हालांकि, वीडियो में आम आदमी पार्टी के नहीं बल्कि कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई (NSUI) के पोस्टर हटते दिखाए गए हैं. यह वीडियो जयपुर, राजस्थान का है और जनवरी 14, 2024 से इंटरनेट पर उपलब्ध है. आदर्श आचार संहिता 16 मार्च, जिस दिन चुनाव की तारीखों की घोषणा हुई, को लागू हुई. 


हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने पाया कि वायरल वीडियो पर इंस्टाग्राम लोगो के साथ 'NSUIRajasthanOfficial’ का वॉटरमार्क लगा हुआ है. आमतौर पर, ऐसा तब होता है जब मूल वीडियो को किसी इंस्टाग्राम यूज़र के अकाउंट से डाउनलोड किया जाता है. इससे हिंट लेकर हम एनएसयूआई के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पहुंचे, जहां हमें 14 जनवरी 2024 को अपलोड किया गया यही वीडियो मिला. (आर्काइव वर्ज़न यहां)



बता दें कि नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई कांग्रेस की छात्र इकाई है. 


इस वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है कि यह राजस्थान के जयपुर का है जहां बीजेपी के मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व वाली सरकार ने एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ के जयपुर आगमन से पहले उनके पोस्टर हटाने का आदेश दे दिया.


यही वीडियो 14 जनवरी, 2024 को एनएसयूआई के फ़ेसबुक पेज और एक्स हैंडल पर भी शेयर किया गया था. 


वीडियो में दिख रहे पोस्टर को ध्यान से देखने पर दिखाई देता है कि उस पर 'विनोद जाखड़’ और 'एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष' लिखा हुआ है.


इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने विनोद जाखड़ के भाई और एनएसयूआई कार्यकर्ता राजेश जाखड़ से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, “ये वीडियो 13 जनवरी का है और 14 जनवरी को अपलोड किया गया था. भैया (विनोद जाखड़) एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर पहली बार राजस्थान आये थे, तब ये पोस्टर लगाये गए थे. उसी दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी राजस्थान आये थे, लेकिन प्रशासन के आदेश पर सिर्फ़ एनएसयूआई के पोस्टर हटाये गए थे, बीजेपी के नहीं.”


राजेश ने वायरल वीडियो में दिख रहे पोस्टरों की अन्य तस्वीरें भी हमारे साथ शेयर कीं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि ये पोस्टर एनएसयूआई के हैं, आम आदमी पार्टी के नहीं. पोस्टर में लिखा है, "..विनोद जाखड़ जी को राजस्थान NSUI प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं." इसी साल  जनवरी 7, 2024 को जाखड़ को एनएसयूआई का राजस्थान अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.


यहां जानकारी के लिए यह भी बता दें कि लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 16 मार्च को हुआ था, जिसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. हालंकि, यह वीडियो 14 जनवरी से इंटरनेट पर उपलब्ध है. ऐसे में वायरल दावा ख़ारिज हो जाता है.


निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह साफ़ हो गया है कि वायरल वीडियो में आम आदमी पार्टी के नहीं बल्कि कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के पोस्टर हटाते हुए दिखाए गए हैं.  इन पोस्टर में विनोद जाखड़ को राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष बनने की बधाई दी गई है. यह वीडियो आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले जनवरी 2024 से इंटरनेट पर मौजूद है. इसलिए, यह वायरल दावा ग़लत है.


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.