बांग्लादेश में पुलिस कार्यालय पर तोड़फोड़ का वीडियो हिंदुओं पर भीड़ द्वारा हमला बताकर वायरल
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो में ढाका में बांग्लादेश पुलिस के डीबी साउथ कार्यालय पर हमले को दिखाया गया है, न कि हिंदू समुदाय पर.
फैक्ट चैक
[असत्य]यह वीडियो अगस्त 5, 2024 को ढाका में बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के कार्यालय पर हुए हमले को दर्शाता है, न कि हिंदू समुदाय पर. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोग एक इमारत में तोड़फोड़ करते नज़र आ रहे हैं जबकि सड़क पर भीड़ जमा है. दावा किया जा रहा है कि यह बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले का वीडियो है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, “ऐसे अटैक हो रहे हैं बंगलादेश के हिंदुओं पर..बांग्लादेश कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर आज भी क्रूरता जारी है और हिंदुओं को छतों से कूद कर मरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. #हिंदु_बचाओ अपील.” इस पोस्ट को अब तक 6000 से ज़्यादा बार रीपोस्ट और 7000 से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. असल में यह वीडियो अगस्त 5, 2024 को ढाका में बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के कार्यालय पर हुए हमले को दर्शाता है, न कि हिंदू समुदाय पर.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें शाह आलम सागर नाम के यूट्यूब चैनल पर अगस्त 6, 2024 को अपलोड किया गया एक ऐसा ही वीडियो मिला (आर्काइव यहां), जिसके बंगाली शीर्षक का हिंदी अनुवाद करने पर पता चलता है कि यह वीडियो डीबी ऑफिस पर हुए हमले का है. इस वीडियो में नज़र आ रहे बोर्ड पर लिखे शब्दों को ट्रांसलेट करने पर सामने आता है कि इसमें 'बांग्लादेश पुलिस' लिखा हुआ है.
वायरल वीडियो और यूट्यूब का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/यूट्यूब/स्क्रीनशॉट)
हमें इस घटना से जुड़े कई अन्य वीडियो भी फेसबुक पर मिले. इन वीडियो में हमले का शिकार इमारत के सामने आगजनी देखी जा सकती है. अगस्त 5, 2024 को शेयर किए गए ऐसे ही एक वीडियो (आर्काइव यहां) में बताया गया कि यह इमारत केरानीगंज डीबी ऑफिस है. अगस्त 6 को फ़ेसबुक पर की गई एक पोस्ट (आर्काइव यहां) के बांग्ला कैप्शन में लिखा है कि वीडियो में केरानीगंज डीबी ऑफिस में तोड़फोड़ दिखाई गई है.
इस जानकारी के आधार पर हमने गूगल मैप्स पर इस इमारत को खोजा तो पता चला कि यह ढाका के केरानीगंज में स्थित डीबी साउथ का कार्यालय है. गूगल स्ट्रीट व्यू में दिख रही इमारत वायरल वीडियो में हमले का शिकार इमारत से पूरी तरह मेल खाती है. डीबी का तात्पर्य बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच से है.
वायरल वीडियो और गूगल स्ट्रीट व्यू का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)
इसके बाद, लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने ढाका के स्थानीय पत्रकार राणा अहमद से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि ग्राउंड फ्लोर एक कमर्शियल इस्तेमाल के लिए है, जबकि इमारत का बाकी हिस्सा पुलिस कार्यालय है, जिस पर अगस्त 5 को भीड़ ने हमला किया था. इसके अलावा, हमने डीबी कार्यालय के ठीक सामने मौजूद ‘फिटनेस जिम वर्ल्ड’ के मालिक से भी संपर्क किया है, उनका जवाब मिलते ही स्टोरी अपडेट कर दी जाएगी.
गौरतलब है कि शेख हसीना के पांच अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने और देश छोड़कर भाग जाने के बाद ढाका समेत कई अन्य ज़िलों में पुलिस थानों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई थीं.
बांग्लादेश में मौजूदा हालात क्या है?
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बाद बांग्लादेश में लंबे समय से चल रही अशांति थमने की उम्मीद है. अंतरिम सरकार द्वारा हिंसक दमन की जांच के कारण शेख़ हसीना को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने हसीना के शासन के दौरान कथित मानवाधिकार हनन की जांच की मांग की है. यूनुस ने वादा किया कि उनकी सरकार द्वारा "महत्वपूर्ण सुधारों" को लागू करने के बाद एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव आयोजित किए जाएंगे, जिसे उन्होंने अंतरिम सरकार का "जनादेश" बताया.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स बांग्लादेश हिंसा के बारे में ग़लत सूचनाओं का सक्रिय रूप से खंडन कर रहा है. आप हमारे फ़ैक्ट-चेक यहां पढ़ सकते हैं.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो में ढाका में बांग्लादेश पुलिस के डीबी साउथ कार्यालय पर हमले को दिखाया गया है, न कि हिंदू समुदाय पर.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.