बांग्लादेशी अभिनेत्री का सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन का वीडियो ग़लत दावे से शेयर किया गया
हमारी अब तक की जांच से साफ़ है कि वायरल वीडियो का यह दावा कि इसमें एक हिन्दू महिला को अपनी आपबीती सुनाते हुए दिखाया गया, ग़लत है.
फैक्ट चैक
निर्णय [असत्य]वीडियो में दिख रही महिला बांग्लादेशी अभिनेत्री अज़मेरी हक बधोन हैं और वीडियो अगस्त 1 का है जब वह एक प्रदर्शन में शामिल हुई थीं. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक रोती हुई महिला का वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं को इस्लाम अपनाने या बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. वीडियो में, एक महिला बांग्ला भाषा में मेगाफ़ोन स्पीकर के ज़रिये भाषण देती और फिर रोते हुए नज़र आ रही है.
वीडियो पर अगस्त 12, 2022 की तारीख है और नीचे लिखा है, "बांग्लादेश के हिन्दू शेरनी की दहाड़ तो सुनो..."
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, "बंग्लादेश के lisIamic मौलाना अल्टिमेटम दे चुके कबूल करो या बंग्लादेश छोड़ दो या दुनिया यार कोई अपना घर छोड़कर कहाँ जाएगा? पूरे जीवन की महनत, पूंजी सबकुछ है, कैसे छोड़ दे? हिन्दुओ जमकर समर्थन करो, बंग्लादेश के हिन्दुओ को जरूरत है, कल तुम्हे भी जरूरत पड़ेगी, 57 देश एकजुट हैं." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वायरल वीडियो में दिख रही महिला कोई हिंदू नहीं बल्कि बांग्लादेश की मशहूर अदाकारा अजमेरी हक बधोन हैं, जो अगस्त 1, 2024 को पुलिस के साथ हिंसक झड़प में मारे गए प्रदर्शनकारी छात्रों के लिए आवाज उठाने के लिए एक प्रदर्शन में शामिल हुई थीं.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें अगस्त 1, 2024 को समकाल न्यूज़ (आर्काइव यहां), जमुना टीवी (आर्काइव यहां) और बार्ता 24 (आर्काइव यहां) सहित कई मीडिया आउटलेट्स के यूट्यूब चैनलों पर अपलोड किए गए वीडियो मिले, जिसमें उसी महिला की पहचान अभिनेत्री अजमेरी हक बधोन के रूप में की गई है.
अगस्त 1, 2024 को प्रकाशित ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में चल रहे छात्र आंदोलन के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए कई कलाकारों ने फार्मगेट पर प्रदर्शन किया. उन सभी की एक ही मांग थी: हत्याओं के लिए न्याय और हत्याओं का अंत हो. उन्होंने छात्रों की नौ सूत्री मांगों के साथ एकजुटता भी व्यक्त की. बैनर और पोस्टर लेकर उन्होंने हत्याओं की निंदा करते हुए न्याय की मांग की, सामूहिक गिरफ़्तारियों को रोकने, सरकार की आलोचना करते हुए और इस्तीफ़े की मांग करते हुए नारे लगाए.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट, जिसमें अभिनेत्री अजमेरी हक़ नज़र आ रही हैं. (सोर्स: ढाका ट्रिब्यून/स्क्रीनशॉट)
रिपोर्ट के मुताबिक़, कलाकारों ने गुरुवार को सुबह 11 बजे राष्ट्रीय संसद के सामने माणिक मिया एवेन्यू में इकट्ठा होने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद कलाकारों ने इंदिरा रोड होते हुए फार्मगेट स्थित आनंद सिनेमा हॉल के सामने अपना मार्च निकाला. इस अवसर पर जाने-माने सांस्कृतिक कार्यकर्ता मामूनुर रशीद, मुशर्रफ करीम, अजमेरी हक बधोन, सबीला नूर, अशफाक निपुण, नूरुल आलम अतीक समेत कई अन्य कलाकार मौजूद थे.
आर टीवी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अभिनेत्री अज़मेरी हक बधोन गुरुवार (1 अगस्त) को बारिश की परवाह किए बिना फार्मगेट इलाके में रैली में शामिल हुईं और छात्रों की ओर से बोलते हुए वह फूट-फूट कर रो पड़ीं. रिपोर्ट में लिखा है कि रैली में माइक्रोफोन थामे और रोते हुए बधोन ने कहा, "मेरा बच्चा आज वहां होता." आप इस तरह शांति से नहीं रह सकते. इन्हें रोका जाना चाहिए. हम सभी न्याय चाहते हैं. हम राज्य न्याय चाहते हैं.
आर टीवी न्यूज़ रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: आर टीवी/स्क्रीनशॉट)
अगस्त 1, 2024 को प्रकाशित प्रोथोमाला की रिपोर्ट में कहा गया है कि कलाकारों ने ढाका के फार्मगेट पर एक रैली आयोजित की और छात्रों के न्यायपूर्ण आंदोलन पर सरकार के क्रूर दमन की आलोचना की. रिपोर्ट में अभिनेत्री अज़मेरी हक बधोन का बयान भी मौजूद है, जिसमें उन्होंने कहा, "हम गोलीबारी शुरू होने के दिन से ही मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं। हम छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं। हम मारे गए लोगों के लिए न्याय चाहते हैं."
इसके बाद, हमने अज़मेरी हक के इंस्टाग्राम अकाउंट की जांच की और पाया कि उन्होंने अगस्त 6, 2024 को उसी रैली से अपनी एक तस्वीर पोस्ट (आर्काइव यहां) की थी और कैप्शन में उल्लेख किया था कि यह अगस्त 1 को ली गई थी.
हमने पाया कि अजमेरी ने अगस्त 13, 2024 को अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर वायरल वीडियो के संबंध में एक पोस्ट (आर्काइव यहां) भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने एक वायरल एक्स-पोस्ट का ज़िक्र करते हुए लिखा था, "एक गर्वित बांग्लादेशी के रूप में, मैं हाल ही में हुए एक विरोध प्रदर्शन से अपना खुद का वीडियो शेयर कर रही हूं, जहां मैंने छात्रों के अधिकारों की माँग की और अत्याचारी हसीना शासन के खिलाफ़ आवाज़ उठाई. मैंने घोषणा की कि यह मेरा देश है, और हम इसे सुधारने में मदद करेंगे!"
उन्होंने आगे लिखा,"लेकिन भारतीय मीडिया और दुष्प्रचार मशीनें बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही हैं, झूठ फैला रही हैं और बांग्लादेश में तनाव को बढ़ा रही हैं. वे मेरे जैसे वीडियो में भी हेर-फेर कर ग़लत सूचना फैला रहे हैं!"
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का बांग्लादेश का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीत चुकी अजमेरी हक़ बधोन 2023 में विशाल भारद्वाज की फ़िल्म 'ख़ुफ़िया' में भी नज़र आई थीं. अजमेरी मुस्लिम समुदाय से हैं और हिंदू नहीं हैं, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है.
बांग्लादेश में वर्तमान हालात क्या है?
आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों और उसके बाद शेख़ हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़े के बाद बांग्लादेश में अशांति और हिंसा का माहौल है. हालांकि, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद अब स्थिति बदलने की उम्मीद जताई जा रही है. मोहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की ख़बरों के बीच मंगलवार को ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और भविष्य को बेहतर बनाने का वादा किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, अगस्त 5 को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में सैकड़ों हिंदू अपने घरों और व्यवसायों पर हुए हमलों में घायल हुए हैं.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से साफ़ है कि वायरल वीडियो का यह दावा कि इसमें एक हिन्दू महिला को अपनी आपबीती सुनाते हुए दिखाया गया, ग़लत है. असल में, वीडियो में बांग्लादेश की मशहूर अभिनेत्री अजमेरी हक़ बधोन हैं, जिन्होंने अगस्त 1 को एक प्रदर्शन के दौरान सरकार के हिंसक रवैया को लेकर आवाज़ उठाई थी.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.