फैक्ट चैक

निर्णय [भ्रामक]

वायरल हो रहा वीडियो 2019 के लोकसभा चुनाव का है, जब योगेंद्र यादव ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया दी थी. इसका 2024 के लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है.

दावा क्या है? 

2024 के लोकसभा चुनाव नतीजों से ठीक पहले चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह विपक्ष की आलोचना करते हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत का दावा कर रहे हैं. इस वीडियो को मौजूदा लोकसभा चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि नतीजे आने से पहले ही योगेंद्र यादव विपक्ष को ‘निकम्मा और चुनाव को ‘एकतरफ़ा’ बता रहे हैं.

वायरल वीडियो में योगेंद्र यादव कहते सुनाई दे रहे हैं, "भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में आगे है. और ये जो हम लोग घूम रहे थे, देखिये मैं हमेशा आशा और अंतर में आंकलन करता हूं. हमारी पार्टी, हम सब का मानना रहा है कि भारतीय जनता पार्टी का दुबारा आना इस देश के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है. लेकिन ये सोचने का मतलब थोड़ी न हो कि आप कबूतर की तरह आंख बंद कर लो.सच्चाई ये है कि एकतरफ़ा चुनाव था. विपक्ष निहायत निकम्मा साबित हुआ. दो बड़ी चीज़ें हुईं- विपक्ष का निकम्मापन और मीडिया का एकतरफ़ा व्यवहार. इन दोनों चीज़ों ने इस चुनाव को स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में कर दिया. इसका परिणाम हम सब देख रहे हैं."

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, "ये लो जी, ये भी पिघल गये, परिणाम से पहले ही. अब बोल रहे हैं: निकम्मा विपक्ष. एकतरफ़ा चुनाव. अब इनका क्या करियेगा." पोस्ट को अब तक 184,000 से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, वायरल हो रहे वीडियो का 2024 के लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है. दरअसल, यह वीडियो 2019 के लोकसभा चुनाव का है, जब योगेंद्र यादव ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए उक्त टिप्पणी की थी.

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये वायरल वीडियो के लंबे वर्ज़न को खोजना शुरू किया, तो ये हमें मई 19, 2019 को न्यूज़ आउटलेट द क्विंट के यूट्यूब चैनल पर मिला. "विपक्ष में कोई भरोसेमंद चेहरा नहीं: एग्जिट पोल पर योगेंद्र यादव" वाले शीर्षक वाले इस वीडियो में (आर्काइव यहां) द क्विंट के पत्रकार एंथनी एस रोज़ारियो ने योगेंद्र यादव से 2019 के चुनावों के एग्जिट पोल पर उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए  बातचीत की थी. 

हमने इस वीडियो को देखा और पाया कि इसमें वायरल वीडियो वाला हिस्सा 2:55 से 3:40 मिनट की समयावधि पर देखा जा सकता है. दरअसल पत्रकार ने योगेद्र यादव से सवाल किया था कि क्या अगर चुनाव में अकेले बीजेपी को बहुमत नहीं मिलता और सहयोगी दलों पर उसकी निर्भरता रहती तो क्या वो थोड़ी मजबूर होगी? इसके जवाब में योगेंद्र ने कहा था कि जब बीजेपी 250 पार करती है तो उसे सहयोगियों की ज़रूरत नहीं होती है. उसे कोई न कोई पार्टी मिल ही जाती है.

इसके बाद, योगेंद्र को कहते हुए सुना जा सकता है, "कुल मिलाकर जो बड़ा सवाल है, वो तस्वीर बिलकुल स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में आगे है. और ये जो हम लोग घूम रहे थे, देखिये मैं हमेशा आशा और अंतर में आंकलन करता हूं. हमारी पार्टी, हम सब का मानना रहा है कि भारतीय जनता पार्टी का दुबारा आना इस देश के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है. लेकिन ये सोचने का मतलब थोड़ी न हो कि आप कबूतर की तरह आंख बंद कर लो और देखो कि हो नहीं रहा है. सच्चाई ये है कि एकतरफ़ा चुनाव था. विपक्ष निहायत निकम्मा साबित हुआ. दो बड़ी चीज़ें हुईं - विपक्ष का निकम्मापन और मीडिया का एकतरफ़ा व्यवहार. इन दोनों चीज़ों ने इस चुनाव को स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में कर दिया. इसका परिणाम हम सब देख रहे हैं."

इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि विपक्ष की आलोचना करने और बीजेपी की जीत का दावा करने वाला योगेंद्र यादव का वीडियो 2019 के लोकसभा चुनाव का है.

पत्रकार एंथनी एस रोज़ारियो ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो के बारे में स्पष्टीकरण भी पोस्ट (आर्काइव यहां) किया.

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव का विपक्ष की आलोचना और चुनावों में बीजेपी की एकतरफा जीत का दावा करने वाला वायरल वीडियो दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव का है, जब उन्होंने एग्जिट पोल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कही थीं. इसका मौजूदा लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है. इसलिए हम वायरल दावे को भ्रामक मानते हैं . 

डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.