सावधान: अगर आप उधर उधर हर जगह मोबाइल चार्ज करते हैं, तो डाटा चोरी से बचने का करें ये उपाय
कभी-कभी छोटी सी लापरवाही बड़ी भारी पड़ जाती है. अक्सर देखने में आया है कि मोबाइल, लैपटॉप के चार्ज करने को लेकर लोग बड़े लापरवाह होते हैं. बिना सोचे समझे जहां मौका मिला, चार्ज कर लिया. लेकिन जरा सावधान!
नई दिल्ली: मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज हो जाने पर आप क्या करते हैं ? सबसे पहले उसके चार्ज करने का इंतजाम करते हैं. मोबाइल चार्ज करने के लिए यूएसबी पोर्ट ढूंढते हैं. ये पोर्ट आपको बाथरूम, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे या एयरपोर्ट पर आसानी से मुहैया हो जाते हैं. उसके बाद आप बिना कुछ सोचे अपने मोबाइल को चार्ज करने के लिए दौड़ पड़ते हैं. तो अगर अब तक आप ऐसे ही काम चलाते रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि साइबर क्रिमिनल आपके संवेदनशील डाटा में सेंधमारी कर सकते हैं. और आप पलक झपकते ठगे जा सकते हैं.
साइबर क्रिमिनल चार्जिंग पोर्ट्स वाले बूथों पर वायरस युक्त प्रोग्राम इंस्टाल कर देते हैं जो उपभोक्ताओं के फोन और अन्य डिवाइस में सेंध लगा देता है. जानकार बताते हैं कि मुफ्त में मोबाइल फोन या लैपटॉप चार्ज करने की आदत आपको बहुत भारी पड़ सकती है. साइबर क्रिमिनल आपके बैंक अकाउंट, पासपोर्ट, पता, निजी जानकारी पर हाथ साफ कर सकते हैं. अगर अपराधी मलवेयर इंस्टाल करने में कामयाब हो जाते हैं तो आपका फोन भी ब्लॉक किया जा सकता है.
'यूएसबी कंडोम्ज' का इस्तेमाल कर रोका जा सकता है डाटा चोरी
इससे अगर बचना है तो बाजार में ‘यूएसबी कंडोम्ज’ के नाम से ‘यूएसबी डॉटा ब्लॉकर्ज’ मौजूद है. ये कंडोम की तरह उपयोगी और लाभदायक हैं. ये यूएसबी के जरिए डाटा चोरी के खतरे से बचाते हैं. ‘यूएसबी कंडोम्ज’ इन पुट और आउट पुट पोर्ट वाले छोटे यूएसबी अडॉप्टर होते हैं जो आपके मोबाइल चार्जिंग के वक्त डाटा का तबादला रोकते हैं.
आईबीएम कंपनी की साइबर सिक्योरिटी रिपोर्ट के मुताबिक, "वायरस युक्त सॉफ्टवेयर आपके फोन या लैपटॉप की कंप्यूटिंग पावर को हाईजैक करते हैं. जिसके नतीजे में आपके मोबाइल, लैपटॉप के प्रोसेसर का इस्तेमाल बढ़ता है और आपके डिवाइस की रफ्तार में धीमापन आ जाता है. फोर्ब्स पत्रिका को दिये इंटरव्यू में आईबीएम के साइबर सिक्योरिटी डिवीडन के कैलेब बार्लो ने बैंकिंग फ्रॉड रोकने के लिए यूएसबी कंडोम के इस्तेमाल पर जोर दिया था.