12 कारण, जो बताते हैं कि क्यों साल 2018 Apple के लिए रहा अभी तक का सबसे खराब साल
पिछले क्वार्टर में भारत में सिर्फ 400,000 आईफोन बिके.
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View In Appभारत में अगर कोई 1 लाख रुपये का फोन लॉन्च करता है तो उसे काफी कम लोग खरीदते हैं. और अब चीनी कंपनियों के प्रवेश के बाद ये और मुमकिन नहीं लगता है.
एनालिस्ट की मानें तो एपल की सेल में काफी बड़ी गिरावट देखी गई है. काउंटरप्वाइंट के अनुसार साल 2017 में ये आंकड़ा जहां 3.2 मिलियन यूनिट्स का था तो वहीं अब ये 1.7 मिलियन यूनिट तक ही पहुंच पाया है.
दरअसल जब आईफोन X लॉन्च किया गया था जो उसकी कीमत सबसे ज्यादा यानी की 1 लाख रुपये थी लेकिन पिछले साल आईफोन XS को उससे भी ज्यादा कीमत यानी की 70 प्रतिशत ज्यादा कीमत पर लॉन्च किया गया.
वनप्लस जो भारत में प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में नंबर 1 कंपनी है उसने पिछले क्वार्टर में 500,000 यूनिट्स बेचे.
जबकि इंडियन स्मार्टफोन मार्केट दोगुना हुआ है. साल 2014 में जहां ये 80 मिलियन था तो वहीं 2018 तक ये 150 मिलियन पहुंच गया.
भारत में एपल स्टोर्स न होने से भी सेल पर काफी असर पड़ा है. क्योंकि कोई भी फोन देखकर ही उसे खरीदता है.
इससे पहले भारत में जिस आईफोन को बनाया गया था वो आईफोन SE था. इसके बाद एक भी आईफोन को भारत में नहीं बनाया गया.
मीडिया रिपोर्ट की माने तो कॉम्पोनेंट और दूसरी चीजों पर एपल 15 सालों पर कम ड्यूटी चाहता है.
वहीं कस्टम ड्यूटी को भी एपल कम करना चाहता है. तो वहीं कुछ चीजों को कंपनी भारत में ही बनाना चाहती है.
ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि एपल के लिए पिछले कुछ हफ्ते काफी खराब रहे. वहीं अगर यहां पर कोई और कंपनी होती तो शायद उसे काफी नुकसान पहुंचता. लेकिन वो एपल ही है जो अभी तक टिकी हुई है. दरअसल इसके दो कारण है. पहला, भारत और चीन में एपल की काफी खराब सेल. ये दोनों मार्केट एपल के लिए सबसे बड़े मार्केट हैं. दूसरा, दोनों देशों में एपल का भविष्य उतना ठीक नहीं दिख रहा है. तो चलिए नजर डालते हैं कि आखिर एपल से कहां हुई चूक जिसका नतीजा ये निकला.
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु का मानना है कि सेल को लेकर वो एपल के ऑफिशियल्स से जल्द ही मुलाकात करने वाले हैं. जिससे भारत में एपल की बिक्री को सुधारा जा सके.
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