ब्रिटेन में आज यानी 4 जुलाई के दिन आम चुनाव के लिए वोटिंग हो रहा है. ब्रिटेन में इस साल कई भारतीय चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में ब्रिटेन के साथ भारत की नजर भी ब्रिटेन की राजनीति में है. आज हम आपको बताएंगे कि ब्रिटेन में कितने भारतीय नेता इस बार चुनाव लड़ रहे हैं. 


 ब्रिटेन आम चुनाव


बता दें कि ब्रिटेन आम चुनाव के लिए आज यानी 4 जुलाई को मतदान हो रहा है. गौरतलब है कि 2022 से ब्रिटेन की सत्ता भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के हाथों में हैं. इस बार भी वे कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं. पीएम पद के लिए ही नहीं एमी उम्मीदवारों में भी कई भारतीय मूल के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. ब्रिटेन में करीब 2.5 फीसदी भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इतना ही नहीं ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय आर्थिक और पढ़ाई के लिहाज काफी अच्छी स्थिति में हैं.


एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में  भारतीय परिवार हाई लेवल इनकम वाले परिवारों में सबसे आगे हैं और ब्रिटेन की जीडीपी में 6 फीसदी का योगदान देते हैं. यही काऱण है कि ब्रिटेन की राजनीति में भारतीयों का प्रभाव बढ़ रहा है. इसके अलावा ब्रिटेन में लगभग 25 लाख भारतीय वोटर हैं. इस बार सबसे ज्यादा भारतीय मूल के 107 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इस चुनाव में मुख्य रूप से दो पार्टियां मैदान में हैं. जिसमें ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव और कीर स्टीमार के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी है. इसके अलावा देश की दूसरी छोटी पार्टी की नजर भी भारतीय मूल के वोटरों पर है.


किस पार्टी में सबसे ज्यादा भारतीय


बता दें कि चुनाव में सबसे ज्यादा भारतीय मूल के उम्मीदवारों को लेबर पार्टी ने टिकट दिया है. लेबर पार्टी से 33 भारतीय मूल के कैंडिडेट चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी के ज्यादातर ब्रिटिश भारतीय उम्मीदवारों पब्लिक ऑफिसों और पॉलिसी सर्कल से अच्छी तरह वाकिफ हैं. 


इन उम्मीदवारों का भारत से गहरा नाता


पार्टी ने कुछ ऐसे उम्मीदवारों को भी चुनाव में उतारा है, जिनका भारत से गहरा नाता है. जैसे नॉर्थ बेडफ़ोर्डशायर सीट से उदय नागराजु चुनाव लड़ रहे हैं. उदय पेशे से एक आईटी प्रोफेशनल हैं और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के रिश्तेदार हैं. विंगस्टन सीट से हजीरा पिरानी को उतारा गया है. बता दें कि पिराना का परिवार मुंबई में परिवार माचीवाला के नाम से मशहूर है.


इसके अलावा ब्रिटिश भारतीय को टिकट देने में कंजर्वेटिव पार्टी भी ज्यादा पीछे नहीं है. कंजर्वेटिव की ओर से 30 भारतीय समुदाय के लोगों को उम्मीदवार बनाया गया है. कंजर्वेटिव पार्टी ने ज्यादातर प्रोफेशनल और कारोबारियों को टिकट दिया है. 


छोटे दलों से भी भारतीय लड़ रहे चुनाव 


इस बार चुनाव में छोटी पार्टियों ने भी ब्रिटिश भारतीयों को टिकट दिया है. ग्रीन पार्टी ने भारतीय समुदाय से 13 कैंडिडेट्स को उतारा है. जिसमें बोलटोन शहर से काउंसल मोहम्मद हनीफ अली भी शामिल हैं. वहीं रिफॉर्म यूके  ने 13 और लिबरल डेमोक्रेट ने 11 भारतीय को टिकट दिया है.


कैसे होती है वोटों की गिनती


भारत और ब्रिटेन के चुनावों में बहुत समानताएं हैं. आम चुनाव में यूके के हर हिस्से में 18 साल और इससे अधिक उम्र के लोग अपना सांसद चुनने के लिए मतदान करते हैं. मतदान कुल 650 संसदीय सीटों के लिए होता है. वहीं जनता द्वारा चुना गया व्यक्ति ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में पांच साल तक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है. ब्रिटेन के चुनाव में चार देश हिस्सा लेते हैं. इंग्लैंड के अलावा वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड शामिल है. ग्रेट ब्रिटेन इन चारों देशों का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए चार देशों की कुल 650 सीटों के लिए सांसद चुने जाते हैं. इनमें से इंग्लैंड के लिए 543, स्कॉटलैंड के लिए 57, वेल्स के लिए 32 और उत्तरी आयरलैंड के लिए 18 सांसदों का चुनाव किया जाता है. ब्रिटेन में सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 326 सीटों की जरूरत होती है. 


बैलेट बॉक्स के जरिए वोटिंग 


भारत की तरह यहां भी अलग-अलग क्षेत्रों से सांसद चुने जाते हैं, इसके बाद सबसे बड़ी पार्टी के सांसद अपना प्रधानमंत्री चुनते हैं. यहां बैलेट बॉक्स के जरिए जनता वोट करती है. यहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल नहीं होता है. यहां पोलिंग बूथों पर सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक वोटिंग होती है. वहीं वोटिंग होने के बाद यहां काउंटिंग शुरू हो जाती है. इसके बाद परिणाम आने लगते हैं. ब्रिटेन के 2024 में आम चुनाव में कुल 392 पार्टियां पंजीकृत हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव और मुख्य विपक्षी नेता कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी के बीच है.


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