कैसे हुई थी कोलकाता के ट्राम की शुरुआत, खत्म होने जा रही 151 साल की विरासत
151 साल बाद कोलकाता की ट्राम सेवा का सफर खत्म हो गया है. इस बीच चलिए जानते हैं कि आखिर इसकी शुरुआत कैसे हुई थी और अबतक इसका इतिहास क्या रहा है.
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कोलकाता में चलने वाली एकमात्र ट्राम सेवा 151 साल बाद बंद कर दी गई है. ये भारत की पहली और एशिया की एकमात्र ट्राम सेवा थी. 151 साल से अधिक समय तक शहर की धड़कन के रूप में रही इस सेवा को अब बंद करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इसका इतिहास क्या रहा है और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी.
कैसे हुई थी कोलकाता की ट्राम सेवा की शुरुआत?
बता दें 1873 में कोलकाता में पहली ट्राम सेवा शुरू हुई थी. वहीं यह हाथ से खींची जाने वाली ट्राम थी और धीरे-धीरे इसे घोड़े से खींचा जाने लगा. बाद में इसे बिजली से संचालित किया जाने लगा. कोलकाता की ट्राम न सिर्फ शहर की यातायात व्यवस्था का एक अहम हिस्सा थी, बल्कि शहर की संस्कृति और पहचान का भी एक अंग थी. बढ़ते शहरीकरण, यातायात की भीड़भाड़ और आधुनिक परिवहन के साधनों के आगमन के कारण ट्राम सेवा धीरे-धीरे कमज़ोर होती गई.
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क्या है कोलकाता की ट्राम का इतिहास?
19वीं सदी के मध्य में कोलकाता एक तेजी से बढ़ता हुआ शहर था. शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए, एक ऐसे परिवहन के साधन की आवश्यकता महसूस की गई जो सस्ता और सुविधाजनक हो. इसी जरुरत को पूरा करने के लिए 1873 में कोलकाता में पहली ट्राम सेवा शुरू की गई.
शुरुआत में, ये ट्राम हाथ से खींची जाती थीं. बाद में इन्हें घोड़ों से खींचा जाने लगा. 19वीं सदी के आखिरी में बिजली का आविष्कार हुआ और फिर कोलकाता की ट्रामों को बिजली से चलाया जाने लगा.
कोलकाता की पहचान बन गई थी ट्राम
कोलकाता की ट्राम सिर्फ एक परिवहन का साधन नहीं थी, बल्कि यह शहर की संस्कृति और पहचान का भी एक अंग थी. यह शहर के लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गई थी. ट्राम में सफर करना एक अनुभव था. ट्राम की धीमी गति से शहर के नज़ारे को निहारना एक अलग ही अनुभव था.
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क्यों बंद हो रही है ट्राम सेवा?
मेट्रो, बस और ऑटो-रिक्शा जैसे आधुनिक परिवहन के साधनों के आगमन से ट्राम की लोकप्रियता कम हुई है. वहीं शहर में बढ़ती यातायात की भीड़भाड़ के कारण ट्रामों का संचालन मुश्किल हो गया है. ट्राम लाइनों का रखरखाव के लिए पर्याप्त धनराशि का अभाव है. साथ ही ट्राम सेवा का संचालन काफी महंगा है.
एक युग का हुआ अंत
कोलकाता की ट्राम सेवा को बंद करने का फैसला शहर के लोगों के लिए एक बड़ा झटका है. यह शहर की एक ऐतिहासिक विरासत है और इसे खोना शहर के लिए एक बड़ा नुकसान है.
गौरतलब है कि कोलकाता की ट्राम सेवा को बंद करने के फैसले के खिलाफ कई प्रदर्शन हुए हैं. लोग इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि ट्राम सेवा को बचाया जा सकता है और इसे आधुनिक बनाने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं.
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