भारत में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव आयोग इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तारीख़ों की घोषणा कर चुकी है. देश में कुल 7 चरण में चुनाव होंगे. चुनावी घोषणा के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो चुकी है. चुनाव के लिए आयोग सारी तैयारियां कर रहा है. लेकिन क्या आचार संहिता लागू होने के बाद सड़क निर्माण जैसे कार्यों पर रोक लग जाती है? जानिए क्या कहता है नियम.
आचार संहिता
अधिकांश लोगों के मन में ये बात होती है कि आचार संहिता लागू होने के साथ बहुत सारे निर्माण कार्य, प्रशासनिक कार्य रूक जाते हैं. आखिर इसके पीछे कितनी सच्चाई है और नियम क्या कहता है. उदाहरण के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले अगर किसी सड़क का निर्माण कार्य शुरू होता है तो क्या वो चुनाव से पहले पूरा होगा या नहीं.
सार्वजनिक उद्घाटन
बता दें कि राज्य या देश में चुनावों की तारीख का एलान होने और आचार संहिता लागू होते ही कोई भी नेता या अधिकारी सार्वजनिक उद्घाटन या शिलान्यास नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा नए कामों की स्वीकृति भी नहीं दी जाती है.
लेकिन आचार संहिता लगने से पहले ही निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगर सड़क निर्माण कार्य शुरू होता है, तो आचार संहिता लगने और चुनाव के दौरान वो सरकारी निर्माण कार्य नहीं रूकता है. जानकारी के मुताबिक निविदा में उस निर्माण कार्य के लिए जो अवधि तय होती है, उसी के मुताबिक निर्माण कार्य पूरा किया जाता है. राज्य या देश में सरकार बदलने से उन कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. हालांकि किसी अन्य कारणों से सरकार उन कार्यों को रोक जरूर लगा सकती है.
सड़क निर्माण कार्य
बता दें कि आचार संहिता लागू होने से पहले ही कंपनी निविदाएं प्रक्रिया पूरी करते हुए सड़कों का निर्माण शुरू कर देती है. जिससे निर्माण कार्यों पर कोई प्रभाव ना पड़े. लेकिन अगर आचार संहिता लगने से पहले किसी सड़क निर्माण की निविदा नहीं पूरी होती है, तो उस कार्य को फिर चुनाव के बाद ही शुरू किया जाता है. क्योंकि आचार संहिता लगने के बाद किसी नए काम को नहीं शुरू किया जाता है.
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