(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
25 प्रतिशत 14 से 18 साल केे बच्चे नहीं पढ़ पा रहे दूसरी कक्षा की किताब, सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
ASER रिपोर्ट मेें खुलासा हुआ कि 0 से शुरू करने पर ज्यादातर बच्चे लंबाई माप सकते हैं लेकिन बिंदु बदलने पर 39 प्रतिशत ऐसा नहींं कर पाते.
हाल ही में ASER 2023 ‘बियॉन्ड बेसिक्स’ सर्वे की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुुआ है. दरअसल बुधवार को प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट मेें पता चला है कि 14 से 18 साल तक के 86.8 प्रतिशत बच्चे स्कूल में हैं, लेकिन उनमें से 25 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो अपनी ही क्षेत्रीय भाषा में दूसरी कक्षा की किताब पढ़नेे में कठिनाई महसूस करते हैं.
वहीं जब बेसिक गणित स्किल्स का मूल्यांकन किया गया तो रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 85 प्रतिशत बच्चेे 0 से शुरू करने पर तो लंबाई माप सकते हैं लेकिन यदि शुरुआती बिंंदु बदल दिए जाएं तो उनमें से 39 प्रतिशत बच्चेे ऐसे हैं जो लंबाई नहीं माप सकते.
आधे से अधिक स्टूडेंट्स नहीं कर पा रहे भाग
रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि इनमें से आधे से अधिक स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं जो भाग यानी डिवाइड नहीं कर पा रहे हैं. जहां आप तीसरी से चौथी क्लास केे बच्चों से जिन सवालों के जवाब की उम्मीद करते हैं वहीं 14 से 18 साल के 43.3 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे सवालों को सही से हल कर पाने में सक्षम हैं.
26 राज्योंं में हुआ सर्वे
ये सर्वे 26 जिलों के 28 जिलों में किया गया है. जिसमें ये भी खुलासा हुआ कि सिर्फ 28.1 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनके STEM (विज्ञान, टेक्नॉलजी, इंजीनियरिंग और गणित) में अपना करियर बनाने की संभावना दिख रही है. वहीं इसी आयु वर्ग के 36.3 प्रतिशत लड़केे ऐसे हैं जिनकी इन विषयों में कोई रुचि नहीं है.
इतनेे बच्चे पढ़ सकते हैं अंग्रेजी
रिपोर्ट के अनुसार 57.3 प्रतिशत बच्चेे ऐसे हैं जो अंग्रेजी के वाक्यय पढ़ सकते हैं, लेकिन उनमें से 73.5 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही उनका अर्थ बता सकते हैं. इस सर्वे में अपनी क्षेत्रिय भाषा की किताब पढ़नेे में लड़कियां लड़कोंं से आगे तो रहीं लेकिन गणित और अंग्रेजी पढ़ने में लड़के आगेे रहे.
बता देें ASER एक राष्ट्रव्यापी नागरिक-नेतृत्व घरेलू सर्वे है जो ग्रामीण भारत में बच्चों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति का सर्वेे कर उसके बारे में बताता है.
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