सभी देशों में बुजर्गों को सबसे अधिक उम्मीद पेंशन से होती है. क्योंकि पेंशन आने से उनकी जिंदगी की बहुत सारी मुश्किल कम हो जाती है. भारत में केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का ऐलान कर दिया है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर सीनियर सिटिजन सबसे अधिक खुश रहते हैं और उन्हें 5 तरह की पेंशन दी जाती है. जी हां, आज हम आपको जिस देश के बारे में बताने वाले हैं, वहां पर सीनियर सिटिजन लोगों को 5 तरह की पेंशन दी जाती है. 


पेंशन


भारत में सरकारी कर्मचारियों की असली कमाई उनका पेंशन होता है, जो बुजुर्ग होने पर आर्थिक रूप से साथ देता है. भारत में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का ऐलान होने के बाद से ही लगातार इसकी चर्चा चल रही है. हालांकि ये अगले वित्त वर्ष से लागू होगी. 


सबसे अधिक पेंशन


दुनियाभर के कई देशों में बुजुर्गों के लिए कई तरह की स्कीम लागू है, जिसमें पेंशन भी शामिल है. लेकिन सबसे अच्छी पेंशन सुविधा को लेकर हमेशा सबसे पहले नीदरलैंड की बात होती है. लेकिन इसके अलावा एक देश ऐसा भी है जहां एक, दो नहीं बल्कि पांच तरह की पेंशन मिलती है. 


बता दें कि फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश कहा जाता है. यहां के लोगों की खुशहाली में पेंशन का भी अहम रोल है. यहां का पेंशन सिस्टम ऐसा है कि हर कैटेगरी के लोगों को बुढ़ापे में कुछ पैसा मिलता है. जानकारी के मुताबिक फिनलैंड सरकार कई तरह की पेंशन देती है. पहला पेंशन कमाई के आधार पर देती है. दूसरा पेंशन इस देश में नेशनल पेंशन है. ये यहां की नागरिकता के आधार पर मिलती है.


नेशनल पेंशन सिस्टम


बता दें कि फिनलैंड सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम में चार कैटेगरी बनाई है, ओल्ड ऐज पेंशन, डिसएबिलिटी पेंशन, ईयर ऑफ सर्विस पेंशन और सर्वाइवर्स पेंशन है. इसके अलावा एक कैटेगरी कमाई के आधार पर मिलने वाली पेंशन की भी है. 


ओल्ड ऐज पेंशन: यह पेंशन उन लोगों को खास फायदा पहुंचाता है, जिन्होंने जॉब सेक्टर में बहुत लम्बा समय दिया है. ओल्ड ऐज पेंशन फिनलैंड सरकार की तरफ से दी जाती है. बता दें कि यह उन्हीं को मिलता है, जो फिनलैंड के आधिकारिक नागरिक होते हैं. इसे पार्शियल ओल्ड ऐज पेंशन भी कहते हैं. 


डिसएबिलिटी पेंशन: यह पेंशन फिनलैंड के उन लोगों को मिलती है, जो वर्किंग के दौरान हमेशा के लिए किसी ऐसी दुर्घटना का शिकार हो गये और काम करने में असमर्थ हो गये हैं. यहां डिसएबिलिटी पेंशन से पहले उन्हें रिहैबलिटेशन बेनिफिट भी दिया जाता है. बता दें कि डिसएबिलिटी पेंशन उन्हें मिलती है, जो दुर्घटना के कारण घर की जिम्मेदारी संभालने में असमर्थ हैं. वहीं उनकी उम्र 16 से 64 साल है. 


ईयर्स ऑफ सर्विस पेंशन: ये पेंशन उन लोगों को मिलता है, जिनकी उम्र 63 साल या उससे अधिक है. इसमें जॉब सेक्टर में 38 साल तक काम करना भी जरूरी होता है.  लेकिन शरीर में काम करने की क्षमता खत्म होने के बाद आवेदन करते समय मेडिकल सर्टिफिकेट भी जमा करना जरूरी होता है.


सर्वाइवर्स पेंशन: यह पेंशन सर्वाइवर्स के पति/पत्नी को दी जाती है. जिनके बच्चे की उम्र 20 साल या इससे कम है. बता दें कि इसे फिनिश सोशल सिक्योरिटी में कवर किया गया है.


वर्किंग पेंशन: यह नेशनल पेंशन सिस्टम का हिस्सा नहीं है. बता दें कि कमाई यानी वर्किंग के आधार पर मिलने वाली इस पेंशन के लिए कंपनियों और कर्मचारी दोनों योगदान देते हैं. पेंशन के लिए वेतन से कुछ हिस्सा कटता है और कुछ हिस्सा कंपनी देती है. इस तरह यह पेंशन तैयार होता है.


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