Indian Railway: कई बार ऐसी खबरें सामने आई हैं कि ट्रेन से कोई जानवर टकरा गया और उसकी मृत्यु हो गई. इस तरह की खबरें सुनकर मन दुःखी जरूर होता है, लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं? अब जानवर को कैसे समझाया जाए कि ट्रेन के आगे मौत है. जानवर तो इस दुनिया की टेक्नोलॉजी से अलग अपनी प्राकृतिक दुनिया में जीता है. खैर, इस तरह की हर खबर हमें दुःख देती है, लेकिन जानवरों की मौत से जुड़े कैग के आंकड़े आपको झकझोर कर रख देंगे. कैग के आंकड़े बताते है कि ट्रेन की पटरियों पर हजारों की संख्या में जानवरों की मौत हुई है. 


इतने जानवर हुए मौत का शिकार


कैग के आंकड़े बताते है कि भारत में साल 2017-18 से 2020-21 के बीच 3 एशियाई शेरों और 73 हाथियों के साथ 63,000 से अधिक जानवरों की मौत रेलवे पटरियों पर हुई है. कैग ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के साथ मिलकर रेलवे की तरफ से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर चिंता भी जताई है. दरअसल, कैग एक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक है, और इसने अपनी रिपोर्ट पिछले महीने संसद में पेश की थी. कैग ने रिपोर्ट ‘परफॉर्मेंस ऑडिट ऑन डिरेलमेंट इन इंडियन रेलवे’ में कहा है कि रेलवे को यह कन्फर्म करना चाहिए कि उन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन हो रहा है जिन्हें जानवरों की मौत को रोकने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय ने जारी किया था. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दी गई सलाह ही इन आंकड़ों में कमी ला सकती है. 


3 सालों की रिपोर्ट में क्या मिला?


कैग ने इन 3 सालों में पाया कि 73 हाथियों और चार शेरों समेत 63,345 जानवर ट्रेन की पटरियों पर अपनी जान गवा चुके हैं. कैग ने आगे कहा कि हाथियों से जुड़े ट्रेन हादसों को रोकने के लिए दोनों मंत्रालयों ने सामान्य सलाह को रेलवे के लिए 2010 में संयुक्त रूप से जारी किया था. अब हम सलाह की इतनी बात कर रहे हैं तो आइए इस सलाह को जान भी लेते हैं. सलाह में रेलवे पटरी के किनारों पर वनस्पति की सफाई आदि को शामिल किया गया था. इससे जानवर चराई के लिए पटरी के पास नहीं आएंगे. हालांकि इन सलाहों को मानने में कई तरह की कमी सामने आई हैं.


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