Golden Mummy: लोगों की मौत के बाद उनके शरीर को ममी बनाने की मान्यता, प्राचीन मिस्र के समय से ही चलन में है. आज भी कुछ लोग अपने प्रियजनों को मौत के बाद उनके शरीर को ममी में तब्दील करवाते हैं. दरअसल, ममी बनवाने के पीछे मान्यता है कि जब उनका पुनर्जन्म हो तो वो वापस वही शरीर पा सकें. कुछ लोग तो ममी के साथ उनकी कुछ कीमती और प्रिय चीजों को भी दफ्न करवा देते थे. मिस्र में भी एक एक ऐसी ही ममी मिली, जिसका दिल भी सोने का है और जीभ भी सोने की. सिर्फ इतना ही नहीं, ये ममी 21 तरह की तकरीबन 49 सोने की ताबीजें पहने है. इसीलिए इस ममी को गोल्डन बॉय ममी नाम दिया गया है. आइए जानते हैं इस अनोखी ममी के बारे में...


2300 साल पुरानी ममी 


शरीर के अंदर धड़कने वाला दिल और जीभ सोने के हो सकते हैं? इन दोनों ही सवालों का जवाब है 'ना', लेकिन मिस्र में एक ऐसी ममी मिली है, जिसका दिल और जीभ दोनों सोने के हैं. गोल्डन बॉय ममी 1916 में पाई गई थी. इसे तब मिस्र की राजधानी काहिरा के मिस्र संग्रहालय में रखा गया था. काहिरा यूनिवर्सिटी की डॉ. सेहर ने अब इस ममी की सिटी स्कैन कर जांच की, तो इसमें 21 तरह के 49 ताबीज मिले. जांच में यह भी सामने आया कि ये ममी एक टीन एजर की है. ये ममी लगभग 2300 साल पुरानी बताई जा रही है.


दो तरह की होती हैं ममी 


ममी दो तरह की होती हैं. एक होती है आर्टिफिशयल और दूसरी नैचुरल, मिस्र में जो ममी बनती हैं वो आर्टिफिशयल होती हैं. दरअसल, मौत के बाद बॉडी अपने आप डीकंपोज होना शुरू हो जाती है, पेट के अंदर के बैक्टीरिया पहले शरीर के अंगों को खत्म करते हैं और फिर हड्डियों को भी चट कर जाते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें ऑक्सीजन मिलनी जरूरी होती है. मिस्र में शवों पर केमिकल्स और सॉल्ड का लेप लगाकर लेनिन का कपड़ा लपेट दिया जाता था, जिससे कि ऑक्सीजन न मिल सके. इसी वजह से शव इतने दिनों तक सुरक्षित रहते हैं.


नेचुरल ममी 


नैचुरली ममी ग्लेशियर या रेगिस्तान में बनती हैं. इन स्थानों पर न तो नमी होती है और न ही ऑक्सीजन, ऐसे में सालों तक भी शरीर खराब नहीं होता है. ऐसी ही एक ममी अभी हाल में मिली थी. यह 600 साल पुरानी सांघा टेन्जिन की ममी है. इसपर किसी तरह का लेप नहीं है, तब भी शव एकदम सुरक्षित है.


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