इस व्हेल से डर रहे हैं कई देश, निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं अफसर, आखिर इसमें ऐसा क्या है?
दरअसल, 4 साल पहले नार्वे के समुद्री तट के आसपास एक सफेद बेल्यूगा व्हेल दिखाई दी थी. इसमें अजीब बात यह थी कि उसके शरीर पर एक खास किस्म का पट्टा लगा था. आइए जानते हैं इसमें अजीब क्या है.
Spy whale: समुद्र के साथ-साथ व्हेल इस धरती पर पाया जाने वाला भी सबसे बड़ा जीव है. वैसे तो यह इंसानों को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचाती है, लेकिन दुनिया में एक ऐसी व्हेल भी है, जिसे कई देश खौफ खाते हैं. यह खौफ इतना ज्यादा है कि नागरिकों को समुद्र में जाने के लिए मना कर दिया जाता है और समुद्री दलों को अलर्ट कर दिया जाता है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस व्हेल में ऐसा क्या है? आइए बताते हैं...
आखिर इस व्हेल से क्या खतरा है?
दरअसल, 4 साल पहले नार्वे के समुद्री तट के आसपास एक सफेद बेल्यूगा व्हेल दिखाई दी थी. इसमें अजीब बात यह थी कि उसके शरीर पर एक खास किस्म का पट्टा लगा था. विशेषज्ञों के मुताबिक, वह जासूसी में इस्तेमाल होने वाला हार्नेस था. जिसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि रूस की नेवी ने इस बेल्यूगा व्हेल को जासूसी के लिए ट्रेनिंग देकर उसके शरीर पर कैमरा और बाकी उपकरण लगाए हैं.
नावों का करती है पीछा
पिछले चार सालों से यह नार्वे के तटों पर ही घूम रही है. हालांकि, पहले तो यह कुछ दूरी पर थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से आंतरिक इलाकों में आ गई है. अधिकारियों को डर है कि रूस यह व्हेल नावों का पीछा करती है. जिससे रूस जानकारियां जुटा रहा है. हालांकि, इस पर रूस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई.
रूस का समुद्री जासूस है ये व्हेल!
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में भी अधिकारियों ने बेल्यूगा प्रजाति की इसी व्हेल पर हार्नेस देखा था. उस दौरान भी तटीय लोगों के लिए देशों ने अलर्ट जारी किया था. इन देशों के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह व्हेल रूस का एक ट्रेन्ड जासूस है. इस जासूस व्हेल को रूस के राष्ट्रपति के नाम से जोड़कर ह्वाल्डिमिर नाम दिया गया है.
नावों तक पहुंचने की कोशिश में हो चुकी जख्मी
नार्वेजियन डायरेक्टोरेट ऑफ फिशरीज ने अपने एक बयान में कहा है कि ह्वाल्डिमिर नावों का पीछा करने की कोशिश कर रही है. यह नावों के इतना पास आ जाती है कि कई बार तो इसे गंभीर चोट तक लग जाती है. ह्वाल्डिमिर का नार्वे के तट पर होना इस देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. ह्वाल्डिमिर की हरकतों पर समुद्री दल इसलिए भी नजर रखे हुए है, क्योंकि उन्हे डर है कि कहीं यह टूरिस्ट प्लेस ओस्लोफजॉर्ड तक न पहुंच जाए.
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