एक ऐसा देश जो चल रहा बाकि देशों से 7 वर्ष पीछे, यहां एक साल में होते हैं इतने महीने
पूरी दुनिया जहां 2024 में जी रही है वहीं एक देश ऐसा भी है जो 2017 में जीवन यापन कर रहा है. चलिए आज इस अनोखे देश के बारे में जानते हैं.
दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो अपने अनोखेपन के लिए जाने जाते हैं. कहीं प्राकृतिक सुंदरता बहुत है तो कोई देश अपने अनोखेपन के लिए जाना जाता है. आज हम भी आपको एक ऐसे ही अनोखे देश के बारे में बताने जा रहे हैं. जो बाकी सभी से 7 साल पीछे जी रहा है. इस देश में आपको टाइम ट्रेवल जैसा एहसास होगा.
सात साल पीछे चल रहा ये देश
कहते हैं वक्त तेजी से गुजरता है, लेकिन क्या आप एक ऐसे देश के बारे में जानते हैं जहां वक्त भी बाकी देशों से काफी पीछे चल रहा है. दरअसल हम इथिपोपिया की बात कर रहे हैं. ये एक ऐसा देश है जो बाकी देशों के मुकाबले 7 साल पीछे चल रहा है. इस देश में 12 नहीं बल्कि 13 महीने होते हैं. यहां का कैलेंडर दुनिया से 7 साल 3 महीने पीछे चलता है.
यहां के लोग आखिरी महीने को पैग्यूम कहते हैं, जिसमें 5 या फिर 6 दिन होते हैं. इस महीने को उन दिनों की याद में जोड़ा गया है, जो किसी कारण से साल की गिनती में नहीं आ पाते.
प्राचीन कैलेंडर का इस्तेमाल कर रहा देश
इथियोपिया की बात करें तो अपने अलग कैलेंडर के कारण यहां के लोगों ने 11 सितंबर, 2007 को नई शताब्दी मनाई थी. इस कैलेंडर को रोमन चर्च ने 525 ईस्वी में संशोधित किया था.
आज भी ये देश अपने प्राचीन कैलेंडर का ही इस्तेमाल कर रहा है, जिससे शायद ही पर्यटकों को कोई असुविधा होती है. हालांकि देश के ज्यादातर लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर का भी पालन करते हैं और कई आयोजनों में दोनों कैलेंडर को ध्यान में रखा जाता है.
इस देश में कब से रह रहा इंसान?
इथियोपिया कुछ उन देशों में आता है, जो अपने खुद के कैलेंडर सिस्टम का इस्तेमाल करता है. देश में महत्वपूर्ण छुट्टियां उन दिनों में मनाई जाती है, जो बाकी दुनिया से अलग हैं. पुरातात्विक निष्कर्षों में यहां का अफार क्षेत्र सबसे पुराना बताया जाता है. माना जाता है कि यहीं से इंसानों के रहने की शुरुआत हुई थी. इस जगह पर 3.2 मिलियन साल पुराना होमिनिड कंकाल भी मिला था.
इस देश के लोगों के मुताबिक, देश कभी भी औपनिवेशिक नियंत्रण में नहीं रहा. ऐसा कहा जाता है कि इतालियों ने इसे 1935 में अपना उपनिवेश बनाया था और सेना के साथ 6 साल तक देश पर शासन भी किया. हालांकि इथियोपिया की सेना ने इस शासन का विरोध किया और अपने देश को मुक्त करा लिया. कुछ स्थानीय लोग इस पर कहते हैं कि हमने तब तक इंतजार किया, जब तक उन्होंने हमारे लिए इमारतें और रेलवे का निर्माण नहीं किया और फिर उन्हें बाहर निकाल दिया गया.
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