लंदन के म्यूजियम में रखी है एक ऐसी जानलेवा चीज, जिसे कभी माना गया था जादुई
दुनिया में कई ऐसी अजीबोगरीब चीजें हैं जो लोगों को आकर्षित करती हैं. लंदन के म्यूजियम में भी एक ऐसी ही चीज रखी है जिसे पहले जादुई माना गया था लेकिन वो जानलेवा निकली.
दुनियाभर में कई चीजें बहुत अजीब हैं तो कई बहुत चमत्कारिक. लंदन के नैचुरल हिस्ट्री म्यूूजियम में भी कुछ ऐसी ही चीज रखी हुई है. इसेे देखकर तो लगता है कि इसे गलती से डिस्प्ले में रख दिया गया है. हालांकि ये वही चीज है जिसे एक समय पर जादुई माना गया था लेकिन बाद में पता चला कि ये बहुत जानलेवा है.
क्या है वो चीज?
दरअसल नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में जिस जगह पर इसे रखा गया है उसे मिनरल गैलरी के नाम से जाना जाता है. इस गैलरी में नक्काशीदार खंभों और बड़ी खिड़कियों के बीच में ओक की लकड़ी पर एक प्लास्टिक का डिस्प्ले केस रखा हुआ है. जिसपर चेतावनी के रूप में 'डू नोट ओपेन' लिखा हुआ है. इसे बहुत ही सावधानीपूर्वक रखा गया है. ताकि ये किसी के लिए खतरा न बन जाए. दरअसल इसका नाम एस्बेस्टस पर्स है.
आग से साफ होता था एस्बेस्टस
दरअसल ये धागे की तरह होता था जिसे बड़े-बड़े राजा अपनी टोपी में बुुनवाते थे. इसे ड्रिंक में शॉट्स में डालकर भी पिया जाता था. ये कभी गंदा नहीं होता था और होता भी था तो इसमें आग लगाकर इसे साफ किया जा सकता था क्योंकि एस्बेस्टस एक ऐसी चीज थी जो कभी जलती नहीं थी. यही वजह थी कि इसे काफी चमत्कारी वस्तु माना जाता था और कपड़ों से लेकर बिल्डिंग के निर्माण तक में इसका उपयोग होने लगा था.
कैसे जहरीला होने के मिले संकेत?
इसके जहरीला होने के संकेत धीरे-धीरे सामने आने लगे. इससे लोगों को धीरे-धीरे कुछ बीमारियों ने घेरना शुरू कर दिया. फिर साल 1899 में पुल्मनेरी फाइब्रोसिस से पीड़ित 33 साल के एक कपड़ा मिल मजदूर की जान चली गई. डॉक्टर को इलाज के दौरान पता चला था कि उसकी इस बीमारी की वजह एस्बेस्टस थी. फिर धीरे-धीरे इससे पीड़ित ज्यादा लोग सामने आनेे लगे. एक समय ऐसा आया कि इसके ठीक सौ साल बाद यानी साल 1999 में ब्रिटेन ने एस्बेस्टस पर बैन लगा दिया.
हालांकि इसकी मदद से बनी कई इमारतों का आज भी इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन कहा जाता है कि ये इमारतें जैसे-जैसे कमजोर होंगी, वैसे-वैसे इसमें मौजूद एस्बेस्टस लोगों को नुकसान पहुंचाएगा.
यह भी पढ़ेें: वर्ल्ड बैंक ने इसे घोषित किया दुनिया का सबसे गरीब देश, 85 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे