दुनियाभर में एक बार फिर से नए वायरस ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. इस वायरस का नाम डिंगा-डिंगा है.यह बीमारी अफ्रीका के युगांडा में सामने आई है. बता दें कि ‘डिंगा डिंगा’ का अर्थ ‘नाचने जैसा हिलना’ है. बता दें कि यह रहस्यमयी बीमारी मुख्य रूप से युगांडा के बुंदीबुग्यो जिले की महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित कर रही है. आज हम आपको इस वायरस के बारे में बताएंगे.


डिंगा-डिंगा वायरस


फर्स्टपोस्ट इंग्लिश की एक रिपोर्ट के मुताबिक युगांडा के बुंदीबुग्यो जिले में पहली बार एक विचित्र वायरस सामने आया है. इस विचित्र बीमारी के कई प्रकार के परेशान करने वाले लक्षण हैं. जिसमें सबसे ज्यादा नृत्य जैसी हरकतों के साथ शरीर का अत्यधिक हिलना शामिल है. इस वायरस से पीड़ित लोगों को तेज बुखार, अत्यधिक कमजोरी और कुछ मामलों में लकवाग्रस्त होने का अहसास भी होता है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रभावित लोगों के लिए चलना लगभग असंभव हो जाता है. क्योंकि अनियंत्रित कंपन के कारण चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है. 


शरीर में होता है कंपन


इस वायरस से ग्रसित लोगों को चलने और खड़े होने में समस्या होती है. हालांकि इससे अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह रोग अफ्रीकी देश में तेजी से फैल रहा है। वहां के स्वास्थ्य अधिकारी इसके पीछे के कारण का पता लगाने के लिए प्रयासरत हैं.


क्या हैं डिंगा-डिंगा के लक्षण


एक मरीज, पेशेंस कटुसिमे ने बीमारी से संबंधित अपना निजी अनुभव साझा किया है. उन्होंने कहा कि लकवाग्रस्त होने के बावजूद उसका शरीर अनियंत्रित रूप से कांपता रहता था. 18 वर्षीय युवक ने युगांडा के अखबार मॉनिटर को बताया था कि मुझे कमजोरी महसूस हुई और लकवा मार गया था. जब भी मैं चलने की कोशिश करता, मेरा शरीर अनियंत्रित रूप से हिलने लगता था. उन्होंने कहा कि यह बहुत परेशान करने वाला था. मुझे इलाज के लिए बुंडिबुग्यो अस्पताल ले जाया गया और भगवान का शुक्र है कि अब मैं ठीक हूं.


300 मामले आए हैं सामने


बता दें कि इस बीमारी की पुष्टि केवल बुंडिबुग्यो में हुई है, जहां लगभग 300 मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि किसी की मृत्यु की जानकारी नहीं है. 2023 की शुरुआत में पहली बार पता चली यह बीमारी अभी भी जांच के दायरे में है. स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं इसके कारण का पता लगाने के लिए काम कर रही हैं. आगे के एनालिसिस के लिए नमूने युगांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए हैं.