इसे कहेंगे 'सुपर लेट', जानिए कैसे 54 साल बाद सही पते पर पहुंचा एक पोस्टकार्ड
जानकारी के मुताबिक, ये पोस्टकार्ड साल 1969 में पेरिस से भेजा गया था जो 54 साल बाद अपने सही पते पर पहुंचा है. जिसके लिए ये पोस्टकार्ड 54 साल पहले भेजा गया था, उनका नाम है मिस्टर एंड मिसेज रेने ए गगनन.
जब कभी आपकी ट्रेन लेट हो जाती है, या आज के समय में आप कुछ ऑर्डर करते हैं और उसकी डिलेवरी लेट हो जाती है तो आपको कितनी खीझ होती है. लगता है जैसे दम बीस मिनट लेट करने वाले ने गुनाह कर दिया है. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि इसी दुनिया में एक चीज 54 साल बाद सही पते पर पहुंची है तो आप क्या कहेंगे. दरअसल, हम जिस चीज की बात कर रहे हैं, वो है एक पोस्टकार्ड जो कुछ दिनों पहले अपने सही पते पर पहुंचा है. हालांकि, उसे सही पते पर पहुंचन के लिए लगभग 54 साल लग गए. लेकिन दुख की बात तो ये है कि जब ये पोस्टकार्ड अपने सही पते पर पहुंचा तो इसे लेने वाला शख्स वहां मौजूद ही नहीं था.
क्या है पूरा मामला?
बैंगलोर डेली न्यूज़ वेबसाइट पर एक खबर छपी है जिसके अनुसार, फ्रांस की जेसिका मीन्स नाम की एक महिला को एक पोस्टकार्ड मिला जो लगभग 54 साल पहले भेजा गया था. दरअसल, बीते सोमवार को जैसे ही महिला ने अपना मेलबॉक्स खोला उसे उसमें एक पोस्टकार्ड मिला जो एक ऐसे शख्स के लिए लिखा गया था जिसे मरे हुए लगभग तीस साल हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक, ये पोस्टकार्ड साल 1969 में पेरिस से भेजा गया था जो 54 साल बाद अपने पते पर पहुंचा है. जिसके लिए ये पोस्टकार्ड 54 साल पहले भेजा गया था उनका नाम है मिस्टर एंड मिसेज रेने ए गगनन.
क्या लिखा था इस पोस्टकार्ड में?
इस पोस्ट कार्ड में लिखा था, 'जब तक ये कार्ड आपको मिलेगा, मैं घर आ चुका होऊंगा, लेकिन इसे एफिल टॉवर से भेजना मुझे सही लग रहा है, जहां पर अभी मैं मौजूद हूं. बहुत कुछ देखने का तो मौका नहीं मिला, लेकिन जितना देखा वो मज़ेदार रहा.’ पोस्टकार्ड में लिखी बातों से ये तो साफ है कि इस खत को एफिल टॉवर से भेजा गया था. आपको बता दें जेसिका ने जब से इसे सोशल मीडिया पर डाला है इसे लाखों करोड़ों लोगों ने पढ़ा है.
ये भी पढ़ें: रॉकेट, मिसाइल या टॉरपीडो... कौन-सा हथियार इस्तेमाल करना है अब नौसेना को बताएगा AI