राम मंदिर के नीचे बनाई गई है खास चट्टान, जिससे कई गुना बढ़ जाएगी मजबूती
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में उस हर चीज का ध्यान रखा जा रहा है जिससे इसे वर्षों तक सहेजा जा सके. इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर के नीचे एक खास चट्टान का निर्माण भी किया गया है.

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का उनके भक्तों को बेसब्री से इंतजार है. इस भव्य मंदिर को इस तरह बनाया जा रहा है कि दशकों तक इसे सहेजा जा सके. मंदिर में हर वो चीज लगाई जा रही है जो इसे दुनिया का सबसे बेहतरीन मंदिर बनाती है. मंदिर में लगे स्तंभों में भगवान की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं तो वहीं इसकी मजबूती का ध्यान रखते हुए इसमें लोहे का उपयोग नहीं किया गया है. इन सब के इतर मंदिर को खास मजबूती प्रदान करने के लिए इसके नीचे खास चट्टान बनाई गई है जिससे इसकी मजबूती को कई गुना बढ़ाया जा सके.
मंदिर के नीचे बनाई गई खास चट्टान
राम मंदिर को जमीन की नमी से बचाने और वर्षों तक इसे मजबूत बनाए रखने के लिए मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. जिसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है. मंदिर को बनाने में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि लोहे का उपयोग न किया जाए. जिसके चलते राम मंदिर की धरती पर बिल्कुल भी क्रंकीट नहीं है.
क्या होती है कृतिम चट्टान?
दरअसल कृतिम चट्टान एक मानव निर्मित चट्टान होती है जो प्राकृतिक चट्टानों की तरह बनाई जाती है. इस तरह की चट्टान को बनाने में कॉम्पेक्टेड कंक्रीट, जहांज, मिट्टी जैसी चीजों का उपयोग किया जाता है जिससे उस चट्टान की मजबूती बनी रहे और विशेष कार्यों के लिए उसका उपयोग किया जा सके. कहा जाता है पहली बार कृतिम चट्टान का उपयोग 1970-1980 के दशक में मूंगा पारिस्थितिक तंत्र की बहाली के लिए किया जाना शुरू हुआ था, जिसके बाद इनका उपयोग कई उद्देश्यों की पूर्ती के लिए किया जाने लगा.
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